कहा जाता है कि किसी भी काम को करने के लिए मेहनत की ज़रुरत होती है उसी तरह किसी भी चीज़ को अपनाने से ज़्यादा यह भी ज़रूरी होता है कि उस पर अमल किया जाये,
जी हाँ ऐसा ही मामला सामने आया है जोकि मज़हब से ताल्लुक रखता है जिसे हम एक बार क़ुबूल करते है तो उसके द्वारा बताये गए सभी रास्तो पर हमे सच्चे दिल से चलना पड़ता है. क्योकि जिस मज़हब को भी हम लोग मानते है उसकी हर बात को हमे बारिकी से हमे मानना पड़ता है चाहे वो कोई सा भी मज़हब हो.
आपको बतादे की साल 2011 साउथ अफ्रीका के तेज़ गेंदबाज़ वायने पर्नेल के लिए ख़ास था जब उन्होंने अपनी मर्जी से इस्लाम क़ुबूल किया और इसकी बताई राह पर चलने का वादा खुद से किया।
आज तक उसी वादे को निभाते आ रहे पर्नेल ने केपटाउन की फैशन ब्लॉगर आयशा बेकर से जीनातुल इस्लाम मस्जिद में निकाह कर अपने मजहब के अनुसार एक दूरसे से ज़िन्दगी भर साथ रहने का वादा किया।
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