जब किसी रहस्यमयी जगह की बात होती है, तो बरमुडा का ज़िक्र होना लाज़िमी है। ये दुनिया का सबसे बड़ा रहस्य माना जाता है जिसे आज तक कोई भी सुलझा नहीं पाया है। न जाने कितने ही शिप और एयर प्लेन्स को ये दैत्य रूपी सागर अपने आप में समां चुका है। दैत्य रूपी हमने इसलिए कहा क्योंकि एक बार जो इसकी सीमा में प्रवेश कर जाता है, वो कभी लौट कर नहीं आता.
लेकिन हाल ही में हुई घटना ने सबको हिला कर रख दिया, वो हो गया जिसकी आप क्या कोई भी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था। एक जहाज़ 90 साल बाद इस रहस्यमयी ट्रायएंगल से लौट आया।
कुछ लोगों का दावा है कि ये गायब होने की बातें ‘मानव त्रुटि (human error)’ या ‘प्रकृति के कृत्यों (acts of nature)’ की सीमाओं के परे हैं। कुछ लोग इसे असामान्य (paranormal) की गतिविधियों से सम्बद्ध बताते हैं। मान्यताओं के मुतबिक यह एक ऐसा रहस्यमय क्षेत्र है जहां पर वायुयान और जलयान रहस्यमयी रूप से लापता होते हैं। 1964 में एक पत्रिका ने इस क्षेत्र को ‘बरमूडा त्रिभुज’ नाम दिया था
ये जहाज़ 1925 में लापता हो गया था। इसमें कुछ मिला तो वो थी कैप्टन की लॉग-बुक जिससे पता चला कि ये Clinchfield Navigation Company का जहाज़ था। इस जहाज़ के ओनर से भी बात की गई, लेकिन कुछ पता नहीं चल सका कि आखिर 90 साल पहले हुआ क्या था।
क्यूबा के एक्सपर्ट Rodolfo Salvador Cruz ने कहा है कि ये लॉग-बुक ऑथेंटिक है। इस बुक में जहाज़ की सारी कहानी है, लेकिन 1 दिसम्बर 1925 को अचानक इसकी कहानी रूक जाती है। 29 नवम्बर 1925 को SS Cotopaxi साऊथ कोरोलीना से हवाना, क्यूबा के लिए रवाना हुआ। इस जहाज़ में 32 क्रु मेम्बर थे, जिनके कमाण्डर थे W.j. Meyer। इस जहाज़ में 2340 टन कोयला ले जाया जा रहा था। यात्रा शुरू करने के 2 दिन बाद ही ये लापता हो गया और 90 साल तक लापता था।
जब वो लोग इस शिप पर पहुंचे तो वो देखकर हैरान हो गए कि ये लगभग 100 साल पुरानी शिप है, जिसका नाम कोटोपेक्सी है, ये वो नाम है जो बरमुडा में गुम हो चुके जहाजों की सीरीज़ में शामिल था। इस जहाज़ पर कोई नहीं मिला।
0 comments:
Post a Comment