देखिये कुदरत का अजीब करिशमा-अंतरिक्ष से देखने पर सबसे ज्यादा खुबसुरत नज़र आता है मक्का मदीना

कुदरत का अजीब करिशमा, जी हां आपको बताते चले कि इस्लाम मज़हब का सबसे बड़ा सरोहर मक्का मदीना दुनिया का सेंटर माना गया है। क्योकि वैज्ञानि...
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गरीब को दो रोटी भाषण नहीं

अगर इन पर्टियों से पार पाना है तो पीएम मोदी को लंबे चौड़े भाषण देने के बजाये गरीब की थाली भरने वाली योजनाओं को चुनाव प्रचार के दौरान ज...
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संघ के इशारे पर एनआईए द्वारा हैदराबाद में बेगुनाहों को आतंकी बताकर फसाया जा रहा है

हैदराबाद में एक दर्जन से अधिक मुस्लिम युवकों को आईएस का आतंकी बता कर पकड़ा गया वो रमजान के महीने में हिंदुओं को मुसलमानों से भयभीत करन...
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इस्लामी विरोधी नीदरलैंड के डच राजनेता ने अपनाया इस्लाम

क्या ये संभव है कि जीवन भर आप जिस विचारधारा का विरोध करते आए हों एक मोड़ पर आकर आप उसके अनुनायी बन जाएं. कुछ ऐसा ही हुआ है नीदरलैंड म...
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74 संगठनों ने मुसलमानों के खिलाफ नफरत पैदा करने के लिए लगाया था पैसा

आपको बतादे रिपोर्ट के अनुसार 5 वर्ष के दौरान इस्लाम और मुस्लिम विरोधी मामलो की तादाद में अचानक वृद्धि होने के पीछे यही बड़ा कारण रहा ह...
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आज़म ने साधा मोदी पर निशाना कहा मोदी के आने से ढाई गुना बढ़ा बीफ एक्सपोर्ट

नरेंद्र मोदी को बादशाह बोलते हुए कहा कि केंद्र में इनके आने से ढाई गुना बीफ एक्सपोर्ट बढ़ गया है और बेगुनाह दादरी वाले को मार दिया। म...
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कपिल शर्मा की ऑनस्‍क्रीन वाइफ सुमोना का वीडियो हुआ वायरल-शो के सेट पर सिगरेट फूंकते पकड़ी गईं सुमोना

वीडियो देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह शूटिंग के बीच ब्रेक के दौरान बनाया गया है जिसमें सपोर्टिंग स्‍टाफ के साथ बात करते-करते ...
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1100 करोड़ की लागत से यूरोप की सबसे बड़ी मस्जिद बनकर तैयार… पढ़े पूरी खबर

मॉस्को की केंद्रीय मस्जिद जुमा मस्जिद या कैथीड्रल मस्जिद के नाम से भी जानी जाती है. 1904 में बनी यह मस्जिद यूरोप की सबसे बड़ी मस्जिदो...
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जानिए इस्लाम की छवी को ख़राब करने के लिए चलाया जा रहा है ऐसे अभियान

बहुत से ऐसे समूह है जो इस्लाम की छवी को ख़राब करने के लिए ऐसे अभियान चला रहे हैं. और साथ ही मुस्लिम समुदाय को बाँटने का भी काम किया जा...
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जानिए कैसे जिंदगी भर खिलाएगी ये कंपनी मुफ्त बर्गर

जी हा यह ये कोई मजाक नहीं है बल्कि एक ऑफर है जो जिदंगी भर के लिए बर्गर फ्री देने की बात करता है। बर्गर के साथ फ्राईज और एक कोल्ड ड्रि...
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मोहब्बत में जुदाई का भी हक है ये ग़ज़ल पढ़कर किस ओर था सीएम अखिलेश का इशारा

मुख्तार महाभारत’ के बाद मुलायम स‌िंह, अख‌िलेश यादव, चाचा श‌िवपाल, अमर स‌िंह रामगोपाल यादव का जन्म‌द‌िन मनाने इकट्ठे हुए और सीएम काफी ...
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टीम इंडिया में सेलेक्शन ना होने पर इक़बाल अब्दुल्ला ने जताई नाराज़गी

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डॉ एसवाई कुरैशी : मुस्लिम लड़के मां-बाप का सहारा बनने के लिए छोड़ देते हैं बीच में पढ़ाई

