इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया है कि राजमार्गों, सड़कों, पैदल पथों और लेन सहित कई सभी सार्वजनिक मार्गों पर किसी धार्मिक ढांचे की इजाजत नहीं होगी तथा किसी तरह का उल्लंघन प्रशासन और पुलिस अधिकारियों की ओर से अदालती अवमानना किया जाना माना जाएगा.
संबंधित जिला मजिस्ट्रेट की ओर से दो महीने के भीतर राज्य सरकार को अनुपालन रिपोर्ट सौंपनी होगी. जो धार्मिक ढांचे इससे पहले बनाए गए हैं उनको किसी निजी भूखंड पर स्थानांतरित किया जाएगा अथवा छह महीने के भीतर हटाया जाएगा. हाईकोर्ट ने शनिवार को दाखिल एक रिट याचिका का निस्तारण करते हुए यह आदेश पारित किया है.
हाईकोर्ट ने कहा कि हर नागरिक के पास स्वतंत्र आवाजाही का मौलिक अधिकार है और उल्लंघन करने वाले कुछ लोगों और सरकारी प्रशासन की उदासीनता की वजह से इसके हनन की इजाजत नहीं दी जा सकती.
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