जाट आदोंलन फिर शुरू प्रशासन ने सुरक्षा के लिए कसी अपनी कमर

 

हरियाणा में जाट आंदोलन के पहले दिन कोई हिंसा नहीं हुई। लेकिन पहले की हिंसा से धोखा चुके प्रशासन ने इस बार अपनी सुरक्षा व्यवस्था को और चाक चैौबंद कर लिया है और दिल्ली मे धारा 144 लगा दी गई है। ताकि राजधानी दिल्ली मो किसी तरह कोई अव्यस्था न हो ,इसलिए पुलिस को भी मुस्तैद कर दिया गया है। इतना ही नही हरियाणा के, गवर्नर प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने खुद कहा, ''हरियाणा में माहौल ठीक नहीं है। गांव के लोगों दहशत ज्यादा है। तभी तो आज लोग कह रहे हैं कि बाहर मत जाओ।" उधर, सोनीपत के बाद रोहतक में भी मोबाइल इंटरनेट और बल्क एसएमएस पर बैन लगा दिया गया है। कितने जिलों में हो रहा धरना-प्रदर्शन, और युवाओंका डाटाबेस तैयार किया जा रहा है।
जानिये क्या कहा गवर्नर ने ?
- कप्तान सिंह ने कहा कि सरकार और प्रशासन ने धारा 144 लगाई है, इस आशंका में कि कहीं अशांति न हो जाए। पर हरियाणा में ऐसा हो ही नहीं सकता, क्योंकि यहां के लोग हरियाणा भक्त और देश भक्त हैं लेकिन डर तो पैदा हो गया है।
- रविवार को दिल्ली पुलिस ने सिक्युरिटी के लिहाज से हरियाणा से सटे कुछ इलाकों में धारा 144 लगाने का फैसला लिया है।
- द्वारका, नजफगढ़, अलीपुर और बवाना जैसे जाट बहुल इलाकों में सोमवार से धारा 144 लागू होगा।
- इस बीच हरियाणा रोहतक के जसिया गांव में धारा-144 तोड़ने के आरोप में चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
- बता दें आंदोलन 15 दिन तक जारी रहेगा। मांगे नहीं माने जाने की स्थिति में जाट बड़ा आंदोलन करेंगे।
पूरे नॉर्थ इंडिया में आंदोलन की तैयारी
- जाट आंदोलन नॉर्थ इंडिया के दूसरे स्टेट्स में भी फैल सकता है।
- बता दें कि 'जाट आरक्षण संघर्ष समिति' के चीफ यशपाल मलिक ने कहा है कि रिजर्वेशन हासिल करने के लिए 8 जून को यूपी, 10 जून को एमपी और 11 जून को उत्तराखंड में आंदोलन करेंगे।
- उन्होंने कहा, राजस्थान और कुछ अन्य राज्यों में भी आंदोलन के लिए तारीख तय की जा रही है।
धरने में शामिल यंगस्टर्स और पूर्व सैनिकों का तैयार होगा डाटाबेस
- जाटों के धरने और प्रदर्शन में शामिल होने वाले युवाओं की पुलिस और सेना भर्ती में निगेटिव मार्किंग होगी।
- धरने में शामिल होने वाले युवाओं और पूर्व सैनिकों का थानों में डाटा तैयार करने के ऑर्डर दिए गए हैं।
- डीजीपी केपी सिंह की ओर से रविवार को इस संबंध में स्टेट के सभी आईजी और जिलों के एसपी को लेटर भेज दिया गया है।
- बता दें कि पुलिस, सेना और अन्य सरकारी नौकरियों की भर्ती में एप्लिकेशन से पहले पुलिस से कैरेक्टर वेरिफिकेशन कराना होता है।
- इसमें यदि पुलिस ने मुकदमे और किसी आपराधिक गतिविधि का जिक्र कर दिया तो उसे नौकरी नहीं मिलेगी।
मंत्री-विधायक सपोर्ट नहीं करेंगे तो बायकॉट
- प्रकाश सिंह कमेटी की रिपोर्ट में नेताओं के भड़काऊ भाषणों को उपद्रव का जिम्मेदार बताने का असर दिख रहा है।
- पहले दिन जाट विधायकों, मंत्रियों और बड़े नेताओं ने धरने से दूरी बनाए रखा।
- जसिया में धरना दे रहे अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति (यशपाल मलिक गुट) ने ऐलान कर दिया कि सभी दलों के जाट नेता यदि धरने पर आकर सपोर्ट नहीं देंगे तो उनका बायकॉट किया जाएगा।
13 जिलों में शुरू है धरना
- अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के नेतृत्व में रविवार को 13 जिलों में 13 जगह अनिश्चितकालीन धरना शुरू हुआ।
- इस दौरान पैरामिलिट्री की 55 कंपनियां और पुलिस फोर्स सभी स्टेट के हाईवे, रेलवे ट्रैक, स्टेशन, बस स्टैंड, वाटर स्टोरेज टैंक जैसे महत्वपूर्ण जगहों पर मुस्तैद रहे।
ये है जाटों की डिमांड
