ऊपर वाले की क़ुदरत... मुंबई में पानी के बजाये हुई मछलियों की बारिश, लगा लंबा जाम


जी हां इसे कहते है ऊपर वाले की क़ुदरत... अभी तक आपने ओले की बारिश के बारे में सुना और देखा होगा, लेकिन मुंबई-पुणे हाईवे पर दोपहर मछलियों की बारिश हुई है। इस बारिश का वीडियो और तस्वीरें फेसबुक पर वायरल हो गया है। सोशल मीडिया में डाली गई तस्वीरों में सैकड़ों लोग मुंबई-पुणे हाईवे पर पड़ी हुई मछलियां उठाते नजर आ रहे हैं।
लोगों के अनुसार कई किलोमीटर तक इसी तरह से मछलियां सड़क पर पड़ी हुई थीं। इन्हें उठाने की होड़ में सड़क पर लंबा जाम लग गया। हाईवे पर ट्रैवलिंग करने वाले गाड़ियां रोक-रोक कर मछलियों को उठा रहे थे। कुछ लोगों ने इस पूरी घटना का वीडियो अपने मोबाइल फोन से तैयार किया और फेसबुक और ट्विटर पर डाल दिया।
अभी तक आधिकारिक तौर पर इस बरसात की पुष्टि स्थानीय प्रशासन की ओर से नहीं की गई है। बता दें कि ऐसा एक बार नहीं कई बार और दुनिया के कई इलाकों में हो चुका है। जून 2015 में मछलियों की ऐसी ही बारिश आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा के गोलमुंडी गांव में भी हुई थी।
वैज्ञानिकों के विस्तृत अध्ययन के बाद पाया गया है कि, इस तरह की घटनाएं जल स्तंभ या बवंडर के कारण होती हैं। जब बवंडर समुद्र तल को पार करते हैं तो ऐसी स्थिति में पानी के भीषण तूफान में बदल जाते हैं। इस दौरान चलने वाली हवाएं अपने साथ मछलियां, मेंढक, कछुए, केकड़े यहां तक कि कई बार घड़ियालों को भी साथ ले जाती हैं। - जैसे ही हवा धीमी होती है और यह बवंडर जहां पहुंचता है उसके आसपास के हिस्सों में यह जीव बरसात के पानी के साथ गिरने लगते हैं।

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जी हां इसे कहते है ऊपर वाले की क़ुदरत... अभी तक आपने ओले की बारिश के बारे में सुना और देखा होगा, लेकिन मुंबई-पुणे हाईवे पर दोपहर मछलियों की बारिश हुई है। इस बारिश का वीडियो और तस्वीरें फेसबुक पर वायरल हो गया है। सोशल मीडिया में डाली गई तस्वीरों में सैकड़ों लोग मुंबई-पुणे हाईवे पर पड़ी हुई मछलियां उठाते नजर आ रहे हैं।
लोगों के अनुसार कई किलोमीटर तक इसी तरह से मछलियां सड़क पर पड़ी हुई थीं। इन्हें उठाने की होड़ में सड़क पर लंबा जाम लग गया। हाईवे पर ट्रैवलिंग करने वाले गाड़ियां रोक-रोक कर मछलियों को उठा रहे थे। कुछ लोगों ने इस पूरी घटना का वीडियो अपने मोबाइल फोन से तैयार किया और फेसबुक और ट्विटर पर डाल दिया।
अभी तक आधिकारिक तौर पर इस बरसात की पुष्टि स्थानीय प्रशासन की ओर से नहीं की गई है। बता दें कि ऐसा एक बार नहीं कई बार और दुनिया के कई इलाकों में हो चुका है। जून 2015 में मछलियों की ऐसी ही बारिश आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा के गोलमुंडी गांव में भी हुई थी।
वैज्ञानिकों के विस्तृत अध्ययन के बाद पाया गया है कि, इस तरह की घटनाएं जल स्तंभ या बवंडर के कारण होती हैं। जब बवंडर समुद्र तल को पार करते हैं तो ऐसी स्थिति में पानी के भीषण तूफान में बदल जाते हैं। इस दौरान चलने वाली हवाएं अपने साथ मछलियां, मेंढक, कछुए, केकड़े यहां तक कि कई बार घड़ियालों को भी साथ ले जाती हैं। - जैसे ही हवा धीमी होती है और यह बवंडर जहां पहुंचता है उसके आसपास के हिस्सों में यह जीव बरसात के पानी के साथ गिरने लगते हैं।


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