इस महिला ने न सिर्फ अपने दम पर मुश्किलों का डटकर सामना किया बल्कि अमेरिका की एक कंपनी का सीईओ बनकर भी दिखाया। हालांकि वारांगल के खेतों में पांच रुपये कमाने से अमेरिका के सॉफ्टवेयर सॉल्यूशन की सी.ई.ओ बनने तक का सफर अनिला ज्योथि रेड्डी के लिए काफी लंबा था।
उनकी जिंदगी में टर्निंग प्वाइंट तब आया जब उनकी एक कजन अमेरिका से वापस आई, उसकी बदली हुई जीवनशैली देखकर वो बहुत अचंभित हुईं। उन्होंने भी अपनी कजन की तरह सॉफ्यवेयर कोर्स करके अमेरिका में अपनी किस्मत आजमाने की ठानी।
कहते है कि महिलाओं को हर कदम पर सफल होने के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ता हैं। कभी समाज उनके पैरों में बेड़ियां डालता है तो कभी उनका खुद का परिवार उन्हें आगे बढ़ने से रोकता है। इस महिला को भी हर कदम पर आगे बढ़ने से रोका गया।
ज्यादा पैसा कमाने के लिए वो ट्रेन में साड़ियां बेचने लगीं। 1994 में उन्हें रेगुलर जॉब मिल गई जिससे उन्हें हर महीने 2,750 रुपये तनख्वाह मिलने लगा। वो बतौर गर्ल चाइल्ड डेवलेपमेंट ऑफिसर काम करने लगीं।
ऑफिस से लंबी छुट्टी लेकर पासपोर्ट और वीजा का बंधोबस्त किया और अमेरिका में अपने पति के कजन के पास चली गईं। वहां उन्हें एक दुकान में नौकरी मिल गई। जहां 12 घंटे नौकरी करने के बाद 60 डॉलर की पगार मिलती थी। लेकिन रिश्तेदार के .हां ज्यादा दिन तक रुकना ठीक नहीं था। इसलिए वो एक गुजराती परिवार के घर पेइंग गेस्ट के रुप में रहने लगीं।
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