
पूर्व भाजपा नेता दयाशंकर सिंह की बसपा सुप्रीमो मायावती पर की गई विवादित टिप्पणी ने उत्तर प्रदेश के साथ साथ केंद्र की राजनीति में उबाल ला दिया है। दयाशंकर के अभद्र टिप्पणी करने के बाद बसपा के कर्येकर्ता सड़को पर आगे थे और खबरों के अनुसार दयाशंकर के खिलाफ और उनके परिवार के खिलाफ उन्होंने भी उपशब्द बोले। इससे जहां एक के बाद एक दलित कार्ड खेल रही भाजपा बैकफुट पर आने को मजबूर हुई वहीं सुप्त अवस्था में पड़ी बसपा में इस मुद्दे ने जान फूंक दी।
लखनऊ में जिस तरीके से बसपा कार्यकर्ताओं ने दयाशंकर के परिवार की महिलाओं को निशाना बनाया उसी को मुद्दा बनाते हुए स्वाति सिंह ने इसे उसी महिला अस्मिता और मान सम्मान से जोड़ दिया जिसकी दुहाई अभी तक मायावती दे रहीं थीं।
आक्रामक अंदाज में बसपा कार्यकर्ताओं और बड़े नेताओं ने दयाशंकर और भाजपा नेताओं पर हमला बोला था उससे लग रहा था कि बसपा इस मुद्दे पर बढ़त ले सकती है। लेकिन बसपा और पार्टी सुप्रीमो की इस दहाड़ को अकेले चुनौती दे दी है दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह ने।
आपको बतादे दयाशंकर के परिवार के लिए अपशब्द लिखे बैनरों को प्रदर्शन के दौरान खूब लहराया जा रहा था। मीडिया में यह बात सामने आई तो इस बात पर बहस शुरू हो गई कि गाली के जवाब में गाली क्यों?
शुक्रवार को इस मुद्दे पर मायावती सामने आई तो उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं का ही पक्ष लेते हुए इसे जायज ठहरा दिया। मायावती ने सफाई दी कि उनके कार्यकर्ताओं ने ऐसे शब्दों का इस्तेमाल इसलिए किया ताकि दयाशंकर के परिवार की महिलाओं को भी उस दर्द का एहसास हो सके जो मैंने झेला है और उन्हें सबक मिल सके।
आखिर मेरे पति के एक गलत शब्द के लिए मायावती क्या मेरे पूरे परिवार को नीलाम करना चाहती हैं? ….क्या मेरी 12 साल की बेटी को नीलाम करना चाहती हैं ….क्या वो मेरी 80 साल की सासू मां को भी उनके बेटे की गलती के लिए नीलाम कर देंगी?
वहीं स्वाति ने माना कि उनके पति से गलती हुई है लेकिन यह भी साफ कर दिया कि पार्टी ने उनका साथ छोड़ दिया है परिवार ने नहीं। पूरा परिवार और उनके समर्थक उनके साथ हैं।
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