- फरवरी में हुए आंदोलन के दौरान हिंसा, को लेकर जाट युवाओं पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं। गिरफ्तार युवाओं को रिहा किया जाए।
- आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवजा और नौकरी की भी मांग की जा रही है।
- जाटों समेत 6 जातियों को आरक्षण संबंधी विधेयक सरकार ने पारित कर दिया है। लेकिन अभी यह मामला कोर्ट में अटका हुआ है। जाट चाहते हैं कि सरकार कोर्ट में आरक्षण की पैरवी मजबूती से करे।
सरकार का क्या कहना है
- सरकार का कहना है कि मुकदमों में किसी भी निर्दोष को नहीं फंसाया जाएगा, लेकिन दोषियों को छोड़ा भी नहीं जाएगा।
- सभी मुकदमे ऑडियो, वीडियो फुटेज समेत तमाम ठोस सबूतों के आधार पर दर्ज हुए हैं।
- फिर अगर किसी मुकदमे को लेकर कोई शिकायत है तो उसकी नए सिरे से जांच कराई जाएगी।
- सरकार ने आरक्षण का अपना वादा पूरा कर दिया है। अब कोर्ट में भी आरक्षण की पैरवी मजबूती से की जाएगी।
पुलिश प्रशासन को किया गया अलर्ट
- आंदोलन को लीड करने वाले नेताओं की प्रॉपर्टी का डीटेल कलेक्ट किया गया है। इन लोगों को नोटिस दी गई है कि नुकसान होने पर उनकी प्रॉपर्टी अटैच की जा सकती है।
- पेट्रोल पंप संचालकों को ऑर्डर दिया गया है कि वे किसी को खुला पेट्रोल या डीजल नहीं बेचें।
- चंडीगढ़ में राज्य स्तर पर और संबंधित जिलों में कंट्रोल रूम बनाए हैं, ताकि कोई भी मदद के लिए फोन कर सके।
- सोशल मीडिया, फेसबुक, ट्विटर, वॉट्सएप आदि पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। भड़काऊ मैसेज मिलते ही संबंधित व्यक्ति पर कार्रवाई की जाएगी।
- सोशल मीडिया में फैलाई जाने वाली अफवाहों से निपटने के लिए सरकार 7 और जिलों में इंटरनेट पर रोक लगा सकती है।
सीएम खट्टर बोले गवर्नमेंट हर स्थिति से निपटने को तैयार
- शनिवार को मनोहर लाल खट्टर ने कहा था, "हमारी सबसे बातचीत हुई है। जाट नेताओं ने सांकेतिक प्रदर्शन की बात कही है। मैं समझता हूं कि 5 जून को ऐसा कोई विषय नहीं होने वाला, जिससे चिंता हो। हर प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए सरकार तैयार है। जनता भरोसा रखे। कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी।"
डीजीपी ने क्या कहा इस मांमले में
- डीजीपी ने कहा है कि हरियाणा पुलिस ने वाट्सएप पर नजर रखना शुरू कर दिया है। अगर कोई शख्स सोशल मीडिया पर आरक्षण आंदोलन के बारे में कोई अफवाह या भड़काऊ मैसेज भेजता है तो उसके खिलाफ लीगल एक्शन लिया जाएगा।
लिखित में भरोसा, शांतिपूर्ण होगा आंदोलन
- यशपाल मलिक गुट ने सरकार को लिखित में भरोसा दिलाया है कि अगर कहीं कोई अप्रिय घटना होती है तो उसके लिए वह जिम्मेदार होंगे।
- आंदोलनकारी उन्हीं जगहों पर शांतिपूर्ण तरीके से धरना दे सकेंगे, जहां के लिए उन्हें परमीशन दी गई है।
- वहीं, राज्य की कई खाप पंचायतें खुद को आंदोलन से अलग कर चुकी हैं। इससे सरकार को उम्मीद है कि आंदोलन शांतिपूर्ण रहेगा।
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हरियाणा में जाट आंदोलन के पहले दिन कोई हिंसा नहीं हुई। लेकिन पहले की हिंसा से धोखा चुके प्रशासन ने इस बार अपनी सुरक्षा व्यवस्था को और चाक चैौबंद कर लिया है और दिल्ली मे धारा 144 लगा दी गई है। ताकि राजधानी दिल्ली मो किसी तरह कोई अव्यस्था न हो ,इसलिए पुलिस को भी मुस्तैद कर दिया गया है। इतना ही नही हरियाणा के, गवर्नर प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने खुद कहा, ''हरियाणा में माहौल ठीक नहीं है। गांव के लोगों दहशत ज्यादा है। तभी तो आज लोग कह रहे हैं कि बाहर मत जाओ।" उधर, सोनीपत के बाद रोहतक में भी मोबाइल इंटरनेट और बल्क एसएमएस पर बैन लगा दिया गया है। कितने जिलों में हो रहा धरना-प्रदर्शन, और युवाओंका डाटाबेस तैयार किया जा रहा है।
जानिये क्या कहा गवर्नर ने ?
