मोदी राज में असुरक्षित हैं मुसलमान : शाहिद रफी (प्रसिद्ध गायक रफी के बेटे)


मशहूर गायक मोहम्मद रफ़ी के बेटे ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए मोदी कहा कि शासनकाल में अल्पसंख्यक, खासतौर से मुसलमान असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।मोदी के उन्होंने अपने पिता को मरणोपरांत भारत रत्न देने की मांग भी दोहराई। तीसरे ताज साहित्य महोत्सव से इतर शाहिद रफी ने कहा कि देश की मौजूदा स्थिति तकलीफदेह है।
शाहिद ने बीते महीने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। इससे पहले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उन्होंने असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम के टिकट पर मुंबादेवी क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। शाहिद ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस को इसलिए चुना क्योंकि यह धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक पार्टी है।
उन्होंने कहा कि हालांकि मेरे पिता तो भारत के रत्न थे ही, फिर भी अगर उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया जाता है तो उनके प्रशसंक काफी खुश होंगे। अपने पिता को याद करते हुए शाहिद ने कहा कि वह एक स्नेही, नेक और ध्यान रखने वाले पिता थे।
शाहिद पहले असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम में थे। इस पार्टी की टिकट पर उन्‍होंने महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनावों में मुंबादेवी सीट से चुनाव भी लड़ा था। एआईएमआईएम छोड़ने के बारे में उन्‍होंने बताया, ‘मैं एआईएमआईएम के साथ थोड़े से समय के लिए ही था। उनके बैनर तले मैंने चुनाव लड़ा और मुझे 16 हजार वोट मिले। हालांकि मैं अपने आप को बांधना नहीं चाहता था। देश की सेवा के लिए मैं कांग्रेस में शामिल हो गया।

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मशहूर गायक मोहम्मद रफ़ी के बेटे ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए मोदी कहा कि शासनकाल में अल्पसंख्यक, खासतौर से मुसलमान असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।मोदी के उन्होंने अपने पिता को मरणोपरांत भारत रत्न देने की मांग भी दोहराई। तीसरे ताज साहित्य महोत्सव से इतर शाहिद रफी ने कहा कि देश की मौजूदा स्थिति तकलीफदेह है।
शाहिद ने बीते महीने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। इससे पहले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उन्होंने असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम के टिकट पर मुंबादेवी क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। शाहिद ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस को इसलिए चुना क्योंकि यह धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक पार्टी है।
उन्होंने कहा कि हालांकि मेरे पिता तो भारत के रत्न थे ही, फिर भी अगर उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया जाता है तो उनके प्रशसंक काफी खुश होंगे। अपने पिता को याद करते हुए शाहिद ने कहा कि वह एक स्नेही, नेक और ध्यान रखने वाले पिता थे।
शाहिद पहले असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम में थे। इस पार्टी की टिकट पर उन्‍होंने महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनावों में मुंबादेवी सीट से चुनाव भी लड़ा था। एआईएमआईएम छोड़ने के बारे में उन्‍होंने बताया, ‘मैं एआईएमआईएम के साथ थोड़े से समय के लिए ही था। उनके बैनर तले मैंने चुनाव लड़ा और मुझे 16 हजार वोट मिले। हालांकि मैं अपने आप को बांधना नहीं चाहता था। देश की सेवा के लिए मैं कांग्रेस में शामिल हो गया।


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