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पुरुषों की टी-20 लीग के बीच पहली भारतीय महिला

ऑस्ट्रेलिया की महिला टी-20 लीग, बिग बैश में भारतीय महिला क्रिकेटर हरमनप्रीत खेलती दिखाई देंगी. भारत की तरफ़ से किसी विदेशी टी-20 लीग ...
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अपना बदला लेने में कामयाब हुए माइकल फेल्प्स, जीते 21 स्वर्ण पदक

रियो ओलंपिक खेलों में माइकल फेल्प्स ने 200 मीटर बटरफ्लाई तैराकी की एकल प्रतियोगिता में अपना 20वां स्वर्ण पदक जीत लिया है. साथ ही उनकी...
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खेल


न्यूजीलैंड के खिलाफ मोहाली वनडे में चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने। धोनी ने जिस तरह से धोनी ने मोहाली में बल्लेबाजी की और 80 रन बनाए, उससे तो यही लगता है कि धोनी अब चौथे नंबर पर ही बल्लेबाजी करेंगे।
मैच के बाद धोनी ने भी इस बात का खुलासा किया है कि वह अब बेहतर फिनिशर नहीं रह गए हैं। मैदान पर आकर उन्हें शुरुआत में शॉट्स खेलने में परेशानी होती है। इसीलिए उन्होंने बल्लेबाजी क्रम में बदलाव करके का मन बनाया।
चौथे स्थान पर बल्लेबाजी के लिए आने के सवाल का जवाब देते हुए धोनी ने कहा, मैंने जो 280 मैच खेले हैं, उनमें से करीब 200 में निचले क्रम पर बल्लेबाजी की। इसके कारण मैं पिच पर स्ट्राइक रोटेट की क्षमता खो रहा था। इसलिए उपरीक्रम पर बल्लेबाजी करने का फैसला किया ताकि खुद को एक्सप्रेस कर सकूं। मेरे लिए करियर के इस चरण में ऐसा करना जरूरी और महत्वपूर्ण है।
धोनी ने विराट के साथ बल्लेबाजी के अनुभव पर कहा कि विराट के साथ बल्लेबाजी करने से उन्हें मदद मिली। धोनी ने कहा विराट के कारण मुझे सोचने का मौका मिला कि ऊपर बल्लेबाजी करके अपने आप को अभिव्यक्त करूं। मैंने बड़े शॉट्स लगाए। बल्लेबाजी करते समय कुछ ऐसे मौके भी आए जब मुझे स्ट्राइक रोटेट करने का ख्याल भी आया।
धोनी ने 24 बार चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 61.63 की औसत से 1171 रन बनाए हैं। धोनी का चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए कम से कम 1 हजार रन बनाने वालों में सबसे ज्यादा औसत है। चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए धोनी ने एक शतक और 11 अर्धशतक बनाए हैं।



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भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एवं दिग्गज बल्लेबाज सौरभ गांगुली ने गुरुवार को मौजूदा भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान विराट कोहली की जमकर तारीफ की और कहा कि कोहली क्रिकेट जगत में उनके पसंदीदा कप्तानों में से एक हैं. 

कप्तानी में आक्रामकता की नई परिभाषा रचने वाले गांगुली ने आगे कहा, “जब वह बल्लेबाजी करने उतरते हैं या भारत की कमान संभालते हैं तो इसे आप उनके चेहरे पर स्पष्ट तौर पर देख सकते हैं. वह हमेशा सर्वश्रेष्ठ करना चाहते हैं.

कोहली ने कप्तानी संभालने के बाद से सात टेस्ट मैच जीते हैं, जिसमें हाल ही में वेस्टइंडीज पर भारतीय टीम की भारी जीत शामिल है. वेस्टइंडीज दौरे के दौरान ही कोहली विदेशी धरती पर टेस्ट मैच में दोहरा शतक लगाने वाले भारत के पहले कप्तान भी बने.

