
डॉक्टर जाकिर नाइक इस्लाम धर्म के गुरू के एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) पर बैन लगाने की प्रॉसेस शुरू हो गई है। इसके विदेशी चंदा लेने पर भी रोक लगाई जा रही है।
होम मिनिस्ट्री के सोर्स के अनुसार एफसीआरए ने इसके लिए प्रॉसेस शुरू कर दी है। होम मिनिस्ट्री नाइक के दूसरे एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन एजुकेशनल ट्रस्ट को भी प्रायर परमिशन कैटेगरी में रख रही है।
वहीँ ऑफिशियल सोर्सेज के मुताबिक, जांच में सामने आया कि नाइक के एनजीओ में आने वाले पैसे का इस्तेमाल टेरर एक्टिविटीज के लिए युवाओं को भड़काने में हो रहा है।
पीस टीवी पर आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोप हैं। डॉक्टर जाकिर नाइक का एनजीओ कैसे विवादों में आया इस साल 1 जुलाई को बांग्लादेश की राजधानी ढाका के एक रेस्टोरेंट में आतंकी हमला हुआ था। इसमें 2 पुलिस ऑफिसर और 5 हमलावरों समेत 29 लोगों की मौत हो गई थी।
जांच में यह भी बात सामने आई थी कि हमलावरों ने घटना के वक्त जाकिर नाइक की स्पीच का हवाला दिया था। इसके बाद ही जाकिर नाइक और उसके एनजीओ विवादों में आ गए थे। और नाइक के एनजीओ पर क्या हैं
हमले के दो दिन बाद ही ये खबरें मीडिया में आने लगी थीं कि ये जाकिर नाइक से इन्सपायर थे। कौन है डॉक्टर जाकिर नाइक डॉक्टर जाकिर नाइक का जन्म मुंबई में 18 अक्टूबर 1965 को हुआ था। उन्होंने एमबीबीएस किया है।
नाइक एक मुस्लिम धर्मगुरु, राइटर और स्पीकर है। इसके अलावा वो इस्लामिक रिसर्च फांउडेशन या आईआरएस का फाउंडर और प्रेसिडेंट है यह फाउंडेशन पीस टीवी चैनल भी चलाता है।
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