
सऊदी अरब पासपोर्ट एजेंसी के नागरिको से अपील की है की वो काफल से किनारा करने वाले कामगारों को अपने यहाँ दोबारा काम न दें.
वहीँ एजेंसी ने कहा की यदि उन्होंने इस किया तो उन्हें भरी जुरमाना और जेल भी हो सकती है. कई मानवाधिकार संगठन पहले भी कफाला व्यवस्था को ख़त्म करने की मांग की है.
आपको बतादे की सऊदी अरब पासपोर्ट एजेंसी ने स्थानीय नागरिको से अनुरोध किया है की वो करार तोड़कर भागने वाले कामगारों को रोज़गार न दें.
दूसरी और श्रम मंत्री मुफरेज़ अल हकबानी का कहना है. कि सऊदी अरब में काम करने वाली ज़्यादातर श्रमिक खुश है. उनका कहना है कि ये शर्म बाजार का बड़ा छोटा सा हिस्सा है. हमारे यहाँ एक करोड़ विदेशी श्रमिक ख़ुशी के साथ काम करते है.
वही दूसरी ओर भारतीय श्रमिकों का कहना था कि कई महीने से उन्हें वेतन नही मिला है वो खाने पीने के लिए भी मोहताज हो गए थे. भारत सरकार के दखल के बाद सऊदी सरकार ने उन पर ध्यान दिया, यह समस्या सिर्फ भारतीय श्रमिको की नही बल्कि पाकिस्तान के कामगार भी सऊदी अरब की स्तिथियों को लेकर शिकायत करते रहते है.
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