
हैदराबाद में एक दर्जन से अधिक मुस्लिम युवकों को आईएस का आतंकी बता कर पकड़ा गया वो रमजान के महीने में हिंदुओं को मुसलमानों से भयभीत करने की नीति का हिस्सा है क्योंकि इसी महीने में मुसलमान अपनी धार्मिक पहचान के साथ सबसे ज्यादा संगठित रूम में दिखता है। जिसका मकसद मोदी सरकार के खिलाफ बढ़ रहे जनाक्रोश को मुसलमानों की तरफ भटकाना है।
रिहाई मंच ने एनआईए द्वारा हैदराबाद में आतंकी संगठन आईएस से जुड़े मुस्लिम युवकों की गिरफ्तारी को मुसलमानों को बदनाम करने का एनआईए का ताजा नाटक करार दिया है।
उन्होंने कहा कि एनआईए आतंकवाद से निपटने के बजाए आतंकवाद के नाम पर बेगुनाहों को फंसाने वाली एजेंसी की भूमिका में आ गई है। जिसका मकसद बेगुनाह मुस्लिम युवकों को फंसाना और संघ परिवार से जुड़े आतंकवादियों के खिलाफ सुबूतों को नष्ट और कमजोर करना और रोहिणी सैलियन जैसे पब्लिक प्रोस्क्यिूटरों पर दबाव डाल कर संघी आतंकियों को जमानत दिलवाना रह गया है।
रिहाई मंच महासचिव ने कहा कि हैदराबाद की घटना यह साबित करती है कि आने वाले दिनों में एनआईए अभी और भी फर्जी गिरफ्तारियां करेगी क्योंकि यही सब करके वो भाजपा के लिए उत्तर प्रदेष में अगले साल होने वाले चुनावों में माहौल बनाएगी
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