‘नेकी का महीना’ नाम के इस विज्ञापन में एक मुस्लिम महिला डॉक्टर को दिखाया गया है, जो इफ्तार कर रही है. ये महिला डॉक्टर इफ्तार की शुरूआत ही करती है कि तभी एक इमरजेंसी केस आ जाता है और वह बीच से ही इफ्तार छोड़कर मरीज को देखने के लिए चली जाती हैं
रमज़ान के पाक महीने में इफ्तार पर बना यह विज्ञापन सोशल मीडिया पर खूब देखा जा रहा है. इंसानियत और फर्ज को दर्शाने वाला और दिल को छूने वाला ये विज्ञापन खूब सुर्खियां बटोर रहा है.
ये महिला डॉक्टर ऑपरेशन करने के बाद मरीज के परिजनों से मिलती है. क्योंकि महिला डॉक्टर अपना इफ्तार नहीं कर पाई थी ऐसे में मरीज के परिजन उनके लिए इफ्तार का इंतजाम करते हैं. फिर क्या होता है आप खुद देख लीजिए
जी हाँ इस्लाम मज़हब में जो इंसानियत की मिसाल दी जाती है आज इस डॉक्टर ने उस मिसाल को सही साबित कर दिखाया। जो लोग समझते है इस्लाम मज़हब दहशद गर्दी का मज़हब है आप इस विज्ञापन की वीडियो को देख कर ज़रा सोचिये भूख की शिद्द्दत में तबति गर्मी में जब इफ्तार का वक़्त आया तो उस डॉक्टर ने अपने फ़र्ज़ और अपने धर्म को कायम रखा
आपको बतादे इस्लाम का दूसरा नाम सारी दुनिया की इंसानियत से प्यार करना है जिनके हम उम्मती है उनका भी फरमान है कि यदि आपका कोई भाई तकलीफ में है तो सबसे पहले अपनी जानिब से उसकी मदद करो. इस वीडियो को देखकर सबक ले वो लोग जो हिन्दू मुस्लिम की नफरत फैलाकर अल्लाह के बन्दों का कत्ले आम कराते है.
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