
कैराना में करीब 300 लोग अपने घरों पर ताले जड़कर पलायन कर गए तो उत्तर प्रदेश से लेकर दिल्ली तक बवाल हो गया। फिर हालात पर चिंता जताते हुए कहा कि, अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पलायन गंभीर मसला है। इस बारे में राज्य सरकार को पत्र लिखकर वस्तुस्थिति की जानकारी मांगेंगे।
उत्तराखंड पब्लिक फोरम की ओर से आयोजित बुद्धिजीवियों से संवाद गोष्ठी में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह दून के बुद्धिजीवियों से रूबरू हुए। उत्तराखंड के सीमावर्ती गांवों से लाखों की संख्या में हो रहे पलायन पर चुप्पी क्यों?
वहीं, चीन सहित अन्य देशों की सीमा से सटे उत्तराखंड से हजारों गांव वीरान हो गए हैं। इस पर कोई राजनेता कुछ बोलने को तैयार नहीं है। सवाल का लब्बो-लुआब यह भी निकाला गया कि कैराना से पलायन का मामला राजनीतिक है तो इस पर हर कोई चिंता जता रहा है।
इसके बावजूद केंद्रीय गृहमंत्री ने इसे गंभीर मामला माना और कहा कि राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगकर ठोस कदम उठाए जाएंगे। यहां के कई गांवों में आज भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है और रोजगार के सीमित संसाधनों के चलते लोग पलायन को मजबूर हैं।
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