जानिए कैसे बचा ली कुत्ते ने बाघ से मालिक की जान, कुछ ऐसे किया रोटियों का हक़ अदा


कहते हैं कि इंसान का सबसे वफादार दोस्त एक कुत्ता होता है. इसकी मिसाल हाल ही में शाहजहांपुर में कायम हुई है. यहां दुधवा नेशनल पार्क के पास एक गांव में सो रहे एक किसान की जान बचाने के लिए उसका कुत्ता एक बाघ से भिड़ गया. अपने मालिक के लिए लड़ते हुए कुत्ते ने अपनी जान तक गवां दी. घटना यहां से 52 किलोमीटर दूर बरबतपुर गांव में शुक्रवार रात को हुई.

गुरदेव सिंह नाम का किसान अपने घर के बाहर सो रहा था. पास में ही उसका चार साल का कुत्ता जैकी लेटा हुआ था. दक्षिण खेड़ी के जंगलों की तरफ से आ रहे एक बाघ की महक आते ही जैकी चौकन्ना हो गया.

गुरदेव की आंख भी खुल गई लेकिन जब तक वो खुद को बचाने की हिम्मत जुटा पाता, तक तब जैकी बाघ से जा भिड़ा. बाघ ने जैकी को दबोच लिया और उसे घसीटते हुए अपने साथ ले गया. गुरदेव का परिवार जैकी की तलाश में निकला लेकिन देर रात को जाकर घर से कुछ दूर जैकी उन्हें मरा हुआ मिला.

वन विभाग के अधिकारियों को इलाके में घूम रहे बाघ की सूचना दे दी गई और गांववालों ने बहादुर जैकी के शव को दफना दिया. गुरदेव ने कहा कि जैकी की मां लावारिस थी और मेरे बच्चे जैकी को चार साल पहले घर ले आए थे. वो हमारे परिवार का हिस्सा बन गया और उनके साथ स्कूल तक जाने लगा. मेरी बच्चे बहुत दुखी है और एक दिन से उन्होंने कुछ नहीं खाया.

जैकी ने कुछ रोटियों का कर्ज अपनी जान देकर अदा किया है. काश इंसान भी इससे कुछ सीख सकते कि दूसरों से प्यार कैसे किया जाता है.'खाने की तलाश में आ जाते हैं बाघ

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार वन विभाग के अधिकारी एस. एन. यादव ने कहा कि बरबतपुर दक्षिण खेड़ी जंगल के बहुत पास है, जो दुधवा नेशनल पार्क का हिस्सा है.


जंगल की जमीन के काफी हिस्से पर इंसानों ने कब्जा कर लिया है और जंगल का इलाका धीरे-धीरे कम होता जा रहा है. गांव में एक बाघ का घुसना हैरानी की बात नहीं है. जंगल के इस हिस्से में बाघ की संख्या काफी है और वो अक्सर खाने की तलाश में बाहर आ जाते हैं.'
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कहते हैं कि इंसान का सबसे वफादार दोस्त एक कुत्ता होता है. इसकी मिसाल हाल ही में शाहजहांपुर में कायम हुई है. यहां दुधवा नेशनल पार्क के पास एक गांव में सो रहे एक किसान की जान बचाने के लिए उसका कुत्ता एक बाघ से भिड़ गया. अपने मालिक के लिए लड़ते हुए कुत्ते ने अपनी जान तक गवां दी. घटना यहां से 52 किलोमीटर दूर बरबतपुर गांव में शुक्रवार रात को हुई.

गुरदेव सिंह नाम का किसान अपने घर के बाहर सो रहा था. पास में ही उसका चार साल का कुत्ता जैकी लेटा हुआ था. दक्षिण खेड़ी के जंगलों की तरफ से आ रहे एक बाघ की महक आते ही जैकी चौकन्ना हो गया.

गुरदेव की आंख भी खुल गई लेकिन जब तक वो खुद को बचाने की हिम्मत जुटा पाता, तक तब जैकी बाघ से जा भिड़ा. बाघ ने जैकी को दबोच लिया और उसे घसीटते हुए अपने साथ ले गया. गुरदेव का परिवार जैकी की तलाश में निकला लेकिन देर रात को जाकर घर से कुछ दूर जैकी उन्हें मरा हुआ मिला.

वन विभाग के अधिकारियों को इलाके में घूम रहे बाघ की सूचना दे दी गई और गांववालों ने बहादुर जैकी के शव को दफना दिया. गुरदेव ने कहा कि जैकी की मां लावारिस थी और मेरे बच्चे जैकी को चार साल पहले घर ले आए थे. वो हमारे परिवार का हिस्सा बन गया और उनके साथ स्कूल तक जाने लगा. मेरी बच्चे बहुत दुखी है और एक दिन से उन्होंने कुछ नहीं खाया.

जैकी ने कुछ रोटियों का कर्ज अपनी जान देकर अदा किया है. काश इंसान भी इससे कुछ सीख सकते कि दूसरों से प्यार कैसे किया जाता है.'खाने की तलाश में आ जाते हैं बाघ

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार वन विभाग के अधिकारी एस. एन. यादव ने कहा कि बरबतपुर दक्षिण खेड़ी जंगल के बहुत पास है, जो दुधवा नेशनल पार्क का हिस्सा है.


जंगल की जमीन के काफी हिस्से पर इंसानों ने कब्जा कर लिया है और जंगल का इलाका धीरे-धीरे कम होता जा रहा है. गांव में एक बाघ का घुसना हैरानी की बात नहीं है. जंगल के इस हिस्से में बाघ की संख्या काफी है और वो अक्सर खाने की तलाश में बाहर आ जाते हैं.'

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