भाजपा को मोदी के गढ़ में घुसकर घेरेगी बसपा, ये है प्लान


संगठन को बूथ स्तर पर मजबूत करने के साथ ही पार्टी ने प्रत्याशियों के चयन को अंतिम रूप दे दिया है। हालांकि नाम की अधिकृत घोषणा 13 जुलाई को होगी। काशी में ‘मोदी मैजिक’ खत्म करने के लिए बसपा ने चुनावी व्यूहरचना तैयार कर ली है। बसपा से जुड़े सूत्र बता रहे हैं कि शहर उत्तरी सीट पर पार्टी एक बार फिर सुजीत मौर्य पर दांव आजमाने जा रही है।

जबकि भाजपा की परंपरागत सीट माने वाली कैंट सीट से रिजवान अहमद पर दांव लगा सकती है। वहीं शिवपुर से पूर्व मंत्री वीरेंद्र सिंह को उतारने की तैयारी है। वीरेंद्र सिंह फिलहाल कांग्रेस में हैं। पिछला विधानसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़े थे। वहीं सुजीत मौर्य 2012 के विधानसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर शहर उत्तरी से चुनाव लड़े थे और भाजपा के रवींद्र जायसवाल से मात्र 2200 वोट से हारे थे। 

उनका परिवार लंबे समय से बसपा से जुड़ा है। इतना ही नहीं 24 साल से सारनाथ के पास मवईया वार्ड से उनके परिवार के लोग ही पार्षद का चुनाव जीतते आ रहे हैं। बहरहाल बसपा की 13 जुलाई को होने वाली मंडलीय बैठक में जोनल कोआर्डिनेटर प्रत्याशियों के नामों का एलान करेंगे। 

बसपा सूत्रों की मानें तो लगभग सभी सीटों पर नाम तय हैं, बस घोषणा बाकी है। उल्लेखनीय है कि वाराणसी में कुल आठ विधानसभा सीटें हैं। इनमें से तीन (शहर उत्तरी, दक्षिणी और कैंट) पर भाजपा का कब्जा है, जबकि रोहनिया और सेवापुरी सीट सपा के कब्जे में है।

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संगठन को बूथ स्तर पर मजबूत करने के साथ ही पार्टी ने प्रत्याशियों के चयन को अंतिम रूप दे दिया है। हालांकि नाम की अधिकृत घोषणा 13 जुलाई को होगी। काशी में ‘मोदी मैजिक’ खत्म करने के लिए बसपा ने चुनावी व्यूहरचना तैयार कर ली है। बसपा से जुड़े सूत्र बता रहे हैं कि शहर उत्तरी सीट पर पार्टी एक बार फिर सुजीत मौर्य पर दांव आजमाने जा रही है।

जबकि भाजपा की परंपरागत सीट माने वाली कैंट सीट से रिजवान अहमद पर दांव लगा सकती है। वहीं शिवपुर से पूर्व मंत्री वीरेंद्र सिंह को उतारने की तैयारी है। वीरेंद्र सिंह फिलहाल कांग्रेस में हैं। पिछला विधानसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़े थे। वहीं सुजीत मौर्य 2012 के विधानसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर शहर उत्तरी से चुनाव लड़े थे और भाजपा के रवींद्र जायसवाल से मात्र 2200 वोट से हारे थे। 

उनका परिवार लंबे समय से बसपा से जुड़ा है। इतना ही नहीं 24 साल से सारनाथ के पास मवईया वार्ड से उनके परिवार के लोग ही पार्षद का चुनाव जीतते आ रहे हैं। बहरहाल बसपा की 13 जुलाई को होने वाली मंडलीय बैठक में जोनल कोआर्डिनेटर प्रत्याशियों के नामों का एलान करेंगे। 

बसपा सूत्रों की मानें तो लगभग सभी सीटों पर नाम तय हैं, बस घोषणा बाकी है। उल्लेखनीय है कि वाराणसी में कुल आठ विधानसभा सीटें हैं। इनमें से तीन (शहर उत्तरी, दक्षिणी और कैंट) पर भाजपा का कब्जा है, जबकि रोहनिया और सेवापुरी सीट सपा के कब्जे में है।


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