उन्होंने कहा, “ईडन की पिच तब तक तैयार हो जाएगी. पिछले दो दिनों से अच्छी धूप खिली रही है. पिच तैयार करने के लिए अभी भी काफी समय है. पिछली बार विश्व कप के दौरान हमने बरमुडा घास का इस्तेमाल किया था, क्योंकि यह तेजी से बढ़ती है.

गांगुली ने इस पर कहा कि वह चाहते हैं कि बंगाल के दोनों खिलाड़ी साहा और मोहम्मद समी भारत के लिए कम से कम 100 टेस्ट खेलें. उन्होंने दोनों खिलाड़ियों को शुभकामनाएं भी दीं.



ऑस्ट्रेलिया की महिला टी-20 लीग, बिग बैश में भारतीय महिला क्रिकेटर हरमनप्रीत खेलती दिखाई देंगी. भारत की तरफ़ से किसी विदेशी टी-20 लीग में हिस्सा लेने वाली वो पहली खिलाड़ी हैं. उन्हें लीग की टीम सिडनी थंडर्स का साथ मिला है. इस लीग में खेलने की दिलचस्पी हरमनप्रीत को लम्बे समय से थी,
लेकिन घरेलू टूर्नामेंट के लीग के ही समय होने की वजह से उन्हें बीसीसीआई और अपनी घरेलू टीम से एनओसी लेने में वक्त लग गया. लेकिन दिसंबर में होने वाली इस लीग के दूसरे सत्र में हिस्सा लेने के लिए अब वो पूरी तरह तैयार हैं. हरमनप्रीत को सिडनी थंडर्स के अलावा दो और टीमों से भी प्रस्ताव मिला था, लेकिन उन्होंने इसी टीम को ही चुना.
हरमनप्रीत कहती हैं, “सिडनी थंडर्स पिछले साल की विजेता टीम है. इस टीम में सिर्फ़ एक ही विदेशी खिलाड़ी है, लिहाज़ा मुझे खेलने के मौक़े इस टीम के साथ ज़्यादा मिलेंगे.” हरमनप्रीत कौर टी-20 की अच्छी खिलाड़ी मानी जाती हैं. 61 टी-20 मैचों में वो अबतक 22.04 के औसत से 992 रन बना चुकी हैं. साथ ही 13 विकेट भी उनके नाम हैं.
भारतीय महिला खिलाड़ियों को बिग बैश लीग के पहले सत्र में शामिल होने के भी प्रस्ताव मिले थे, लेकिन तब बीसीसीआई अपने खिलाड़ियों को विदेशी लीग में शामिल होने देने के पक्ष में नहीं था. लेकिन नए सचिव अनुराग ठाकुर ने नियमों में बदलाव किए हैं. ऐसे में हरमनप्रीत को उम्मीद जगी है कि जल्द ही पुरुषों की तरह महिलाओं का भी आईपीएल देखने को मिल सकता है.



रियो ओलंपिक खेलों में माइकल फेल्प्स ने 200 मीटर बटरफ्लाई तैराकी की एकल प्रतियोगिता में अपना 20वां स्वर्ण पदक जीत लिया है. साथ ही उनकी टीम ने 4×200 मीटर फ्री-स्टाइल रीले तैराकी प्रतियोगिता जीत ली है जिसके बाद ओलंपिक में फेल्प्स के गोल्ड मेडल का आंकड़ा 21 तक पहुंच गया है.
31 साल के अमरीका के फेल्प्स ने 200 मीटर बटरफ्लाई प्रतियोगिता में तय दूरी को 1 मिनट 53.36 सेकेंड में पूरा किया. मंगलवार रात हुई इस प्रतियोगिता में उन्होंने मौजूदा चैंपियन चाड ली क्लो को हरा कर अपना 20वां स्वर्ण पदक पक्का किया. दूसरा स्थान जापान के मासाटो सकाई और तीसरा स्थान हंगरी के टमस केंद्रेसी को मिला. क्लो चौथे स्थान पर रहे.
साल 2012 के लंदन ओलंपिक में 24 साल के क्लो ने फेल्प्स को हरा दिया था. इन खेलों के बाद फेल्प्स खेलों से सन्यास लेने वाले थे. लेकिन वो 2014 में फिर पूल में लौट आए. रियो 2016 में 200 मीटर बटरफ्लाई तैराकी जीतना उनका लक्ष्य था, ख़ास कर चार साल पहले मिली हार के बाद. फेल्प्स ने 4X200 मीटर फ्री-स्टाइल रीले तैराकी में अपने अमरीकी साथियों – कोनोर डॉयर, फ्रांसिस हास, रायन लॉशे के साथ हिस्सा लिया.
उन्होेंने ब्रितीनी टीम को पछाड़ कर इसमें गोल्ड मेडल हासिल किया. इसी सप्ताह फेल्प्स और क्लो एक बार फिर 100 मीटर की बटरफ्लाई में आमने-सामने होंगे. उधर टेनिस की एकल प्रतियोगिता में विश्व की पहली वरीयता प्राप्त सेरेना विलियम्स को हारने के बाद ओलंपिक से बाहर का रास्ता देखना पड़ा है.



