आखिर क्यों सीईओ छिनवा रहे शौच जा रही महिलाओं की बाल्टी : पढ़े खबर


खुले में शौच मुक्त ग्राम बनाने की प्रतिस्पर्धा में आगे निकलने की होड़ में अति उत्साहित मालखरौदा जनपद सीईओ मानवता व मर्यादा को ताक पर रखकर नया कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं।
साथ ही बाहर शौच कर रहे लोगों व महिलाओं की बाल्टी तक छिनी जा रही है। गरीब व बीपीएल हितग्राहियों को भी पेंशन व चावल बंद करने की धमकी देकर शौचालय बनवाने को मजबूर किया जा रहा हैै।
ग्राम पंचायत माहुलडीह की विधवा महिला श्रीमती शकुंतला चौहान पति स्व. चन्द्रमा चौहान ग्राम अमलीडीह में अपनी जमीन को गिरवी रखने गई थी उसने गांव के लोगों से शौचालय बनवाने के लिए जमीन गिरवी रखने की मिन्नत की, मगर बात नहीं बनी। इतना ही नहीं शौचालय नहीं बनवाने पर पेंशन व चावल वितरण बंद कर देने की धमकी देने की बात ग्रामीणों ने कही है।
जम्मू कश्मीर से कमा खाकर लौटे ग्रामीणों को शौचालय बनाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। 8-10 हजार रूपए कमाकर लाए हैं उससे लोग शौचालय बनवाएंगे या घर का छप्पर ठीक कराएंगे।
सीईओ को कई बार बोल चुके हैं कि इस तरह दबाव न बनाएं मगर वे मानने को तैयार नहीं है। कभी सुबह चार बजे गांव पहुंच जाते हैं तो कभी रात 9 बजे किसी को राशन कार्ड काटने की धमकी देते हैं तो किसी का पेंशन रोकने की। क्षेत्र की महिलाएं इनसे परेशान हैं। इसकी शिकायत महिला आयोग से भी की जाएगी।


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खुले में शौच मुक्त ग्राम बनाने की प्रतिस्पर्धा में आगे निकलने की होड़ में अति उत्साहित मालखरौदा जनपद सीईओ मानवता व मर्यादा को ताक पर रखकर नया कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं।
साथ ही बाहर शौच कर रहे लोगों व महिलाओं की बाल्टी तक छिनी जा रही है। गरीब व बीपीएल हितग्राहियों को भी पेंशन व चावल बंद करने की धमकी देकर शौचालय बनवाने को मजबूर किया जा रहा हैै।
ग्राम पंचायत माहुलडीह की विधवा महिला श्रीमती शकुंतला चौहान पति स्व. चन्द्रमा चौहान ग्राम अमलीडीह में अपनी जमीन को गिरवी रखने गई थी उसने गांव के लोगों से शौचालय बनवाने के लिए जमीन गिरवी रखने की मिन्नत की, मगर बात नहीं बनी। इतना ही नहीं शौचालय नहीं बनवाने पर पेंशन व चावल वितरण बंद कर देने की धमकी देने की बात ग्रामीणों ने कही है।
जम्मू कश्मीर से कमा खाकर लौटे ग्रामीणों को शौचालय बनाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। 8-10 हजार रूपए कमाकर लाए हैं उससे लोग शौचालय बनवाएंगे या घर का छप्पर ठीक कराएंगे।
सीईओ को कई बार बोल चुके हैं कि इस तरह दबाव न बनाएं मगर वे मानने को तैयार नहीं है। कभी सुबह चार बजे गांव पहुंच जाते हैं तो कभी रात 9 बजे किसी को राशन कार्ड काटने की धमकी देते हैं तो किसी का पेंशन रोकने की। क्षेत्र की महिलाएं इनसे परेशान हैं। इसकी शिकायत महिला आयोग से भी की जाएगी।



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