सभी मुसलमानों को अब जर्मन बात करनी चाहिए मुसलमानों के साथ आपसी समझ बेहतर करने की ज़रूरत है। : जर्मनी


बर्लिन के जर्मन इसलाम कांफ्रेंस में गृह मंत्री वॉल्फ़गांग श्वाबले ने कहा कि इस धर्मनिरपेक्ष देश में मिल कर रहने की समझदारी बनानी चाहिए। जर्मनी मानता है कि जर्मनों और मुसलमानों के बीच आपसी समझदारी में कमी है। बैठक के बाद जर्मन स्कूलों में मुसलमानों के लिए मुफ़्त इसलामी क्लास शुरू हो सकते हैं।
मुसलमानों को समाज में घुलाने मिलाने के प्रयास तेज़ हो रहे हैं। यह १८ महीनों के अंदर जर्मनी में ये इस तरह की तीसरी बैठक थी। गृह मंत्री वॉल्फ़गांग श्वाबले कहते हैं कि जर्मनों और मुसलमानों में आपसी समझ की कमी है और एक दूसरे की बात सुनने की क्षमता विकसित करनी चाहिए।
जर्मनी में क़रीब 34 लाख मुसलमान हैं, जिनमें से आधे तुर्की मूल के हैं। बर्लिन की बैठक शुरू होने से ठीक पहले तुर्की के प्रधानमंत्री रज्जब तैयब एर्दवान ने आरोप लगाया है कि जर्मनी में तुर्क मूल के लोग असुरक्षित महसूस करते हैं। पिछले महीने लुडविशहाफ़न शहर की एक इमारत में आग लगने से तुर्की के नौ लोगों की मौत हो गई थी। आरोप है कि शरारती तत्वों ने वहां जान बूझ कर आग लगाई।
हमें जर्मनी में रहने वाले मुसलमानों को इस बात पर सहमत करना चाहिए कि वो जर्मनी के क़ानूनों का पालन करें। वो दूसरों की आज़ादी का सम्मान करें। उन्हें सहिष्णु होना चाहिए और हिंसा से बचना चाहिए। उन्हें औरतों और पुरुषों के बीच बराबरी के अधिकार को मानना चाहिए।
उधर, अफ्रीकी देश सेनेगल की राजधानी डकार में दुनिया का सबसे बड़ा मुसलिम फ़ोरम शुरू हुआ। दो दिनों की बैठक में 57 मुल्क हिस्सा ले रहे हैं। काबुल में ज़बरदस्त बमबारी के बीच हामिद करज़ई पहुंचे। इज़रायल के ताज़ा हमलों के बीच फ़लीस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास आए। 

Share on Google Plus

About Unknown

0 comments:

/ / / सभी मुसलमानों को अब जर्मन बात करनी चाहिए मुसलमानों के साथ आपसी समझ बेहतर करने की ज़रूरत है। : जर्मनी


बर्लिन के जर्मन इसलाम कांफ्रेंस में गृह मंत्री वॉल्फ़गांग श्वाबले ने कहा कि इस धर्मनिरपेक्ष देश में मिल कर रहने की समझदारी बनानी चाहिए। जर्मनी मानता है कि जर्मनों और मुसलमानों के बीच आपसी समझदारी में कमी है। बैठक के बाद जर्मन स्कूलों में मुसलमानों के लिए मुफ़्त इसलामी क्लास शुरू हो सकते हैं।
मुसलमानों को समाज में घुलाने मिलाने के प्रयास तेज़ हो रहे हैं। यह १८ महीनों के अंदर जर्मनी में ये इस तरह की तीसरी बैठक थी। गृह मंत्री वॉल्फ़गांग श्वाबले कहते हैं कि जर्मनों और मुसलमानों में आपसी समझ की कमी है और एक दूसरे की बात सुनने की क्षमता विकसित करनी चाहिए।
जर्मनी में क़रीब 34 लाख मुसलमान हैं, जिनमें से आधे तुर्की मूल के हैं। बर्लिन की बैठक शुरू होने से ठीक पहले तुर्की के प्रधानमंत्री रज्जब तैयब एर्दवान ने आरोप लगाया है कि जर्मनी में तुर्क मूल के लोग असुरक्षित महसूस करते हैं। पिछले महीने लुडविशहाफ़न शहर की एक इमारत में आग लगने से तुर्की के नौ लोगों की मौत हो गई थी। आरोप है कि शरारती तत्वों ने वहां जान बूझ कर आग लगाई।
हमें जर्मनी में रहने वाले मुसलमानों को इस बात पर सहमत करना चाहिए कि वो जर्मनी के क़ानूनों का पालन करें। वो दूसरों की आज़ादी का सम्मान करें। उन्हें सहिष्णु होना चाहिए और हिंसा से बचना चाहिए। उन्हें औरतों और पुरुषों के बीच बराबरी के अधिकार को मानना चाहिए।
उधर, अफ्रीकी देश सेनेगल की राजधानी डकार में दुनिया का सबसे बड़ा मुसलिम फ़ोरम शुरू हुआ। दो दिनों की बैठक में 57 मुल्क हिस्सा ले रहे हैं। काबुल में ज़बरदस्त बमबारी के बीच हामिद करज़ई पहुंचे। इज़रायल के ताज़ा हमलों के बीच फ़लीस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास आए। 


«
Next
अखिलेश ने किया मुलायम को बिना बताए मंत्री को बर्खास्त, मुख्तार पर समाजवादी परिवार में घमासान अखिलेश ने किया मुलायम को बिना बताए मंत्री को बर्खास्त, मुख्तार पर समाजवादी परिवार में घमासान
»
Previous
पुणे से होगी 'स्‍मार्ट सिटी मिशन' की शुरुआत , PM मोदी 25 जून को करेंगे शिलान्‍यास पुणे से होगी 'स्‍मार्ट सिटी मिशन' की शुरुआत , PM मोदी 25 जून को करेंगे शिलान्‍यास

About Unknown

This is a short description in the author block about the author. You edit it by entering text in the "Biographical Info" field in the user admin panel.

No comments :