भारतीय क्रिकेट टीम की शान और मुल्तान के सुल्तान विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग इनदिनों सोशल मीडिया पर अपनी सक्रियता को लेकर भी चर्चा में बने हुए हैं। 'मुल्तान के सुल्तान' कहे जाने वाले सहवाग माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर अनूठे अंदाज़ में ट्वीट करने लिए भी जाने जाते हैं। 

इस बार उन्होंने एकदम यूनीक तरीके से अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी हैं।  श्रीलंकाई गेंदबाज़ रंगना हेराथ ने किया कारनामा, आॅस्ट्रेलिया के खिलाफ लगाई हैट्रिक खास बात यह है कि सहवाग के फैन्स को उनके ट्वीट काफी पसंद आते हैं और वे उन्हें री-ट्वीट कर जबरदस्त प्रतिक्रिया भी देते हैं।


अमरीकी राष्ट्रवपति बराक अेाबामा को उनके 55वें जन्मदिवस पर बधाई देते हुए सहवाग ने ट्वीट में लिखा, 'जन्मदिन मुबारक हो बराक ओबामा। बच्चों के लिए आपका प्यार देखकर कई बच्चे कहते होंगे कि ओबामा बी माई मामा'। 

इससे पहले भी वीरेंद्र सहवाग सीनियर क्रिकेटर अरुण लाल, महेंद्र सिंह धौनी और सुनील गावस्कर के लिए कुछ ऐसे ही रोचक अंदाज़ में बधाई संदेश लिख चुके हैं। इस टीवी कॉमेडी शो की शुरुआत में ही अलग हो रहे हैं हरभजन सिंह !  




विंडीज टीम की पहली पारी में भारत के तेज गेंदबाजों का जलवा रहा, मोहम्मद शमी तथा उमेश यादव ने 4-4 विकेट झटके। जबकि 2 विकेट फिरकी गेंदबाज अमित मिश्रा के खाते में गए। उसके बाद एंटीगा टेस्ट के चौथे दिन अश्विन का जादू दिखा और उनके झटकों के सहारे टीम इंडिया मेजबान वेस्टइंडीज की दूसरी पारी सस्ते में समेट कर एक पारी और 92 रनों के अंतर से बड़ी जीत हासिल करने में सफल रही.
भारत ने पहली पारी 8 विकेट पर 566 रन बनाकर घोषित कर दी थी। इसके बाद गेंदबाजों ने कमाल की गेंदबाजी की और 2006 के बाद यानी ठीक 10 साल बाद कैरेबियाई टीम को उसके घर में फॉलोआन खेलने को मजबूर होना पड़ा।
आपको बतादे कि लंच के बाद आर अश्विन ने 83 रन देकर 7 विकेट झटककर विंडीज पर बड़ी हार का संकट डाल दिया। लंच तक टीम के सिर्फ 2 विकेट गिरे थे लेकिन उसके बाद चायकाल के बाद मेजबान टीम 231 रन बनाकर आउट हो गई। कैरेबियाई टीम की ओर से कार्लोस ब्रेशवेट ने 51 रनों की बड़ी पारी खेली जबकि मार्लोन सैमुअल्स ने 50 रनों की, लेकिन उनका यह योगदान टीम की हार टालने के लिए यह नाकाफी था।
ऐसा दूसरी बार हुआ है जब अश्विन ने एक ही टेस्ट मैच में शतक लगाया हो और फिर उसी मैच में 5 या उससे ज्यादा विकेट भी झटक लिए। वह ऐसा करने वाले टीम इंडिया के पहले क्रिकेटर बन गए हैं। उनसे पहले वीनू माकंड और पाली उमरीगर ने ऐसा एक-एक बार किया था।



