
राष्ट्रीय उलमा कोंसिल के नेशनल प्रेसिडेंट मोलाना आमिर रशादी ने उर्दू अख़बार ‘इंक़लाब’ के संवादाता से फोन द्वारा अपना विरोध व्यक्त करते हुए कहा कि डॉक्टर जाकिर नायक जाकिर नायक पर इंडियन मिडिया का हमला सिर्फ एक जन पर नहीं बल्कि डॉक्टर जाकिर नायक की इस्लामी पहचान पर है।
उन्होंने कहा कि डॉक्टर जाकिर नायक के बहुत से बयान से दृष्टिकोण के हिसाब से सहमत नहीं हो सकते पर उनके बयान को आतंकवाद से जोड़ना और उन्हें आतंकवाद की होसला अफजाई करने वाला बताना गलत होगा और उसकी कड़ी से कड़ी निंदा होनी चाहिए।
आगे उन्होंने कहा कि यह हैरत अंगेज़ है कि हिन्दुस्तानी नागरिक होकर पिछले दस सालों से पीस टीवी चलाने वाले डॉक्टर जाकिर नायक के हज़ारों बयान में से किसी भी बयान पर आज तक हिन्दुस्तानी सरकार को कोई भी एतराज़ नहीं हुआ, लेकिन अचानक बंगलादेश के आतंकवादी हमले में शामिल एक आतंकवादी द्वारा शेयर की गई फेसबुक पोस्ट को ग्राउंड बना कर उनके खिलाफ हिंदुस्तान में क़ानूनी कार्यवाही करने के साथ उनके चेनल को बैन करने की बात की जा रही है,
उन्होंने कहा कि सरकार को श्रद्धा कपूर को बैन करना चाहिए एक आतंकी उनका बहुत बड़ा फैन था उन्होंने उनसे मुलाकात भी की थी सरकार और मिडिया को डॉक्टर जाकिर नायक पर मजहब के नाम पर नफरत फ़ैलाने का इलज़ाम लगाने वालों को परवीन तोगड़िया, साक्षी महाराज, साध्वी प्राची, प्रज्ञा ठाकुर, और मुस्लिम औरतों से रेप करने की बात कहने वाले आदित्यनाथ योगी का जहर उगलने वाला बयान नजर नहीं आते।
अगर किसी के फोलोअप होने सजा दी जा सकती है तो फिर राजनाथ सिंह और शिवराज चौहान को क्यूँ सज़ा नहीं दी जाती जो लोग आतंक के मुजरिम साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर से मिलने के लिए जेल जाते हैं, उन्होंने कहा कि अगर डॉक्टर जाकिर नायक पर पाबंदी लगाई जा सकती है तो RSS पर क्यूँ नहीं लगाई जा रही है।
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