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June 2016


कुदरत का अजीब करिशमा, जी हां आपको बताते चले कि इस्लाम मज़हब का सबसे बड़ा सरोहर मक्का मदीना दुनिया का सेंटर माना गया है। क्योकि वैज्ञानिको के अनुसार अंतरिक्ष से दुनिया की ओर देखा गया तो वहां से अगर कोई खुबसुरत चीज़ नज़र आ रही थी तो वो था मक्का मदीना.
जी हां कुदरत ने भी आखिर दिखा ही दिया अपना करिश्मा क्योकि आसमान से अगर कुछ नज़र आता है तो वो है मक्का और मदीना जिसने भी ये नज़ारा देखा होगा यकीनन उसने भी इस्लाम को जरूर माना होगा।
जी हां आपको बतादें कि जो लोग इस्लाम मज़हब को नफरत से देखते है वो भी यह नज़ारा अपनी आंखों से जरूर देंखे क्योकि नबी के हम मानने वाले है। जिनके ऊपर हर रोज़ एक बुढ़ी औरत कूड़ा डाला करती थी एक बार ऐसा हुआ की नबी जब उधर से गुज़र रहे थे तो उस बुढ़ी औरत ने कुड़ा नही डाला तो नबी-ए-पाक उस बुढ़ी औरत के घर गये और जब वह उस बुढ़ी औरत के घर में दाखिल हुए तो उन्होने देखा कि जो बुढ़ी औरत उनके ऊपर कूड़ा डालती थी वो बीमार पड़ी हुई थी जब आपने उसका हाल जाना तो उस बुढ़ी औरत की आखों में आसूं निकल आये और इस्लाम मज़हब को उस औरत ने नबी की इस मौहब्बत को देखते हुए इस्लाम कबुल किया।
आखिर जिस इस्लाम मज़हब में ऐसी सीरत वाले नबी आये तो उनका मक्का मदीना आसमान की इतनी दूरी से भी देखने पर भी वह इतना खुबसुरत दिखाई दे रहा है। आखिर कुछ बात तो है मेरे इस्लाम में... 


अगर इन पर्टियों से पार पाना है तो पीएम मोदी को लंबे चौड़े भाषण देने के बजाये गरीब की थाली भरने वाली योजनाओं को चुनाव प्रचार के दौरान जनता के बीच ले जाना होगा।

विकास के पुल बने या न बने लेकिन तारीफों के पुल आसमान छू रहे है। हर चैनल व समाचार पत्रो के माध्यम से मोदी शायद यही कहने की कोशिश कर रहे है। कि देखना है अगर भाजपा की उड़ान को तो ऊंचा कर दो इस नीले आसमान को। देश में केंद्र की सत्ता पर कई  दशकों तक रहने वाली कांग्रेस मोदी के छैनी व हथौड़ों से भी न कटने वाले भाषणों के नीचे दबकर रह गई है। कांग्रेस के सिपेहसलारों को जागती आंखों में भी शायद यहीं सपने आ रहे है कि देश की सबसे बड़ी पार्टी के नाम से कही राष्ट्रीय पार्टी का तमगा भी न छिन जाये।

 इसके लिए कुछ हद तक काग्रेस स्वयं ही दोषी है, यदि पिछले दो सालो की बात की जाये तो शायद ही उसने चुनाव लड़ने जैसा कोई काम किया हो, अब यह पार्टी पंडित नेहरू, इंदिरा गांधी व राजीव गांधी वाली काग्रेस नजर नजर नहीं आती। जिन्हे देश के श्रेष्ठ नीति नियंताओं में शुमार किया जाता है। लेकिन काग्रेस के पिछले कुछ वर्षो का आंकलन करें तो वह अपने सेनापति का चुनाव करने में ही संकोच करती रहीं है कि युवराज राहुल गांधी भाजपा और अन्य राष्ट्रीय व क्षेत्रीय दलों के चक्रव्यूह को भेद पायंेगे या नहीं।

अब काग्रेस को कुछ दिन के लिए ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि अब ऐसे प्रदेश में चुनाव का बिगुल बजने जा रहा है। जहां काग्रेस तीन दशक पहले ही अपनी राजनैतिक जमीन गंवा चूकी है। उत्तर प्रदेश की अगर बात की जाये तो आवादी के मामले में यह भारत का सबसे बड़ा राज्य होने के बावजूद किसी शक्तिशाली देश से कम नहीं है। 
विश्वपटल पर स्वयं भारत समेत पांच देश ही आवादी के मामले में इससे बड़े है जिनमें चीन, संयुक्त अमेरिका, ब्राजील व इंडोनेशिया है। अब आप को मान लेना चाहिए कि जब इतने बड़े प्रदेश में चुनाव है जो दुनियां के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश का सबसे बड़ा सूबा है तो मुकाबला रोचकता से भरा तो रहेगा। भाजपा को 16वीं लोकसभा के चुनाव में आश्चर्यचकित जीत दिलाने में नायक की भूमिका निभाने वाले स्वयं पीएम मोदी यूपी में जीत दर्ज करने के लिए लगातार बैठक व रैलियां कर रहे है। 