- कप्तान सिंह ने कहा कि सरकार और प्रशासन ने धारा 144 लगाई है, इस आशंका में कि कहीं अशांति न हो जाए। पर हरियाणा में ऐसा हो ही नहीं सकता, क्योंकि यहां के लोग हरियाणा भक्त और देश भक्त हैं लेकिन डर तो पैदा हो गया है।
- रविवार को दिल्ली पुलिस ने सिक्युरिटी के लिहाज से हरियाणा से सटे कुछ इलाकों में धारा 144 लगाने का फैसला लिया है।
- द्वारका, नजफगढ़, अलीपुर और बवाना जैसे जाट बहुल इलाकों में सोमवार से धारा 144 लागू होगा।
- इस बीच हरियाणा रोहतक के जसिया गांव में धारा-144 तोड़ने के आरोप में चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
- बता दें आंदोलन 15 दिन तक जारी रहेगा। मांगे नहीं माने जाने की स्थिति में जाट बड़ा आंदोलन करेंगे।
पूरे नॉर्थ इंडिया में आंदोलन की तैयारी
- जाट आंदोलन नॉर्थ इंडिया के दूसरे स्टेट्स में भी फैल सकता है।
- बता दें कि 'जाट आरक्षण संघर्ष समिति' के चीफ यशपाल मलिक ने कहा है कि रिजर्वेशन हासिल करने के लिए 8 जून को यूपी, 10 जून को एमपी और 11 जून को उत्तराखंड में आंदोलन करेंगे।
- उन्होंने कहा, राजस्थान और कुछ अन्य राज्यों में भी आंदोलन के लिए तारीख तय की जा रही है।
धरने में शामिल यंगस्टर्स और पूर्व सैनिकों का तैयार होगा डाटाबेस
- जाटों के धरने और प्रदर्शन में शामिल होने वाले युवाओं की पुलिस और सेना भर्ती में निगेटिव मार्किंग होगी।
- धरने में शामिल होने वाले युवाओं और पूर्व सैनिकों का थानों में डाटा तैयार करने के ऑर्डर दिए गए हैं।
- डीजीपी केपी सिंह की ओर से रविवार को इस संबंध में स्टेट के सभी आईजी और जिलों के एसपी को लेटर भेज दिया गया है।
- बता दें कि पुलिस, सेना और अन्य सरकारी नौकरियों की भर्ती में एप्लिकेशन से पहले पुलिस से कैरेक्टर वेरिफिकेशन कराना होता है।
- इसमें यदि पुलिस ने मुकदमे और किसी आपराधिक गतिविधि का जिक्र कर दिया तो उसे नौकरी नहीं मिलेगी।
मंत्री-विधायक सपोर्ट नहीं करेंगे तो बायकॉट
- प्रकाश सिंह कमेटी की रिपोर्ट में नेताओं के भड़काऊ भाषणों को उपद्रव का जिम्मेदार बताने का असर दिख रहा है।
- पहले दिन जाट विधायकों, मंत्रियों और बड़े नेताओं ने धरने से दूरी बनाए रखा।
- जसिया में धरना दे रहे अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति (यशपाल मलिक गुट) ने ऐलान कर दिया कि सभी दलों के जाट नेता यदि धरने पर आकर सपोर्ट नहीं देंगे तो उनका बायकॉट किया जाएगा।
13 जिलों में शुरू है धरना
- अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के नेतृत्व में रविवार को 13 जिलों में 13 जगह अनिश्चितकालीन धरना शुरू हुआ।
- इस दौरान पैरामिलिट्री की 55 कंपनियां और पुलिस फोर्स सभी स्टेट के हाईवे, रेलवे ट्रैक, स्टेशन, बस स्टैंड, वाटर स्टोरेज टैंक जैसे महत्वपूर्ण जगहों पर मुस्तैद रहे।
ये है जाटों की डिमांड
- फरवरी में हुए आंदोलन के दौरान हिंसा, को लेकर जाट युवाओं पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं। गिरफ्तार युवाओं को रिहा किया जाए।
- आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवजा और नौकरी की भी मांग की जा रही है।
- जाटों समेत 6 जातियों को आरक्षण संबंधी विधेयक सरकार ने पारित कर दिया है। लेकिन अभी यह मामला कोर्ट में अटका हुआ है। जाट चाहते हैं कि सरकार कोर्ट में आरक्षण की पैरवी मजबूती से करे।
सरकार का क्या कहना है
- सरकार का कहना है कि मुकदमों में किसी भी निर्दोष को नहीं फंसाया जाएगा, लेकिन दोषियों को छोड़ा भी नहीं जाएगा।
- सभी मुकदमे ऑडियो, वीडियो फुटेज समेत तमाम ठोस सबूतों के आधार पर दर्ज हुए हैं।
- फिर अगर किसी मुकदमे को लेकर कोई शिकायत है तो उसकी नए सिरे से जांच कराई जाएगी।
- सरकार ने आरक्षण का अपना वादा पूरा कर दिया है। अब कोर्ट में भी आरक्षण की पैरवी मजबूती से की जाएगी।
पुलिश प्रशासन को किया गया अलर्ट
- आंदोलन को लीड करने वाले नेताओं की प्रॉपर्टी का डीटेल कलेक्ट किया गया है। इन लोगों को नोटिस दी गई है कि नुकसान होने पर उनकी प्रॉपर्टी अटैच की जा सकती है।
- पेट्रोल पंप संचालकों को ऑर्डर दिया गया है कि वे किसी को खुला पेट्रोल या डीजल नहीं बेचें।
- चंडीगढ़ में राज्य स्तर पर और संबंधित जिलों में कंट्रोल रूम बनाए हैं, ताकि कोई भी मदद के लिए फोन कर सके।
- सोशल मीडिया, फेसबुक, ट्विटर, वॉट्सएप आदि पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। भड़काऊ मैसेज मिलते ही संबंधित व्यक्ति पर कार्रवाई की जाएगी।
- सोशल मीडिया में फैलाई जाने वाली अफवाहों से निपटने के लिए सरकार 7 और जिलों में इंटरनेट पर रोक लगा सकती है।
सीएम खट्टर बोले गवर्नमेंट हर स्थिति से निपटने को तैयार
- शनिवार को मनोहर लाल खट्टर ने कहा था, "हमारी सबसे बातचीत हुई है। जाट नेताओं ने सांकेतिक प्रदर्शन की बात कही है। मैं समझता हूं कि 5 जून को ऐसा कोई विषय नहीं होने वाला, जिससे चिंता हो। हर प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए सरकार तैयार है। जनता भरोसा रखे। कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी।"
डीजीपी ने क्या कहा इस मांमले में
- डीजीपी ने कहा है कि हरियाणा पुलिस ने वाट्सएप पर नजर रखना शुरू कर दिया है। अगर कोई शख्स सोशल मीडिया पर आरक्षण आंदोलन के बारे में कोई अफवाह या भड़काऊ मैसेज भेजता है तो उसके खिलाफ लीगल एक्शन लिया जाएगा।
लिखित में भरोसा, शांतिपूर्ण होगा आंदोलन
- यशपाल मलिक गुट ने सरकार को लिखित में भरोसा दिलाया है कि अगर कहीं कोई अप्रिय घटना होती है तो उसके लिए वह जिम्मेदार होंगे।
- आंदोलनकारी उन्हीं जगहों पर शांतिपूर्ण तरीके से धरना दे सकेंगे, जहां के लिए उन्हें परमीशन दी गई है।
- वहीं, राज्य की कई खाप पंचायतें खुद को आंदोलन से अलग कर चुकी हैं। इससे सरकार को उम्मीद है कि आंदोलन शांतिपूर्ण रहेगा।

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