विराट कोहली के बल्ले से निकला यह दोहरा शतक एक रिकॉर्ड ही बना गया। भारत की ओर से विदेशी धरती पर बतौर कप्तान किसी बल्लेबाज का यह पहला दोहरा शतक है। कोहली 200 रन के आंकड़े को छूने के तुरंत बाद आउट हो गए, लेकिन रिकॉर्ड उनके बन गया जो सुनील गावस्कर, कपिल देव, मोहम्मद अजहरुद्दीन, सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली जैसे धाकड़ बल्लेबाज भी नहीं कर सके थे।
जी हा आपको बतादे विदेशी धरती पर किसी भारतीय कप्तान का टेस्ट मैच में यह पहला दोहरा शतक है। इससे पहले किसी भारतीय कप्तान का विदेश में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन का रिकॉर्ड मोहम्मद अजहरुद्दीन के नाम दर्ज था। कप्तान अजहर ने 1989-90 में ऑकलैंड में न्यूजीलैंड के खिलाफ 192 रनों की सबसे बड़ी पारी खेली थी।
इसके अलावा विराट कोहली 2006 के बाद से एशियाई धरती के बाहर किसी अन्य देश में दोहरा शतक लगाने वाले भारत के पहले बल्लेबाज भी बन गए हैं। आज से लगभग 10 साल पहले टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज वसीम जाफर ने इसी कैरेबियाई धरती पर सेंट जॉंस में 212 रनों की पारी खेलते हुए दोहरा शतक जमाया था।
27 साल के कप्तान विराट कोहली वेस्टइंडीज में दोहरा शतक लगाने वाले दुनिया के सबसे युवा कप्तान बन गए हैं। कोहली से पहले इस धरती पर दोहरा शतक लगाने का कारनामा डेनिस अकिंसन ने 1955 में 28 साल 219 दिन की उम्र में 219 रनों की शतकीय पारी खेली थी।



भज्जी ने एक टीवी शो के दौरान कहा था कि एक बार शोएब ने मुझे धमकी दी कि वे मेरे कमरे में आकर मुझे मारेंगे. फिर मैंने कहा कि कमरे में आना तब देखेंगे कौन किसको पीटता है. मैं बहुत डरा हुआ था. वे काफ़ी मोटे-तगड़े हैं. एक बार उन्होंने मुझे और युवी (युवराज सिंह) को कमरे में पीटा. वे मोटे-तगड़े हैं इसलिए उन्हें पकड़ना मुश्किल था.”
भज्जी के इस दावे के बाद शोएब अख्तर ने हरभजन सिंह के इस दावे पर खूब ठहाके लगाए जिसमें भारतीय ऑफ स्पिनर ने कहा था कि इस पूर्व तेज गेंदबाज ने एक बार पाकिस्तान में होटल के एक कमरे में उनकी और युवराज सिंह की पिटायी की थी.
इन सब बातो के बाद अख्तर ने कहा मुझे लग रहा है कि उसने इसे दिल पर ले लिया. हां ऐसा 2004 में हुआ था जब हम रावलपिंडी में टेस्ट मैच खेल रहे थे. लेकिन इसमें कुछ भी गंभीर नहीं था. यह केवल मजे के लिये किया गया था.
आगे अपने विचारों में शोएब ने कहा असल में हम आपस में वैसे ही मस्ती कर रहे थे. भज्जी और युवी दोनों मेरे छोटे भाई जैसे हैं उन्हें पीटने का सवाल ही पैदा नहीं होता.
हरभजन ने भारतीय टीवी चैनल पर इस घटना का जिक्र किया था और पाकिस्तानी मीडिया ने भी इसे विशेष तवज्जो दी थी. उस श्रृंखला में पाकिस्तान के कप्तान रहे इंजमाम उल हक ने भी उस घटना की पुष्टि की.


