हाई कोर्ट पहुंच गया मामला जब मेयर और 14 पार्षदों ने सरकारी जमीन पर किया कब्जा


सचिव शहरी विकास ने कुमाऊं मंडलायुक्त को मामले की जांच कर 15 दिनों में रिपोर्ट तलब की है। हाईकोर्ट ने जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद कुमाऊं आयुक्त को चार हफ्ते के भीतर जांच कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए हैं।
मेयर और पार्षदों पर आरोप है कि उन्होंने नगर निगम की नजूल और अन्य शासकीय भूमि पर जबरन कब्जा किया हुआ है। अब यह मामला नैनीताल स्थित उत्तराखंड हाईकोर्ट और शासन तक पहुंच गया है।
14 पार्षदों के संबंध में सूचना के अधिकार (RTI) के तहत जानकारी मांगी गई तो उसमें नगर निगम की ओर से बताया गया कि सभी ने सरकारी भूमि पर कब्जा किया है। इस आधार पर याचिकाकर्ता ने उनका निर्वाचन निरस्त किए जाने की मांग शासन, प्रशासन व चुनाव आयोग से की, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
पूर्व सभासद रामबाबू ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा कि रुद्रपुर की मेयर सोनी कोली व 14 पार्षदों द्वारा चुनाव के समय चुनाव आयोग के समक्ष झूठा शपथपत्र पेश कर यह कहा कि उनके द्वारा सरकारी भूमि पर कब्जा नहीं किया गया है।
मंडलायुक्त से बताया गया है कि वह इस मामले की जांच कर 15 दिनों में रिपोर्ट शासन को भेजें ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके। डीएम ऊधमसिंह नगर की ओर से भी एक रिपोर्ट शासन को भेजी गई हैं। बहरहाल मेयर और पार्षदों द्वारा नगर निगम की नजूल जमीन कब्जाई है या नहीं? यह तो मंडलायुक्त की जांच के बाद भी सामने आएगा।

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सचिव शहरी विकास ने कुमाऊं मंडलायुक्त को मामले की जांच कर 15 दिनों में रिपोर्ट तलब की है। हाईकोर्ट ने जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद कुमाऊं आयुक्त को चार हफ्ते के भीतर जांच कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए हैं।
मेयर और पार्षदों पर आरोप है कि उन्होंने नगर निगम की नजूल और अन्य शासकीय भूमि पर जबरन कब्जा किया हुआ है। अब यह मामला नैनीताल स्थित उत्तराखंड हाईकोर्ट और शासन तक पहुंच गया है।
14 पार्षदों के संबंध में सूचना के अधिकार (RTI) के तहत जानकारी मांगी गई तो उसमें नगर निगम की ओर से बताया गया कि सभी ने सरकारी भूमि पर कब्जा किया है। इस आधार पर याचिकाकर्ता ने उनका निर्वाचन निरस्त किए जाने की मांग शासन, प्रशासन व चुनाव आयोग से की, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
पूर्व सभासद रामबाबू ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा कि रुद्रपुर की मेयर सोनी कोली व 14 पार्षदों द्वारा चुनाव के समय चुनाव आयोग के समक्ष झूठा शपथपत्र पेश कर यह कहा कि उनके द्वारा सरकारी भूमि पर कब्जा नहीं किया गया है।
मंडलायुक्त से बताया गया है कि वह इस मामले की जांच कर 15 दिनों में रिपोर्ट शासन को भेजें ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके। डीएम ऊधमसिंह नगर की ओर से भी एक रिपोर्ट शासन को भेजी गई हैं। बहरहाल मेयर और पार्षदों द्वारा नगर निगम की नजूल जमीन कब्जाई है या नहीं? यह तो मंडलायुक्त की जांच के बाद भी सामने आएगा।


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