
महोबा में प्रधानमंत्री मोदी मुस्लिम महिलाओं की ज़िंदगी संवारने के बारे में बोलने से नहीं हिचकिचाए. मोदी खुद अपनी पत्नी जसोदा बेन के साथ किस तरह के संबंध रखते हैं, थोड़ी देर के लिए इसे अलग रख देते हैं.
मगर मोदी साफ तौर पर यूसीसी लागू करने की कोशिश कर रहे हैं और इसके लिए उन्हें ट्रिपल तलाक जैसा बहाना मिल गया है.यह एक ऐसा मुद्दा जो साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण के लिए बार-बार इस्तेमाल किया जाता रहा है.
उत्तर प्रदेश के महोबा में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘अगर कोई फोन पर तीन बार तलाक कह देता है तो एक मुस्लिम बिटिया की जिंदगी खराब हो जाती है. मोदी को अचानक ही मुस्लिम महिलाओं के प्रति सहानुभूति होने लगी है. देर से ही सही लेकिन उन्हें इनमें से कुछ महिलाओं के बारे में ज़रूर बोलना चाहि
चश्मदीद गवाहों के अनुसार सोसायटी के बाहर भीड़ जमा होने के बाद एहसान जाफरी ने मोदी से मदद मांगने के लिए फोन किया तो उधर से गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी ने कथित तौर पर जाफरी को गाली दी और पूछा कि उन्हें अभी तक मारा क्यों नहीं गया?
नरोदा पाटिया की औरतों की कहानी तो और भी भयावह है. जरा इन दो चश्मदीद पर गौर फरमाएं. ‘उन्होंने मेरी भाभी की बहन कौसर बानो के साथ जो किया वह डरावना था. वह 9 महीने की गर्भवती थीं
उसके बाद उन्हें जला दिया गया’.मुस्लिम औरतों के साथ ये ज़ुल्म मोदी की नाक के नीचे हुए, जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे. उस वक्त उन्हें मुसलमान औरतों का ख़याल क्यों नहीं आया? यह कांड तो बिल्कुल नया है
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