ऐलीफेंट की स्पेलिंग ही नहीं आती मंत्री जी को देखें आप भी


गुजरात के स्वास्थ्य एवं शहरी विकास राज्य मंत्री शंकर चौधरी कई बार अपनी शैक्षणिक योग्यता को लेकर विवादों का सामना कर चुके हैं और एक बार फिर इसी कारणों से सुर्खियों में हैं।
दरअसल शंकर ने गुरूवार को अपने विधानसभा क्षेत्र में स्थित एक स्कूल में बच्चों को पढ़ाने गए, लेकिन इस दौरान अंग्रेजी में हाथी की स्पेलिंग भी सही से नहीं लिख पाए। बता दें कि गुजरात सरकार के एमबीए पास मंत्री शंकर चौधरी 'शाला प्रवेश उत्सव' के दौरान अपने चुनावी क्षेत्र के एक सरकारी स्कूल गए थे और वहां बच्चों को अंग्रेजी पढ़ाने लगे।
चौधरी ने क्लास में ब्लैक बोर्ड पर लिखना शुरू किया और इस दौरान एलिफैंट की स्पेलिंग Elephent लिख दी। चौधरी की इस गलती पर शिक्षकों ने उन्हें नहीं टोका, लेकिन पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई और सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। बीजेपी की टिकट पर तीसरी बार विधानसभा में चुने गए शंकर चौधरी इससे पहले भी अपनी शिक्षा को लेकर विवादों में घिरे रहे हैं।
साल 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में चुनाव आयोग के समक्ष चौधरी ने जो हलफनामा दायर किया था, उसके मुताबिक उन्होंने अपनी शैक्षणिक योग्यता एमबीए बताई थी गोकलाणी ने गुजरात हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका भी दायर की थी।
उनका कहना है कि चौधरी ने जिस स्‍कूल से पढ़ाई की थी, उन्होंने वहां से सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी। आरटीआई से प्राप्त जानकारी के अनुसार चौधरी ने 1987 में 10वीं की परीक्षा पास की थी और इसके बाद साल 2011 में उन्होंने 12वीं की परीक्षा पास की।
याचिकाकर्ता का कहना है कि ऐसा संभव नहीं है कि कोई व्यक्ति साल 2011 में 12वीं की परीक्षा पास करे और एक साल के भीतर यानि 2012 में एमबीए भी हो जाए। हालांकि इन आरोपों पर चौधरी का कहना था कि ये सारे आरोप फर्जी हैं और वह कोर्ट में तफसील से अपना पक्ष रखेंगे।

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दरअसल शंकर ने गुरूवार को अपने विधानसभा क्षेत्र में स्थित एक स्कूल में बच्चों को पढ़ाने गए, लेकिन इस दौरान अंग्रेजी में हाथी की स्पेलिंग भी सही से नहीं लिख पाए। बता दें कि गुजरात सरकार के एमबीए पास मंत्री शंकर चौधरी 'शाला प्रवेश उत्सव' के दौरान अपने चुनावी क्षेत्र के एक सरकारी स्कूल गए थे और वहां बच्चों को अंग्रेजी पढ़ाने लगे।
चौधरी ने क्लास में ब्लैक बोर्ड पर लिखना शुरू किया और इस दौरान एलिफैंट की स्पेलिंग Elephent लिख दी। चौधरी की इस गलती पर शिक्षकों ने उन्हें नहीं टोका, लेकिन पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई और सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। बीजेपी की टिकट पर तीसरी बार विधानसभा में चुने गए शंकर चौधरी इससे पहले भी अपनी शिक्षा को लेकर विवादों में घिरे रहे हैं।
साल 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में चुनाव आयोग के समक्ष चौधरी ने जो हलफनामा दायर किया था, उसके मुताबिक उन्होंने अपनी शैक्षणिक योग्यता एमबीए बताई थी गोकलाणी ने गुजरात हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका भी दायर की थी।
उनका कहना है कि चौधरी ने जिस स्‍कूल से पढ़ाई की थी, उन्होंने वहां से सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी। आरटीआई से प्राप्त जानकारी के अनुसार चौधरी ने 1987 में 10वीं की परीक्षा पास की थी और इसके बाद साल 2011 में उन्होंने 12वीं की परीक्षा पास की।
याचिकाकर्ता का कहना है कि ऐसा संभव नहीं है कि कोई व्यक्ति साल 2011 में 12वीं की परीक्षा पास करे और एक साल के भीतर यानि 2012 में एमबीए भी हो जाए। हालांकि इन आरोपों पर चौधरी का कहना था कि ये सारे आरोप फर्जी हैं और वह कोर्ट में तफसील से अपना पक्ष रखेंगे।


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