जानिये - रमजान में कब और क्या खायें, कैसी हो डायट


रमजान का महीना दुनिया भर के मुसलमानों के लिए रोजा रखने और इबादत का महीना होता है. सेहरी में ऐसा क्या खाया जाए जो दिन भर के लिए मददगार हो और शाम को ऐसा क्या खाएं जो नुकसान न पहुंचाए, इन बातों पर गौर जरूरी है.
सोच समझ कर खाया जाए तो रोजा रखने से सेहत को फायदा हो सकता है. अक्सर लोगों को शिकायत रहती है कि दिन भर रोजा रखने के बावजूद उनका वजन बढ़ रहा है. ऐसा बिना सोचे समझे खाने से होता है. रोजे में सेहरी से इफ्तार यानि सुबह सूरज उगने से ढलने के बीच रोजा रखने वाले कुछ नहीं खाते पीते.
लेकिन इसके पहले और बाद के मौके अहम हैं. जब लोग आम तौर पर परिवार एक साथ बैठ कर खाते हैं. देखा गया है कि दक्षिण एशिया और मध्यपूर्व के देशों में तेल घी में डूबे खाने बेझिझक खाए जाते हैं. समोसा, पकौड़े, चिप्स और कई दूसरे पकवान. लेकिन इससे आपके दिल को भी नुकसान हो सकता है और वजन बढ़ने का भी खतरा रहता है. इस्लामाबाद के न्यूट्रीशियन डॉक्टर अनीस आलम ने डॉयचे वेले से बातचीत में बताया कि कब, क्या और कितना खाएं.
महिलाएं रखें खास ध्यान
डॉक्टर आलम के मुताबिक गर्भवती या उन महिलाओं को रोजा नहीं रखना चाहिए जो बच्चे को दूध पिला रही हों. भारत और पाकिस्तान में रोजा लगभग 15 घंटे लंबा हो रहा है, जबकि यूरोपीय देशों में तो कई जगह 19 घंटे लंबा रोजा भी है. ऐसी महिलाओं के लिए इतने लंबे समय तक भूखा प्यासा रहना मुश्किल पैदा कर सकता है.
उन्होंने बताया कि रोजा रखने वाली औरतों को अपनी खुराक में कैल्शियम जरूर शामिल करना चाहिए. उनके मुताबिक औरतों को दूध और दही जैसी चीजें सेहरी और इफ्तार दोनों में लेना चाहिए.
वजन घटाने के लिए
डॉक्टर आलम मानते हैं कि रमजान के महीने में न सिर्फ इबादत का, बल्कि शरीर को भी गैरजरूरी खान पान से बचाने का मौका मिलता है. पूरे साल शरीर भारी खाने को पचाने में जो मेहनत करता है उससे तंत्र को राहत मिलती है, "वे लोग जो वजन कम करना चाहते हैं, उन्हें रमजान के महीने का फायदा उठाना चाहिए. उन्हें तले और ज्यादा मीठे खाने से बचना चाहिए. इससे शरीर की अनचाही चर्बी कम होती है."
सेहरी के विकल्प
  • मल्टी ग्रेन ब्रेड
  • चोकर मिले आटे की रोटी या परांठा
  • दूध और दही
  • तीन से चार ग्लास पानी
  • अंडा
  • ताजे फल
  • पीनट बटर
  • बिना चीनी वाले सीरियल
  • ज्यादा कॉफी या सोडा के परहेज
इफ्तार के विकल्प
  • खजूर फायदेमंद है. इसमें आयरन और दूसरे पोषक तत्व होते हैं
  • तला हुए खाने से बचें.
बीमारी से बचें
डॉक्टर आलम के मुताबिक पकौड़े और समोसे जैसी चीजें संतृप्त तेलों से भरी होती हैं. इनसे वजन तो बढ़ता है लेकिन शरीर को पोषण नहीं मिलता. वह कहते हैं कि रमजान में सेहत अच्छी रखने के लिए और शरीर को कमजोरी या मोटापे से बचाने के लिए इफ्तार से सेहरी के बीच खूब पानी पीना चाहिए. खूब फल खाने चाहिए, धूप से बचना चाहिए और नींद पूरी करने पर खास ध्यान देना चाहिए. नींद पूरी न होने से आप बीमार भी हो सकते हैं.
उन्होंने बताया कि सेहरी और इफ्तार के बाद लोगों को दांत साफ करना नहीं भूलना चाहिए, ताकि फंगल इंफेक्शन से बचा जा सके. इफ्तार से पहले 15 से 20 मिनट चलने से उन लोगों को खासी मदद मिल सकती है जो रमजान में वजन कम करना चाहते हैं. रोजे के दौरान हाथ भी साफ रखने चाहिए क्योंकि शरीर जब भूखा होता है तो उस पर कीटाणु आसानी से हमला कर सकते हैं.