नई दिल्ली । क्रिकेट के कई किस्से हैं। मैदान पर मैच होते हैं और ऐसा बहुत कुछ हो जाता है जो किस्सा बन जाता है। ऐसा ही एक किस्सा टीम इंडिया में टर्बनेटर के नाम से मशहूर हरभजन सिंह ने भी सुनाया। भज्जी ने शनिवार को बताया कि एक बार उन्होंने एक ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर से पूछ लिया था कि क्या तुम प्रेगनेंट हो?
बात भारत के ऑस्ट्रेलियाई दौरे की है, उस दौरान डेरेन लीमैन के लगातार छींटाकशी करने से परेशान होकर भज्जी ने ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के इस मौजूदा मुख्य कोच के बड़े पेट की ओर इशारा करके पूछा था कि क्या वह प्रेगनेंट हैं। भज्जी ने कहा कि उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की बातों का हमेशा वापस जवाब दिया और इनमें लीमैन और महान तेज गेंदबाज ग्लेन मैकग्रा भी शामिल हैं।
‘मैं पंजाब का हूं और…’
ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के साथ हरभजन की बहस होती रही है। हरभजन ने कहा, ‘ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को लगता है कि वे सबसे बड़े सुपर स्टार हैं, उन्हें कोई नहीं हरा सकता, वे हमेशा दबदबा बनाने की कोशिश करते हैं। लेकिन हम ऐसी पीढ़ी के हैं जो कभी दबकर नहीं रहती। मैं पंजाब का हूं और पंजाबी हमेशा अपने मन की बात कह देते हैं।’
एक टीवी शो पर हरभजन ने कहा, ‘मैं बल्लेबाजी कर रहा था और लीमैन लगातार छींटाकशी कर रहा था। उसका पेट काफी बड़ा था और उसकी छींटाकशी से मैं इतना खीज गया कि उसके पेट की ओर इशारा करते हुए पूछा, क्या तुम प्रेगनेंट हो? लीमैन ने यह शेन वार्न को बताया तो वह ठहाके मारकर हंसने लगा। वार्न ने मुझसे पूछा कि क्या मैंने ऐसा कहा़? वैसे, आम तौर पर खिलाड़ियों के इतने बड़े पेट नहीं होते।
एंड्रयू साइमंड्स के साथ विवादास्पद बहस पर हरभजन ने कहा, ‘मैंने बंदर नहीं कहा था। यह उनका आरोप था। मैंने सिर्फ इतना कहा था (तेरी मां की हाथ की रोटी खाने को बड़ा दिल कर रहा है। उसने बिलकुल भी नहीं सुना। वैसे भी उसे हिंदी नहीं आती और मुझे अंग्रेजी नहीं आती।)’
‘शोएब से मैदान के बाहर अच्छी दोस्ती’
हरभजन ने कहा कि पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर के साथ भी उनकी बहस होती रही है लेकिन मैदान के बाहर वे दोस्त हैं। उन्होंने कहा, ‘शोएब मुझे काफी परेशान करता था। वह हमारे साथ बैठता था, हमारे साथ खाता था। वह हमारे काफी करीब था इसलिए वह हमें तवज्जो नहीं देता था। उसने एक बार मुझे छक्का जड़ने की चुनौती दी और जब मैंने छक्का मार दिया तो वह स्तब्ध हो गया। उसने इसके बाद लगातार दो बाउंसर फेंके जिससे मैं बच गया। उसने इसके बाद मुझे अपशब्द कहे और इसका मैंने जवाब दिया। लेकिन मैच के बाद हम साथ बैठे जैसे कुछ हुआ ही नहीं।’
‘शोएब ने मुझे और युवी को कमरे में पीटा था’
हरभजन ने कहा, ‘शोएब ने एक बार मुझे कहा कि वह मेरे कमरे में आकर मुझे पीटेगा। मैंने उसे कहा कि आ जा और देखते हैं कौन किसे पीटता है। मैं काफी डर गया था। वह काफी लंबा चौड़ा था। उसने एक बार मुझे और युवी ( युवराज सिंह) को कमरे के अंदर मारा था। वह काफी भारी था इसलिए उसे काबू में करना मुश्किल था।
‘श्रीसंत को थप्पड़ मारना मेरी गलती थी’
आईपीएल के दौरान एस श्रीसंत को थप्पड़ जड़ने पर हरभजन ने कहा, ‘असल में उसने नौटंकी की। यह मेरी गलती थी कि मैंने मैदान पर वह (थप्पड़ मारा) किया। मैंने अपने सभी इंटरव्यू में स्वीकार किया है कि मैंने अपने जीवन में यह गलती की।’ उन्होंने कहा, ‘श्रीसंत मामले में मैं दोषी था और मैं आज भी शर्मसार हूं लेकिन जैसे वह रोया लगा कि मैंने उसे बहुत जोर से मारा। लेकिन वैसे भी इसे कोई भी इस तरह ही याद रखेगा कि मैंने गलती की थी। मैं एक बार फिर माफी मांग रहा हूं।’