हाल ही में केंद्रीय ग्रह मंत्री राजनाथ सिंह पंश्चिम यूपी के अमरोहा जनपद में यूपी को सपा और बसपा से मुक्त करने का नारा दे चूकें है। लेकिन रैली से दो दिन पहले इसी जनपद की तहसील हसनपुर के किसान कुलदीप ने नौ लाख बैंक कर्ज के तले दबकर आत्महत्या कर ली। परंतु ग्रहमंत्री ने रैली के दौरान एक बार भी उसके परिजनों के आंसू पौछने का काम नहीं किया। इसी तरह प्रदेश में न जाने कितने किसान कर्ज से दबकर आत्महत्या कर रहे है। जिस उत्तर प्रदेश की भूमि पर चुनावी दंगल की तैयारी है। 
उसकी आधी आवादी पानी की बुंद-बुंद को तरसने के बाद दूसरी जगहों पर पलायन के लिए मजबूर हो रही है। लेकिन भाजपा यहां की सूखी जमीन पर कमल की खेती करने की तैयारी में लगी है। उत्तर प्रदेश की सूखी जमीन से धधकते   शोले और कर्ज से दबकर आत्महत्या कर रहे किसानों के परिवारो के आंसू पोछने में जो दल कामयाब होगा वहीं जीत का सफर तय करेगा।

बीते लोकसभा चुनाव में सपा व बसपा का सूपड़ा साफ कर देने वाली भाजपा को अति उत्साह में न आकर बीते डेढ़ दशक के रिकार्ड पर भी गौर करना होगा। जिन पार्टियों से भाजपा का अब मुकाबला होने जा रहा है ये वही बसपा और सपा है जिन्होने 2007  व 2012 के विधानसभा चुनाव में 50 का आंकड़ा भी न छूने दिया था। अगर इन पर्टियों से पार पाना है तो पीएम मोदी को लंबे चौड़े भाषण देने के बजाये गरीब की थाली भरने वाली योजनाओं को चुनाव प्रचार के दौरान जनता के बीच ले जाना होगा।



हैदराबाद में एक दर्जन से अधिक मुस्लिम युवकों को आईएस का आतंकी बता कर पकड़ा गया वो रमजान के महीने में हिंदुओं को मुसलमानों से भयभीत करने की नीति का हिस्सा है क्योंकि इसी महीने में मुसलमान अपनी धार्मिक पहचान के साथ सबसे ज्यादा संगठित रूम में दिखता है। जिसका मकसद मोदी सरकार के खिलाफ बढ़ रहे जनाक्रोश को मुसलमानों की तरफ भटकाना है।
रिहाई मंच ने एनआईए द्वारा हैदराबाद में आतंकी संगठन आईएस से जुड़े मुस्लिम युवकों की गिरफ्तारी को मुसलमानों को बदनाम करने का एनआईए का ताजा नाटक करार दिया है।
उन्होंने कहा कि एनआईए आतंकवाद से निपटने के बजाए आतंकवाद के नाम पर बेगुनाहों को फंसाने वाली एजेंसी की भूमिका में आ गई है। जिसका मकसद बेगुनाह मुस्लिम युवकों को फंसाना और संघ परिवार से जुड़े आतंकवादियों के खिलाफ सुबूतों को नष्ट और कमजोर करना और रोहिणी सैलियन जैसे पब्लिक प्रोस्क्यिूटरों पर दबाव डाल कर संघी आतंकियों को जमानत दिलवाना रह गया है।
रिहाई मंच महासचिव ने कहा कि हैदराबाद की घटना यह साबित करती है कि आने वाले दिनों में एनआईए अभी और भी फर्जी गिरफ्तारियां करेगी क्योंकि यही सब करके वो भाजपा के लिए उत्तर प्रदेष में अगले साल होने वाले चुनावों में माहौल बनाएगी


