12500 km. कि दुरी साइकल से तय कर के मादीना पहुंचे आफरिक़ा के दो भाई


कहते हैं के जब किसी की मोहब्बत दिल में हो तो उस के लिये इन्सान कुछ भी कर सकता हैं और जब बात को मदीने वाले प्यारे आका ऐ दो आलम की तो इन्सान अपनी जान तक निछावर कर देता है

ऐसा ही कुछ किया हैं इन दोनो भाई ने ये दोनों भाई  साउथ आफरिक़ा के शहर केपटाउन से 12500 km. कि दुरी साइकल से तय कर के मादीना मुनवरा पहुंचे हैं और अपनी हाजरी पेश की, 

जब ये लोगो अकीदे से अपने घर से मदीने की जानिब निकले तो इन्हें कुछ परेशानियों का भी सामना करना पड़ा.  क्यों की सफ़र बहुत लम्बा था तो बहुत से अलग अलग मुल्को से हो के जाना पड़ा इस सफ़र को तय करने में इन लोगो को 9 महीने का टाइम लगा और आखिरकार दोनों भाई अपनी मंजिल पर पहुच गये.

ऑनलाइन हिंदी न्यूज़ की दुआ है के हमारे सारे रेडर्स को भी ज़िन्दगी में मदीने का दीदार नसीब हो

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कहते हैं के जब किसी की मोहब्बत दिल में हो तो उस के लिये इन्सान कुछ भी कर सकता हैं और जब बात को मदीने वाले प्यारे आका ऐ दो आलम की तो इन्सान अपनी जान तक निछावर कर देता है

ऐसा ही कुछ किया हैं इन दोनो भाई ने ये दोनों भाई  साउथ आफरिक़ा के शहर केपटाउन से 12500 km. कि दुरी साइकल से तय कर के मादीना मुनवरा पहुंचे हैं और अपनी हाजरी पेश की, 

जब ये लोगो अकीदे से अपने घर से मदीने की जानिब निकले तो इन्हें कुछ परेशानियों का भी सामना करना पड़ा.  क्यों की सफ़र बहुत लम्बा था तो बहुत से अलग अलग मुल्को से हो के जाना पड़ा इस सफ़र को तय करने में इन लोगो को 9 महीने का टाइम लगा और आखिरकार दोनों भाई अपनी मंजिल पर पहुच गये.

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