टीम इंडिया में अपने चयन न होने से निराश इक़बाल की वाल पे ये कहा गया है कि रणजी ट्राफी, ईरानी ट्राफी और आईपीएल जैसे टूर्नामेंट में अच्छा खेलने के बावजूद भी इकबाल अब्दुल्ला का चयन न होना क्या सही है?
अपनी फेसबुक वाल पर क्रिकेटर इक़बाल अब्दुल्ला ने नाराज़गी ज़ाहिर की है. इक़बाल की नाराज़गी सही है क्योकि इक़बाल ने रणजी ट्राफी, ईरानी ट्राफी और आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन उसके बाद भी इक़बाल का टीम इंडिया में चयन नहीं हुआ तो इक़बाल ने नाराज़गी की है.
उनके इस सवाल में दर्द ज़ाहिर है. इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि जिन लोगों का चयन किया गया है वो उससे कोई शिकायत नहीं करते हैं लेकिन इकबाल अब्दुल्ला का चयन न होना क्या सही है?


अर्जेंटीना के स्टार फुटबाॅलर लियोनेल मेसी ने अंतरराष्ट्रीय फुटबाॅल को अलविदा कह दिया है। चिली के हाथों कोपा अमेरिका कप में मिली हार के बाद दिग्गज फुटबाॅलर मेसी ने सन्यास ले लिया। मेसी अब अर्जेंटीना का प्रतिनिधित्व नहीं करेंगे।
हालांकि वह अपने क्लब बार्सेलोना के लिए खेलते रहेंगे। बता दें कि कोपा अमेरिका फाइनल में चिली ने अर्जेंटीना को पेनाल्टी शूट आउट में 4.2 से हरा दिया। मैसी ने अर्जेंटीना को मिली पहली पेनल्टी किक को मिस कर दिया था। दोनों टीमें निर्धारित समय और 30 मिनट के एक्स्ट्र समय में 0-0 से बराबर थीं।
आपको बता दें कि, पिछली बार अर्जेंटीना को फाइनल में हराकर चिली चैंपियन बना था।
मेसी ने मैच के बाद कहा, राष्ट्रीय टीम के लिए खेलना अब मेरे लिए ख़त्म हो चुका है। मैं जो कर सकता था मैंने किया। चैंपियन ना होना बड़ा अखरता है। अर्जेंटीना फुटबॉल संघ के साथ मेसी की कुछ समस्याएं भी जग जाहिर थीं। कुछ दिन पहले उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर लिखा था - AFA एक मुसीबत है...
लियोनेल मेसी का नाम बार्सिलोना फुटबाॅल की दुनिया के दिग्गजों में गिना जाता है। मेसी 5 बार के बैलन डि और विजेता हैं और उन्होंने अर्जेंटीना के लिए अपना पहला मैच 2005 में खेला था। चिला के खिलाफ कोपा फाइनल 2016 में उनका 113वां अंतरराष्ट्रीय मैच था। मेसी अर्जेंटीन के लिए सर्वाधिक गोल करने वाले खिलाड़ी हैं, उन्होंने 55 गोल किए हैं।