क्या ये संभव है कि जीवन भर आप जिस विचारधारा का विरोध करते आए हों एक मोड़ पर आकर आप उसके अनुनायी बन जाएं. कुछ ऐसा ही हुआ है नीदरलैंड में.लंबे समय तक इस्लाम की आलोचना करने वाले डच राजनेता अनार्ड वॉन डूर्न ने अब इस्लाम धर्म कबूल लिया है. अनार्ड वॉन डूर्न नीदरलैंड की घोर दक्षिणपंथी पार्टी पीवीवी यानि फ्रीडम पार्टी के महत्वपूर्ण सदस्य रह चुके हैं.
यह वही पार्टी है जो अपने इस्लाम विरोधी सोच और इसके कुख्यात नेता गिर्टी वाइल्डर्स के लिए जानी जाती रही है मगर वो पांच साल पहले की बात थी. इसी साल यानी कि 2013 के मार्च में अर्नाड डूर्न ने इस्लाम धर्म क़बूल करने की घोषणा की. नीदरलैंड के सांसद गिर्टी वाइल्डर्स ने 2008 में एक इस्लाम विरोधी फ़िल्म ‘फ़ितना’ बनाई थी. इसके विरोध में पूरे विश्व में तीखी प्रतिक्रियाएं हुईं थीं.
मैं पश्चिमी यूरोप और नीदरलैंड के और लोगों की तरह ही इस्लाम विरोधी सोच रखता था. जैसे कि मैं ये सोचता था कि इस्लाम बेहद असहिष्णु है, महिलाओं के साथ ज्यादती करता है, आतंकवाद को बढ़ावा देता है. पूरी दुनिया में इस्लाम के ख़िलाफ़ इस तरह के पूर्वाग्रह प्रचलित हैं.
अनार्ड वॉन ने लंबे समय तक इस्लाम का विरोध करने के बाद अब इस्लाम धर्म क़बूल कर लिया है.साल 2008 में जो इस्लाम विरोधी फ़िल्म ‘फ़ितना’ बनी थी तब अनार्ड ने उसके प्रचार प्रसार में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था. इस फ़िल्म से मुसलमानों की भावनाओं को काफ़ी ठेस पहुंची थी. वे बताते हैं, “‘फ़ितना’ पीवीवी ने बनाई थी. मैं तब पीवीवी का सदस्य था. मगर मैं ‘फ़ितना’ के निर्माण में कहीं से शामिल नहीं था. हां, इसके वितरण और प्रोमोशन की हिस्सा ज़रूर था


आपको बतादे रिपोर्ट के अनुसार 5 वर्ष के दौरान इस्लाम और मुस्लिम विरोधी मामलो की तादाद में अचानक वृद्धि होने के पीछे यही बड़ा कारण रहा है । गार्डियन समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार इस्लाम-अमरीका संबंध परिषद और कैलिफोर्निया के ब्रोकली यूनीवर्सीटी ने मुश्तर्का तौर में कहा है कि अमीरका के 74संगठनों ने इस्लामोफोबिया और मुसलमानों से नफरत पैदा करने के लिए लगभग इक्कीस करोड़ डॉलर खर्च किए हैं ।
मुस्लिमो के खिलाफ इस मुहीम में अमेरिका के 74 संगठनों ने साझा रूप से काम किया । इस रिपोर्ट की बुनियाद पर अमरीका के बहुत से संगठनों ने सन 2008 से 2013 के बीच इस्लामोफोबिया पर लगभग बीस करोड़ डॉलर खर्च किये हैं ।
रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2008 से 2013 के दरमियान अमेरिका सहित कई देशो में मुस्लिमो के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश की गई । इतना ही नहीं मुस्लिमो के खिलाफ एक अभियान चलाकर इस्लाम के खिलाफ माहौल तैयार करने की कोशिश की गई । इसमें 74 संगठनो ने मुसलमानो के खिलाफ नफरत फैलाने के लिए पैसा खर्च किया