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रमजान का महीना दुनिया भर के मुसलमानों के लिए रोजा रखने और इबादत का महीना होता है. सेहरी में ऐसा क्या खाया जाए जो दिन भर के लिए मददगार हो और शाम को ऐसा क्या खाएं जो नुकसान न पहुंचाए, इन बातों पर गौर जरूरी है.
सोच समझ कर खाया जाए तो रोजा रखने से सेहत को फायदा हो सकता है. अक्सर लोगों को शिकायत रहती है कि दिन भर रोजा रखने के बावजूद उनका वजन बढ़ रहा है. ऐसा बिना सोचे समझे खाने से होता है. रोजे में सेहरी से इफ्तार यानि सुबह सूरज उगने से ढलने के बीच रोजा रखने वाले कुछ नहीं खाते पीते.
लेकिन इसके पहले और बाद के मौके अहम हैं. जब लोग आम तौर पर परिवार एक साथ बैठ कर खाते हैं. देखा गया है कि दक्षिण एशिया और मध्यपूर्व के देशों में तेल घी में डूबे खाने बेझिझक खाए जाते हैं. समोसा, पकौड़े, चिप्स और कई दूसरे पकवान. लेकिन इससे आपके दिल को भी नुकसान हो सकता है और वजन बढ़ने का भी खतरा रहता है. इस्लामाबाद के न्यूट्रीशियन डॉक्टर अनीस आलम ने डॉयचे वेले से बातचीत में बताया कि कब, क्या और कितना खाएं.
महिलाएं रखें खास ध्यान
डॉक्टर आलम के मुताबिक गर्भवती या उन महिलाओं को रोजा नहीं रखना चाहिए जो बच्चे को दूध पिला रही हों. भारत और पाकिस्तान में रोजा लगभग 15 घंटे लंबा हो रहा है, जबकि यूरोपीय देशों में तो कई जगह 19 घंटे लंबा रोजा भी है. ऐसी महिलाओं के लिए इतने लंबे समय तक भूखा प्यासा रहना मुश्किल पैदा कर सकता है.
उन्होंने बताया कि रोजा रखने वाली औरतों को अपनी खुराक में कैल्शियम जरूर शामिल करना चाहिए. उनके मुताबिक औरतों को दूध और दही जैसी चीजें सेहरी और इफ्तार दोनों में लेना चाहिए.
वजन घटाने के लिए
डॉक्टर आलम मानते हैं कि रमजान के महीने में न सिर्फ इबादत का, बल्कि शरीर को भी गैरजरूरी खान पान से बचाने का मौका मिलता है. पूरे साल शरीर भारी खाने को पचाने में जो मेहनत करता है उससे तंत्र को राहत मिलती है, "वे लोग जो वजन कम करना चाहते हैं, उन्हें रमजान के महीने का फायदा उठाना चाहिए. उन्हें तले और ज्यादा मीठे खाने से बचना चाहिए. इससे शरीर की अनचाही चर्बी कम होती है."
सेहरी के विकल्प
  • मल्टी ग्रेन ब्रेड
  • चोकर मिले आटे की रोटी या परांठा
  • दूध और दही
  • तीन से चार ग्लास पानी
  • अंडा
  • ताजे फल
  • पीनट बटर
  • बिना चीनी वाले सीरियल
  • ज्यादा कॉफी या सोडा के परहेज
इफ्तार के विकल्प
  • खजूर फायदेमंद है. इसमें आयरन और दूसरे पोषक तत्व होते हैं
  • तला हुए खाने से बचें.
बीमारी से बचें
डॉक्टर आलम के मुताबिक पकौड़े और समोसे जैसी चीजें संतृप्त तेलों से भरी होती हैं. इनसे वजन तो बढ़ता है लेकिन शरीर को पोषण नहीं मिलता. वह कहते हैं कि रमजान में सेहत अच्छी रखने के लिए और शरीर को कमजोरी या मोटापे से बचाने के लिए इफ्तार से सेहरी के बीच खूब पानी पीना चाहिए. खूब फल खाने चाहिए, धूप से बचना चाहिए और नींद पूरी करने पर खास ध्यान देना चाहिए. नींद पूरी न होने से आप बीमार भी हो सकते हैं.
उन्होंने बताया कि सेहरी और इफ्तार के बाद लोगों को दांत साफ करना नहीं भूलना चाहिए, ताकि फंगल इंफेक्शन से बचा जा सके. इफ्तार से पहले 15 से 20 मिनट चलने से उन लोगों को खासी मदद मिल सकती है जो रमजान में वजन कम करना चाहते हैं. रोजे के दौरान हाथ भी साफ रखने चाहिए क्योंकि शरीर जब भूखा होता है तो उस पर कीटाणु आसानी से हमला कर सकते हैं.



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