मोहब्बत में जुदाई का भी हक है ये ग़ज़ल पढ़कर किस ओर था सीएम अखिलेश का इशारा


मुख्तार महाभारत’ के बाद मुलायम स‌िंह, अख‌िलेश यादव, चाचा श‌िवपाल, अमर स‌िंह रामगोपाल यादव का जन्म‌द‌िन मनाने इकट्ठे हुए और सीएम काफी हल्के-फुल्के मूड में द‌िखाई द‌िए। अमर स‌िंह अंकल जी की सूरत-सीरत देखकर लगता है क‌ि उनकी उम्र 25 साल है, ये बात अख‌िलेश यादव ने प्रोफेसर रामगोपाल यादव के जन्मद‌िन के मौके पर कही।
उन्होंने प्रो. रामगोपाल की उम्र कर दी, क‌िसी ने 60, क‌िसी ने 45 अब बताइये मैं भी कम कर दूंगा तो उम्र क‌ितनी रह जाएगी। उन्होंने आगे कहा,अमर स‌िंह अंकलजी को मैं धन्यवाद देना चाहता हूं क्योंक‌ि उन्होंने ज‌िस अंदाज में हैप्पी बर्थडे कहा और उनकी सूरत और सीरत देखकर लगा क‌ि 25 साल का लड़का बधाई दे रहा है।
सीएम अख‌िलेश यादव ने कहा, अमर स‌िंह अंकल ने तो आज मेहंदी हसन की गजल भी सुना दी, ‘मर के भी तुझे चाहूंगा’ हालांक‌ि मैं गजलें नहीं सुनता लेक‌िन इसी गजल की आगे की लाइन का ज‌िक्र जरूर करना चाहूंगा और इन लाइनों को याद करने के ल‌िए मैंने बगल में बैठे लोगों की मदद ली। वो लाइनें हैं, ‘मोहब्बत में जुदाई का भी हक है’।

सीएम अख‌िलेश ने उन्हें जन्मद‌िन और पुस्तक व‌िमोचन की बधाई दी और कहा, ये क‌िताब एक समाजवादी ग्रंथ की तरह है इसके ल‌िए मैं रामगोपाल यादव को धन्यवाद देता हूं। अमर स‌िंह की बेपनाह मोहब्बत की वजह के जवाब में सीएम की गजल की इन लाइनों से क‌िए गए इशारे को सभी समझ गए और हॉल ठहाकों से गूंज उठा।

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मुख्तार महाभारत’ के बाद मुलायम स‌िंह, अख‌िलेश यादव, चाचा श‌िवपाल, अमर स‌िंह रामगोपाल यादव का जन्म‌द‌िन मनाने इकट्ठे हुए और सीएम काफी हल्के-फुल्के मूड में द‌िखाई द‌िए। अमर स‌िंह अंकल जी की सूरत-सीरत देखकर लगता है क‌ि उनकी उम्र 25 साल है, ये बात अख‌िलेश यादव ने प्रोफेसर रामगोपाल यादव के जन्मद‌िन के मौके पर कही।
उन्होंने प्रो. रामगोपाल की उम्र कर दी, क‌िसी ने 60, क‌िसी ने 45 अब बताइये मैं भी कम कर दूंगा तो उम्र क‌ितनी रह जाएगी। उन्होंने आगे कहा,अमर स‌िंह अंकलजी को मैं धन्यवाद देना चाहता हूं क्योंक‌ि उन्होंने ज‌िस अंदाज में हैप्पी बर्थडे कहा और उनकी सूरत और सीरत देखकर लगा क‌ि 25 साल का लड़का बधाई दे रहा है।
सीएम अख‌िलेश यादव ने कहा, अमर स‌िंह अंकल ने तो आज मेहंदी हसन की गजल भी सुना दी, ‘मर के भी तुझे चाहूंगा’ हालांक‌ि मैं गजलें नहीं सुनता लेक‌िन इसी गजल की आगे की लाइन का ज‌िक्र जरूर करना चाहूंगा और इन लाइनों को याद करने के ल‌िए मैंने बगल में बैठे लोगों की मदद ली। वो लाइनें हैं, ‘मोहब्बत में जुदाई का भी हक है’।

सीएम अख‌िलेश ने उन्हें जन्मद‌िन और पुस्तक व‌िमोचन की बधाई दी और कहा, ये क‌िताब एक समाजवादी ग्रंथ की तरह है इसके ल‌िए मैं रामगोपाल यादव को धन्यवाद देता हूं। अमर स‌िंह की बेपनाह मोहब्बत की वजह के जवाब में सीएम की गजल की इन लाइनों से क‌िए गए इशारे को सभी समझ गए और हॉल ठहाकों से गूंज उठा।


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