नरेंद्र मोदी को बादशाह बोलते हुए कहा कि केंद्र में इनके आने से ढाई गुना बीफ एक्सपोर्ट बढ़ गया है और बेगुनाह दादरी वाले को मार दिया। मोदी की नाक के नीचे दिल्ली में जितने फाइव स्टार होटल हैं सभी में गाय काटी जाती है, पकाई जाती है। रिक्शा एवं आवास वितरण समारोह में सोमवार को हिस्सा लेने मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय पहुंचे उ.प्र. के नगर विकास मंत्री आज़म खान ने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला।
बाकायदा होटल के मेन्यू पर उसका रेट लिख कर आता है। आजम ने कहा कि मोदी की दोस्ती बराक से है तो गाय को काटे जाने से कैसे रोक सकते हैं। ये दोहरा मापदण्ड है। समाज के साथ धोखा है। दो वर्ष हो गए सुनते हुए कि गंगा साफ़ होगी लेकिन गंगा छोटी हो रही है। बादशाह ने तख्तो ताज के 100 दिन के भीतर बड़े-बड़े वादों को पूरा करने का वादा किया था लेकिन बाद में बादशाह ने कहा कि वो मज़ाक कर रहे थे।
ये नेताजी की योजना और पहल से संभव हो पाया उससे पहले नहीं होता था। उन्होंने कहा कि दंगा करने वाले किसी के दोस्त नहीं हैं वो जिसके नाम पर दंगा कराते हैं उसका भी नुक्सान करते हैं। एक तरफ नुकसान किसी का नहीं होता किसी का कम किसी का ज़्यादा।
आजम ने कहा कि मुजफ़्फरनगर दंगों में उनकी कोई भूमिका नहीं। उन्होंने चैलेंज करते हुए कहा कि इंटर नेशनल एजेंसी से जांच करा लें अगर वो दोषी हैं तो उन्हें फांसी दे जाए।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि 20 लाख रूपये हर किसी को पहुंचाने का दम भरने वाले बादशाह अगर नोएडा में ई-रिक्शा भी बांटा तो अडानी के कारखानों की बनी रिक्शा दिए हैं वो भी ब्याज पर। उन्होंने कहा कि अगर किसी को कुछ देना है तो उसका सम्मान करके दो जलील करके नहीं।
मीडिया पर बोलते हुए कहा की मुजफ्फरनगर दंगा दिखाया दंगाई नहीं दिखाए, बलात्कार दिखाया बलत्कारी नहीं दिखाए। उन्होंने कहा की में खुद कह रहा हूं मुझे प्रधानमंत्री बना दो।
आगे आजम ने चुटकी लेते हुए कहा कि बादशाह ने दो चीज़ें सिखाई एक सेल्फ़ी लेना और दूसरा झाड़ू देना। उन्होंने कहा कि मालिक सबका एक है। मारने वालों याद रखो कि जब दूसरों को मारते हो तो ये याद रखो ये मखलूक उसी मालिक की है


वीडियो देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह शूटिंग के बीच ब्रेक के दौरान बनाया गया है जिसमें सपोर्टिंग स्‍टाफ के साथ बात करते-करते सुमाेना सिगरेट फूंकती नजर आ रही हैं।
‘द कपिल शर्मा शो’ में महत्‍वपूर्ण किरदार निभाने वाली सुमोना चक्रवर्ती का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। वीडियो में सुमोना सिगरेट के कश लगाती नजर आ रही हैं।
इस वक्त सुमोना ‘द कपिल शर्मा शो’ में डॉक्टर गुलाटी की बेटी के किरदार में नजर आ रही हैं। वीडियो में वह जिस साड़ी में नजर आ रही हैं, उसे उन्‍होंने ‘सैराट’ की टीम के आने पर पहना था।
कुछ दिनों पहले ही सुमोना के ‘द कपिल शर्मा शो’ छोडने की खबरें मीडिया में सामने आई थीं। हालांकि सुमोना ने इस बात का खंडन कर दिया था।
सुमोना ने कहा था कि जी नहीं, मैं ‘द कपिल शर्मा’ शो को नहीं छोड़ रही हूं। मैं अपने काम को एन्जॉय कर रही हूं और मैं इस शो का हिस्सा हूं।



मॉस्को की केंद्रीय मस्जिद जुमा मस्जिद या कैथीड्रल मस्जिद के नाम से भी जानी जाती है. 1904 में बनी यह मस्जिद यूरोप की सबसे बड़ी मस्जिदों में शामिल है और जीर्णोद्धार के बाद यहां 10,000 लोग एक साथ नमाज पढ़ सकते हैं.
इस मौके पर पुतिन ने कहा कि रूस के मुस्लिम नेता बहुत ही बहादुरी के साथ चरमपंथियों के प्रोपेगेंडा का विरोध कर रहे हैं। मैं उन सभी लोगों के लिए सम्मान प्रकट करता हूं जिन्होंने देश के लिए बहुत ही बहादुरी का काम किया है।
वर्ष 2011 में इसे गिरा दिया गया और इसके स्‍थान पर बड़ी मस्जिद को बनाया गया। इस मस्जिद में एक साथ 10,000 लोग बैठकर नमाज पढ़ सकते हैं। यह मस्जिद वर्ष 1904 में बनी थी लेकिन इसका आकार काफी छोटा था।
आपको बताते चले कि रूस में इस्लाम धर्म को मानने वाले लोगों की संख्या 2.3 करोड़ है। अधिकतर मुस्लिम देश के उत्तरी काउकेशियन रिपब्लिक्स में रहते हैं। करीब 20 लाख मुस्लिम मास्को में रहते हैं।


