अनूठी पहल : लखनऊ के ऐशबाग ईदगाह में महिलाएं ईद की नमाज अदा करेंगी, किए खास बंदोबस्त


धार्मिक स्थलों में महिलाओं के प्रवेश को लेकर छिड़ी बहस के बीच लखनऊ स्थित ऐशबाग ईदगाह में पहली बार औरतों के ईद की नमाज अदा करने के लिये अलग से इंतजाम किया गया है.
ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बुधवार को बताया कि इस बार ऐशबाग ईदगाह में औरतों के लिये ईद की नमाज का खास इंतजाम किया गया है. ऐसा पहली बार किया गया है.
ईदगाह में पुरषों के साथ-साथ पहली बार बड़ी संख्या में महिलाएं भी ईद की नमाज अदा कर सकेंगी.
उन्होंने बताया कि ईदगाह के दरवाजे पहले भी महिलाओं के लिये बंद नहीं थे, लेकिन पूर्व में उनके लिये नमाज का अलग इंतजाम नहीं किया जाता था. इस बार विशेष प्रबन्ध की वजह से बड़ी संख्या में महिलाएं ईदगाह में नमाज पढ़ सकेंगी.
ईदगाह प्रबन्ध कमेटी का यह फैसला ऐसे वक्त में खासा महत्वपूर्ण है, जब देश में धार्मिक स्थलों पर महिलाओं के जाने को लेकर बहस हो रही है. महाराष्ट्र के शनि सिंघनापुर मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी के खिलाफ आंदोलन के बाद वहां सदियों पुरानी परम्परा टूटी है और गत अप्रैल माह में पहली बार महिलाओं को भी मंदिर में दाखिल होने की इजाजत दी गयी है.
वैसे, मजारों पर महिलाओं के जाने को लेकर ज्यादातर जगहों पर कोई पाबंदी नहीं है, लेकिन आमतौर पर उन्हें मस्जिद या ईदगाह में नमाज अदा करते बहुत कम ही देखा जाता है. ऐशबाग ईदगाह में महिलाओं के लिये अलग इंतजाम की परम्परा एक प्रगतिशील कदम कहा जा सकता है.

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धार्मिक स्थलों में महिलाओं के प्रवेश को लेकर छिड़ी बहस के बीच लखनऊ स्थित ऐशबाग ईदगाह में पहली बार औरतों के ईद की नमाज अदा करने के लिये अलग से इंतजाम किया गया है.
ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बुधवार को बताया कि इस बार ऐशबाग ईदगाह में औरतों के लिये ईद की नमाज का खास इंतजाम किया गया है. ऐसा पहली बार किया गया है.
ईदगाह में पुरषों के साथ-साथ पहली बार बड़ी संख्या में महिलाएं भी ईद की नमाज अदा कर सकेंगी.
उन्होंने बताया कि ईदगाह के दरवाजे पहले भी महिलाओं के लिये बंद नहीं थे, लेकिन पूर्व में उनके लिये नमाज का अलग इंतजाम नहीं किया जाता था. इस बार विशेष प्रबन्ध की वजह से बड़ी संख्या में महिलाएं ईदगाह में नमाज पढ़ सकेंगी.
ईदगाह प्रबन्ध कमेटी का यह फैसला ऐसे वक्त में खासा महत्वपूर्ण है, जब देश में धार्मिक स्थलों पर महिलाओं के जाने को लेकर बहस हो रही है. महाराष्ट्र के शनि सिंघनापुर मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी के खिलाफ आंदोलन के बाद वहां सदियों पुरानी परम्परा टूटी है और गत अप्रैल माह में पहली बार महिलाओं को भी मंदिर में दाखिल होने की इजाजत दी गयी है.
वैसे, मजारों पर महिलाओं के जाने को लेकर ज्यादातर जगहों पर कोई पाबंदी नहीं है, लेकिन आमतौर पर उन्हें मस्जिद या ईदगाह में नमाज अदा करते बहुत कम ही देखा जाता है. ऐशबाग ईदगाह में महिलाओं के लिये अलग इंतजाम की परम्परा एक प्रगतिशील कदम कहा जा सकता है.


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