देखिये कुदरत का अजीब करिशमा-अंतरिक्ष से देखने पर सबसे ज्यादा खुबसुरत नज़र आता है मक्का मदीना


कुदरत का अजीब करिशमा, जी हां आपको बताते चले कि इस्लाम मज़हब का सबसे बड़ा सरोहर मक्का मदीना दुनिया का सेंटर माना गया है। क्योकि वैज्ञानिको के अनुसार अंतरिक्ष से दुनिया की ओर देखा गया तो वहां से अगर कोई खुबसुरत चीज़ नज़र आ रही थी तो वो था मक्का मदीना.
जी हां कुदरत ने भी आखिर दिखा ही दिया अपना करिश्मा क्योकि आसमान से अगर कुछ नज़र आता है तो वो है मक्का और मदीना जिसने भी ये नज़ारा देखा होगा यकीनन उसने भी इस्लाम को जरूर माना होगा।
जी हां आपको बतादें कि जो लोग इस्लाम मज़हब को नफरत से देखते है वो भी यह नज़ारा अपनी आंखों से जरूर देंखे क्योकि नबी के हम मानने वाले है। जिनके ऊपर हर रोज़ एक बुढ़ी औरत कूड़ा डाला करती थी एक बार ऐसा हुआ की नबी जब उधर से गुज़र रहे थे तो उस बुढ़ी औरत ने कुड़ा नही डाला तो नबी-ए-पाक उस बुढ़ी औरत के घर गये और जब वह उस बुढ़ी औरत के घर में दाखिल हुए तो उन्होने देखा कि जो बुढ़ी औरत उनके ऊपर कूड़ा डालती थी वो बीमार पड़ी हुई थी जब आपने उसका हाल जाना तो उस बुढ़ी औरत की आखों में आसूं निकल आये और इस्लाम मज़हब को उस औरत ने नबी की इस मौहब्बत को देखते हुए इस्लाम कबुल किया।
आखिर जिस इस्लाम मज़हब में ऐसी सीरत वाले नबी आये तो उनका मक्का मदीना आसमान की इतनी दूरी से भी देखने पर भी वह इतना खुबसुरत दिखाई दे रहा है। आखिर कुछ बात तो है मेरे इस्लाम में... 

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कुदरत का अजीब करिशमा, जी हां आपको बताते चले कि इस्लाम मज़हब का सबसे बड़ा सरोहर मक्का मदीना दुनिया का सेंटर माना गया है। क्योकि वैज्ञानिको के अनुसार अंतरिक्ष से दुनिया की ओर देखा गया तो वहां से अगर कोई खुबसुरत चीज़ नज़र आ रही थी तो वो था मक्का मदीना.
जी हां कुदरत ने भी आखिर दिखा ही दिया अपना करिश्मा क्योकि आसमान से अगर कुछ नज़र आता है तो वो है मक्का और मदीना जिसने भी ये नज़ारा देखा होगा यकीनन उसने भी इस्लाम को जरूर माना होगा।
जी हां आपको बतादें कि जो लोग इस्लाम मज़हब को नफरत से देखते है वो भी यह नज़ारा अपनी आंखों से जरूर देंखे क्योकि नबी के हम मानने वाले है। जिनके ऊपर हर रोज़ एक बुढ़ी औरत कूड़ा डाला करती थी एक बार ऐसा हुआ की नबी जब उधर से गुज़र रहे थे तो उस बुढ़ी औरत ने कुड़ा नही डाला तो नबी-ए-पाक उस बुढ़ी औरत के घर गये और जब वह उस बुढ़ी औरत के घर में दाखिल हुए तो उन्होने देखा कि जो बुढ़ी औरत उनके ऊपर कूड़ा डालती थी वो बीमार पड़ी हुई थी जब आपने उसका हाल जाना तो उस बुढ़ी औरत की आखों में आसूं निकल आये और इस्लाम मज़हब को उस औरत ने नबी की इस मौहब्बत को देखते हुए इस्लाम कबुल किया।
आखिर जिस इस्लाम मज़हब में ऐसी सीरत वाले नबी आये तो उनका मक्का मदीना आसमान की इतनी दूरी से भी देखने पर भी वह इतना खुबसुरत दिखाई दे रहा है। आखिर कुछ बात तो है मेरे इस्लाम में... 


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