पिछले दिनों हरिद्वार में उसके साथ हुए एक मामूली सड़क हादसे के बाद उसकी याददाश्त वापस आ गई। सात साल बाद खोई याददाश्त फिर लौटने पर वह अपने घर अलवर के बहरोड़ लौट आया।
सड़क हादसे के बाद सेना ने अपने जिस जवान को मृत मान कर उसकी पत्नी के लिए पेंशन शुरू कर दी थी, फिल्मी कहानी की तर्ज पर सात साल बाद वह जवान वापस अपने घर लौट आया।
धर्मवीर के पिता कैलाश यादव ने बताया कि रात को जब घर पर पंहुच कर धर्मवीर ने दरवाजा खटखटाया तो उन्होंने उससे पूछा कि वह कौन है। दरवाजा खोलने पर सामने धर्मवीर था। उसे देख कर, उससे बातें कर कैलाश यादव और उनके परिवार वालों को भरोसा ही नहीं हुआ।
एक आदमी के दिए 500 रुपये से उसने अपना हुलिया ठीक किया और अपने घर लौटा। धर्मवीर के लौटने के बाद उसके परिवार में खुशी का माहौल है।
कैलाश ने कहा कि उन्होंने सेना की 66 आर्म्ड रेजिमेंट को धर्मवीर के जिंदा होने और घर आने की सूचना दे दी है।याददाश्त लौटने के बाद खुद को भिखारी जैसी हालत में पाकर वह दंग रह गया।
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