यूरोपीय टीमों और पाकिस्तान में तेज़ी से हॉकी का स्तर बढ़ रहा था. पहले तीन मैचों में भारत ने अपेक्षाकृत कमज़ोर टीमों अफ़ग़ानिस्तान, अमरीका और सिंगापुर को हराया था. 1956 के मेलबर्न ओलंपिक खेल शुरू होते- होते, पहली बार भारत को हॉकी में चुनौती मिलनी शुरू हो गई थी.
उन जीतों पर सबसे दिलचस्प टिप्पणी करते हुए हिंदू अख़बार ने लिखा था, “पूरे समय ये एकतरफ़ा ट्रैफ़िक था. लेकिन अगर 1932 या 1936 की टीम हमारा प्रतिनिधित्व कर रही होती, तो शायद हमने हॉकी में क्रिकेट का स्कोर बनाया होता. पहले मैच में भारत ने अफ़ग़ानिस्तान को 14-0 से हराया लेकिन भारत को सबसे बड़ा झटका तब लगा जब कप्तान बलबीर सिंह के दाँए हाथ की उंगली टूट गई.
बीबीसी से बात करते हुए बलबीर ने कहा, “मैं अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ पाँच गोल मार चुका था, तभी मुझे बहुत बुरी चोट लग गई. ऐसा लगा किसी ने मेरी उंगली के नाख़ून पर हथौड़ा चला दिया हो.
शाम को जब एक्स-रे हुआ तो पता चला कि मेरी उंगली में फ़्रैक्चर हुआ है. नाख़ून नीला पड़ गया था और उंगली बुरी तरह से सूज गई थी.”
बलबीर सिंह ने आगे बताया, “हमारे मैनेजर ग्रुप कैप्टेन ओपी मेहरा, चेफ़ डे मिशन एयर मार्शल अर्जन सिंह और भारतीय हॉकी फ़ेडेरेशन के उपाध्यक्ष अश्वनी कुमार के बीच एक मंत्रणा हुई और ये तय किया गया कि मैं बाक़ी के लीग मैचों में नहीं खेलूँगा…
सिर्फ़ सेमी फ़ाइनल और फ़ाइनल में मुझे उतारा जाएगा. मेरी चोट की ख़बर को गुप्त रखा जाएगा. वजह ये थी कि दूसरी टीमें मेरे पीछे कम से कम दो खिलाड़ियों को लगाती थीं जिससे दूसरे खिलाड़ियों पर दबाव कम हो जाता था.” भारत ने अमरीका को 16-0 और सिंगापुर को 6-0 से हराया. बलबीर के न खेलने और सिंगापुर के रक्षात्मक हॉकी खेलने की वजह से भारत 23 मिनट तक एक भी गोल नहीं कर पाया.

जर्मनी के ख़िलाफ़ सेमी फ़ाइनल भारत ने बमुश्किल 1-0 से जीता. लेकिन हॉकी पंडितों ने नोट किया कि भारत अब हॉकी में वो ताक़त नहीं रहा जो वो पहले हुआ करता था. बलबीर सिंह ने अपनी आत्मकथा, द गोल्डन हैट्रिक में लिखा, “हरबैल सिंह को मैं अपने ख़ालसा कालेज के दिनों से ही अपना गुरू मानता था.
कभी बहला कर, कभी मना कर और कभी डाँट कर भी. लेकिन मुझ पर कोई असर नहीं हुआ. मुझे लगा कि मैं ऐसा कप्तान हूँ जिसने डूबते हुए जहाज़ को छोड़ दिया है. मुझे बार-बार एक सपना आता था. मैं एक गोलकीपर के सामने खड़ा हूँ. वो मुझ पर हंस रहा है और बार-बार मुझसे कह रहा है…अगर हिम्मत है तो गोल मारो.”



