गोरक्षा के नाम पर चल रही गुंडागर्दी पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए हरियाणा के मुख्य सचिव व डीजीपी को निर्देश दिया है कि वो ऐसे तत्वों से सख्ती से निपटे जो कानून को हाथ लेकर अराजकता फैला रहे हैं।
मामले में हाईकोर्ट ने कहा कि इस प्रकार कानून को हाथ में लेने की अनुमति किसी को नहीं दी जा सकती और इस प्रकार की गुंडागर्दी पर रोक नहीं लगाई गई तो लोगों का कानून व्यवस्था से विश्र्वास उठा जाएगा।
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के युवक मुस्तैन का बीती दिनों कुरुक्षेत्र के शाहाबाद में शव मिला था। मृतक के पिता की याचिका पर हाईकोर्ट सीबीआइ को जांच सौंप चुका है और साथ ही डीसी, एसपी, डीएसपी तथा शाहाबाद के एसएचओ का तबादला जिले से दूर करने के आदेश जारी कर चुका है।
इस सब के बीच हाईकोर्ट ने अपने आदेशों में गोरक्षा दलों के नाम पर पनप रहे असामाजिक व गुंडा तत्वों की भूमिका पर भी सवाल उठाया है। हाईकोर्ट ने कहा कि कानून को हाथ में लेकर मनमाने तरीके से काम करने वाले लोगों को रोकने के लिए सरकार अभी तक गंभीर नहीं है।
मामले में मृतक युवक मुस्तैन के पिता ने हाईकोर्ट में अवैध हिरासत को लेकर याचिका दाखिल की थी। इसमें जांच के दौरान सामने आया था कि गोरक्षा दल ने नाका लगाकर वाहन को रोका था और आरोप लगाया था कि वाहन में मौजूद लोगों ने फायरिंग शुरू कर दी थी। मृतक के पिता ने ये भी कहा था कि उन्हें लगता है कि इसी मामले में उनके बेटे को मारा गया है। कोर्ट ने इस पूरी प्रक्रिया के दौरान गोरक्षा दलों की भूमिका पर सवालिया निशान लगाया था।
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