
काठमांडू- भारत-नेपाल बाॅर्डर पर आठ हजार से खंभों को वैश्विक दिशा-निर्देशन उपग्रह प्रणाली का इस्तेमाल कर जीपीएस सिस्टम से लैस किया जाएगा। ऐसा पहली बार हो रहा है जब भारत को नेपाल से लगी 17 हजार किलोमीटर से लंबी सीमा को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में मदद मिलेगी।
नेपाल के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि, नेपाल-भारत सीमा के खंभों के लिए नेपाल-भारत बाॅर्डर पर वैश्विक दिशा-निर्देशन उपग्रह प्रणाली (एनआईबी जीएनएसएस) का इस्तेमाल किया जाएगा। मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि, शनिवार को (25 जून) सम्पन्न हुई नेपाल-भारत सीमा कार्यकारी समूह की तीसरी बैठक में इस मसले पर फैसला लिया गया था।
बता दें कि, नेपाल-भारत सीमा कार्यकारी समूह की बैठक तीन दिन तक चली थी, जिसमें नेपाली प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सर्वेक्षण विभाग के महानिदेशक कृष्ण राज बीसी ने किया था। वहीं, भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भारत के महा सर्वेक्षक स्वर्ण सुब्बा राव ने किया था।
इस बैठक में दोनों देशों ने फैसला किया है कि एसओसी की अगली बैठक इस साल सितंबर में और बीडब्ल्यूजी की बैठक अगस्त 2017 में भारत में होगी।
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