
कहते है टेलेंट पढ़ लिखकर आता है. लेकिन इस शख्स ने इस को न सिर्फ झूठा साबित किया बल्कि इसने इंजीनियरों के ज्ञान को टक्कर देने का काम भी किया।
खास बात ये है कि इस शख्स के पास न तो कोई इंजीनियरिंग की डिग्री है, न ही डिप्लोमा. लेकिन उसने घरेलू जुगाड़ करके ही एक ऐसा यन्त्र विकसित किया है जो इंजीनियरों के ज्ञान को टक्कर देने के लिए पर्याप्त है.
आपको बतादे मानसून आते ही एक ओर जहां गांव के साथ शहरों को भी बिजली समस्या से दो चार होना पड़ रहा है। वहीं, चीरवा गांव निवासी गोवर्धन ने अपने स्तर पर इन समस्याओं का एक हल ढूंढ निकाला है।
बता दें कि आठवीं पास रूपसागर घर पर ही बिजली उत्पादन कर अपने घर में सप्लाई करता है। घर के लिए बिजली भी बनाता है और परिवार को पालता है…
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उदयपुर (राजस्थान) के चीरवा गाँव में चाय की दूकान चलाने वाले गोवर्धन नामक युवक ने एक ऐसा चूल्हा विकसित किया है जो चूल्हे का काम करने के साथ-साथ बिजली भी बनाता है. यह एक ऐसा थ्री-इन-वन चूल्हा है जिससे घर का खाना भी पकता है, दुकान पर चाय भी बनती है और बिजली भी बनती है मुफ्त में.
आठवीं तक की पढ़ाई करने के बाद स्कूल से नाता तोड़ चुके गोवर्धन दिमाग से किसी इंजीनियर से कम नहीं हैं। गोवर्धन बताते हैं कि उनके गांव में बिजली नहीं के बराबर आती है। लोग मोबाइल चार्ज करने के लिए इधर उधर भटकते रहते हैं।
गांव से छह किलोमीटर दूर जाकर मोबाइल चार्ज करना पड़ता है। बिजली किल्लत से होने वाली समस्याओं से परेशान होकर फैक्ट्री में काम करते करते आखिर इसके निर्माण करने का ख्याल आया।
0 comments:
Post a Comment