बहुत से ऐसे समूह है जो इस्लाम की छवी को ख़राब करने के लिए ऐसे अभियान चला रहे हैं. और साथ ही मुस्लिम समुदाय को बाँटने का भी काम किया जा रहा हैं. मुलिम वर्ल्ड लीग ने बताया पूरी दुनिया में इस्लाम के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है.
कमेटी के चेयरमैन प्रिंस बन्दर-बिन सलमान बिन-मुहम्मद सहित कमेटी के दुसरे अफ़राद ने भी इस फंक्शन में शिरकत की. मोहसेन अल-तुर्की ने कहा कि, इस ज़मीन पर अल्लाह का बड़ा करम और अहसान है, यहाँ पर स्थित दो मस्जिदे जहां सिर्फ ख़ुदा (अल्लाह) की इबादत की जाती हैं.
मोहसेन अल-तुर्की ने कहा कि, “अफ्रीकी देशो और मुस्लिम देशो में ऐसे बहुत से समूह हैं जो मुसलमानो को इस्लाम की हकीकत से दूर रखने के लिए काम कर रहे और आपस में लड़वाने का भी काम कर रहे हैं.
सऊदी पहुंचे मुस्लिम वर्ल्ड लीग के चीफ अब्दुल्लाह बिन मोहसेन अल-तुर्की ने इस्लामिक शिक्षा को बढ़वा देने की बात कही. और एकता के साथ काम करने की अपील की.


जी हा यह ये कोई मजाक नहीं है बल्कि एक ऑफर है जो जिदंगी भर के लिए बर्गर फ्री देने की बात करता है। बर्गर के साथ फ्राईज और एक कोल्ड ड्रिंक रोज मिल जाए वो भी जिंदगी भर फ्री तो इसके लिए तो कुछ भी करने के लिए तैयार हो जाएंगे।
मेलबार्न के इस रेस्ट्रोरेंट का कहना है अगर आप अपना आखिरी नाम यानि सरनेम बदलकर बर्गर कर लेते हैं तो ये आपको जीवन भर के लिए मुफ्त बर्गर घर पहुंचाएगा। आस्ट्रेलिया की एक बर्गर चेन मिस्टर बर्गर का कहना है कि बस अपने नाम में बर्गर शब्द शामिल कर लें तो आपको ये ऑफर मिल जाएगा।
ऐसे में इस तरह अपना नाम बदलना अपने आप में यकीनन कुछ महौल को हल्का करेगा। मैनेजर का कहना है कि इसके पीछे वजह ये ही कि पिछले कुछ समय से लोग ब्रिक्सिट जैसी चीजों के बार में सोच कर परेशान है और जीवन में कोई मजा नहीं रह गया है।
कंपनी को इस बात की जानकारी 31 जुलाई से पहले पुष्टि पत्र को मेल करके दे सकते हैं। पहले 10 लोगों को ही मौका मिलेगा और अगर पहले से नाम बर्गर है तो ये आपके लिए नहीं है।

मिस्टर बर्गर के मैनेजर का कहना है कि ये 200 प्रतिशत तक कानूनी रुप से वैध है। इसके लिए बस आपकी उम्र 18 से ऊपर होनी चाहिए और आप कानूनी रुप से अपना नाम बदलने के लिए तैयार हों।