भारतीय क्रिकेट इतिहास में पिंक बॉल से पांच विकेट लेने वाले टीम इंडिया के तेज गेंदबाद मो.शमी पहले गेंदबाज बन गए हैं। कोलकाता के ईडन गार्डन पर खेले जा रहे मैच में सबकी निगाहें जमी हुई थी। लोकल क्लब के बीच खेले जा रहे इस मैच में पहली बार गुलाबी गेंद का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह मैच मोहनबागान और भवानीपुर के बीच खेला जा रहा है।
मोहन बागान के गेंदबाजों ने पहले दिन के खेल खत्म होने तक 83 देकर 7 विकेट झटक लिए। इसके साथ ही भवानीपुर के 5 बल्लेबाजों तो बिना खाता खोले ही वापस पवेलियन लौट गए।
गुलाबी गेंद के अलावा इस मैच का मुख्य आर्कषण तेज गेंदबाज मो. शमी और ऋद्धिमान साहा भी रहे जो भारत में पहली बार हो रहे गुलाबी गेंद से हो रहे मैच में शामिल हुए। पहली पारी में मोहन बागान ने भवानीपुर के समाने 299 रन बनाए। जबाव में भवानीपुर की शुरूआत बेहद खराब रही।
भवानीपुर के बल्लेबाज मोहन बगान के गेंदबाजों का सामने टिक नही पाए और जल्दी ही पवेलियन वापस लौट गए। भवानीपुर की तरफ से उद्दिपन मुखर्जी और सुजित कुमार यादव को छोड़कर किसी बल्लेबाज के बीच कोई लम्बी साझेदारी नही बन सकी।
ताजा अपडेट के अनुसार भवानी पुर की पुरी टीम 134 रनों पर ऑउट हो गई।मोहनबगान के स्लो ओवर रेट के कारण भवानीपुर के टीम को 20 रन एक्सट्रा मिला इस तरह से उनका स्कोर 154 रन तर पहुंच पाया।
दूसरी पारी में मोहन बगान ने 4 विकेट खोकर 150 रन बना लिए है इस तरह मोहनबगान ने अबतक 303 रनों का बढ़त के साथ खेल रही है। शमी ने अपने आग उगलते गेंदबाज़ी स्पेल में 42 रन देकर 5 विकेट झटक अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज कराया।


भारतीय मूल की ब्रिटेन की एक महिला हॉकी खिलाड़ी ने सरदार सिंह के खिलाफ शिकायत दी थी। डीसीडब्ल्यू प्रमुख स्वाति मालीवाल ने यह भी मांग की है
महिला द्वारा जनवरी 2016 में बलात्कार तथा हमले का आरोप लगाने के बावजूद सरदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं करने पर पंजाब पुलिस के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज होनी चाहिए।
दिल्ली महिला आयोग ने बुधवार को कथित यौन उत्पीड़न के एक मामले में भारतीय हॉकी टीम के कप्तान सरदार सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश की है.


क्रिकेटर रविंद्र जडेजा फिर से नए विवाद में फंस गए हैं। दरअसल, रविंद्र जडेजा अपने परिवार के साथ बब्बर शेर को देखने गीर के जंगल पहुंचे थे। वहां जडेजा एशियाई शेर से रूबरू तो हुए मगर जडेजा ने जंगल के कानून को ताक पर रख सरेआम गाड़ी से नीचे उतरकर शेर के साथ तस्‍वीरें भी खींची।
बता दें कि वन विभाग का कानून गाड़ी से नीचे उतरकर शेर के साथ फोटो खींचने की इजाजत किसी को नहीं देता, इसलिए जडेजा ने सरेआम वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट का उल्‍लंघन किया।
इस बारे में गुजरात वन विभाग के गीर अभ्यारण्य मुख्य वन संरक्षक (वाइल्ड लाइफ) डॉ. अनिरुद्ध प्रताप सिंह ने कहा कि रविंद्र जडेजा ने कानून और नियमों का उल्‍लंघन किया या नहीं, ये जानने के लिए इस मामले की जांच कराई जाएगी।