मुख्तार महाभारत’ के बाद मुलायम स‌िंह, अख‌िलेश यादव, चाचा श‌िवपाल, अमर स‌िंह रामगोपाल यादव का जन्म‌द‌िन मनाने इकट्ठे हुए और सीएम काफी हल्के-फुल्के मूड में द‌िखाई द‌िए। अमर स‌िंह अंकल जी की सूरत-सीरत देखकर लगता है क‌ि उनकी उम्र 25 साल है, ये बात अख‌िलेश यादव ने प्रोफेसर रामगोपाल यादव के जन्मद‌िन के मौके पर कही।
उन्होंने प्रो. रामगोपाल की उम्र कर दी, क‌िसी ने 60, क‌िसी ने 45 अब बताइये मैं भी कम कर दूंगा तो उम्र क‌ितनी रह जाएगी। उन्होंने आगे कहा,अमर स‌िंह अंकलजी को मैं धन्यवाद देना चाहता हूं क्योंक‌ि उन्होंने ज‌िस अंदाज में हैप्पी बर्थडे कहा और उनकी सूरत और सीरत देखकर लगा क‌ि 25 साल का लड़का बधाई दे रहा है।
सीएम अख‌िलेश यादव ने कहा, अमर स‌िंह अंकल ने तो आज मेहंदी हसन की गजल भी सुना दी, ‘मर के भी तुझे चाहूंगा’ हालांक‌ि मैं गजलें नहीं सुनता लेक‌िन इसी गजल की आगे की लाइन का ज‌िक्र जरूर करना चाहूंगा और इन लाइनों को याद करने के ल‌िए मैंने बगल में बैठे लोगों की मदद ली। वो लाइनें हैं, ‘मोहब्बत में जुदाई का भी हक है’।

सीएम अख‌िलेश ने उन्हें जन्मद‌िन और पुस्तक व‌िमोचन की बधाई दी और कहा, ये क‌िताब एक समाजवादी ग्रंथ की तरह है इसके ल‌िए मैं रामगोपाल यादव को धन्यवाद देता हूं। अमर स‌िंह की बेपनाह मोहब्बत की वजह के जवाब में सीएम की गजल की इन लाइनों से क‌िए गए इशारे को सभी समझ गए और हॉल ठहाकों से गूंज उठा।


राष्‍ट्रपति का रिपब्लिकन उम्‍मीदवार बनने की दौड़ में अग्रणी डोनाल्‍ड ट्रंप के तेवर नरम हो रहे हैं। मुसलमानों पर बैन को लेकर पहले उनकी सोच बिलकुल साफ थी, वे सभी मुसलमानों को अम‍ेरिका में घुसने से रोकना चाहते थे, मगर अब उनकी सोच किसी कंफ्यूजन का शिकार हो गई लगती है।
जब पहली बार डोनाल्‍ड ट्रंप ने मुसलमानों पर बैन लगाने की बात की, उसके बाद से उनका चुनावी प्रचार इसी के इर्द-गिर्द घूमता रहा है। हालांकि व्‍हाइट हाउस पहुंचने के संभावित रिपब्लिकन उम्‍मीदवार ने इस बैन से जुड़ी अन्‍य कोई जानकारी साझा नहीं की।
इसकी बजाय वे आतंकवाद पर एक मानक तय करना चाहते हैं। दिसंबर में कैलिफोर्निया में हुई गोलबारी के तुरंत बाद, ट्रंप ने मुसलमानों की अमेरिका में एंट्री पर बैन लगाने संबंधी बयान जारी किया था।
GOP के लिए नॉमिनेशन जीतने के करीब पहुंचकर उनकी जुबान थोड़ी और मीठी हो गई। तब न्‍यू जर्सी के गवर्नर ने कहा था, ”अब ट्रंप वैसा कुछ नहीं कहते। वह समय के साथ अपनी स्थिति बदल चुके हैं।” लेकिन ट्रंप बैन के ‘टेम्‍प्रेरी’ होने पर जोर दे रहे थे। उन्‍होंने मई में कहा था, ”यह टेम्‍प्रेरी बैन होगा।
मैं इससे कदम पीछे खींंच लूंगा, शायद इसलिए कि मैं कुछ होते हुए देखना चाहता हूं। मगर हमें चौकन्‍ना रहना होगा। इसके बाद ऑरलैंडो में हुई गोलीबारी ने ट्रंप को मुस्लिमों पर बैन लगाने वाली बात दोबारा कहने पर मजबूर कर दिया। तब ट्रंप ने कहा था, ”मैंने तब जो कहा था, अब बहुत सारे लोग उसे सही ठहरा रहे हैं। बैन हटाया जाएगा,
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मामला, शनिवार रात का है। भज्जी जब दर्शकों के साथ बातचीत कर रहे थे तब सुपर खालसा इंद्र सिंह ने खुद को हरभजन सिंह भज्जी से बड़ा सुपर स्टार कहते हुए उन्हें धक्का देने की कोशिश की। रेसलर द ग्रेट खली और क्रिकेटर हरभजन भज्जी सप्ताह में दूसरी बार आमने-सामने हुए।
आखिर खली के रेसलर पर क्यों भड़के थे भज्जी जो एक घूंसे में फैसला कर दिया। भज्जी को यह बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा और गुस्से से भड़कते हुए भज्जी ने पलटवार करते हुए इंद्र सिंह को एक जोरदार थप्पड़ मारा, जिससे इंद्र सिंह रिंग के बाहर जा गिरा। हरभजन ने खली के रेसलर खालसा को हरा दिया।
द ग्रेट खली के नाम से दुनिया भर में मशहूर दिलीप सिंह राणा और भज्जी ने अपनी फोटो को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। 3 जुलाई को 36 वर्ष के होने जा रहे हरभजन ने लिखा, 'द ग्रेट खली से मेरे घर पर एक शानदार मुलाकात।
फेसबुक पर भज्जी ने लिखा कि हम दोनों ने अपनी अपनी कुछ कहानियां शेयर कीं। इतने बड़े कद और नाम वाले खली बातचीत करने में बेहद खुशमिजाज और साफ दिल के इंसान हैं।'हरभजन ने ऑटोग्राफ कर अपना एक बैट भी खली को भेंट किया।
43 वर्षीय खली ने लिखा है कि मैं जालंधर में हरभजन से मिला। वे उतने ही अच्छे इंसान हैं, जितने कि अच्छे गेंदबाज हैं।' खली ने भज्जी के परिवार के साथ समय बिताया और दोनों ने इस दौरान एक दूसरे को अपने किस्से सुनाए।
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टीम इंडिया में अपने चयन न होने से निराश इक़बाल की वाल पे ये कहा गया है कि रणजी ट्राफी, ईरानी ट्राफी और आईपीएल जैसे टूर्नामेंट में अच्छा खेलने के बावजूद भी इकबाल अब्दुल्ला का चयन न होना क्या सही है?
अपनी फेसबुक वाल पर क्रिकेटर इक़बाल अब्दुल्ला ने नाराज़गी ज़ाहिर की है. इक़बाल की नाराज़गी सही है क्योकि इक़बाल ने रणजी ट्राफी, ईरानी ट्राफी और आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन उसके बाद भी इक़बाल का टीम इंडिया में चयन नहीं हुआ तो इक़बाल ने नाराज़गी की है.
उनके इस सवाल में दर्द ज़ाहिर है. इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि जिन लोगों का चयन किया गया है वो उससे कोई शिकायत नहीं करते हैं लेकिन इकबाल अब्दुल्ला का चयन न होना क्या सही है?


भारत के पूर्व चुनाव आयुक्त डॉ एसवाई कुरैशी ने कहा कि मुस्लिम समाज की आर्थिक और शैक्षिक बदहाली की पृष्ठभूमि में मुस्लिम लड़के अपने माता पिता का सहारा बनने के लिए पढ़ाई बीच में छोड़ देते हैं।
उन्होंने कहा कि दिल्ली यूथ वेलफेयर एसोसिएशन के पुरस्कार वितरण समारोह में रविवार को मुस्लिम समाज में लड़कियां शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। अच्छे पदों पर पहुंच रही हैं। लेकिन लड़कों की हालत बद से बदतर होती जा रही है।
इसके अलावा बच्चों की शिक्षा में मांओं की भूमिका को सराहते हुए 10 छात्र छात्राओं की मांओं को भी सम्मानित किया गया।
इस कार्यक्रम में कक्षा दसवीं और 12वीं में 85 फीसदी से ज्यादा नंबर हासिल करने वाले पुरानी दिल्ली के तमाम सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों के 109 छात्र छात्राओं को पुरस्कृत किया गया। पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि बच्चों की शिक्षा में सबसे अहम किरदार उसके माता-पिता का होता है। इसलिए माता-पिता की भी हौसला अफजाई करनी जरूरी है।


इस छोटी सी बच्ची की समझ समाज के चेहरे पर करारा तमाचा है। आज के जमाने में जहां रिश्तों का कोई महत्व नहीं रह गया है, आदमी आदमी का दुश्मन बन गया है। इस लड़की का वीडियो देखकर अपने माता पिता के प्रति अपने दायित्वों के बारे में एक बार सोचिएगा जरुर।
इस 5 साल की लड़की को अगर हम कलयुग का श्रवण कुमार कहें तो गलत नहीं होगा। पांच साल की उम्र में इंसानियत की इतनी समझ होना कोई छोटी बात भी तो नहीं है। ये घटना फिलीपिंस की है, जहां एक पांच साल की बच्ची जेनी रोज अपने अंधे पिता को उनके काम करने की जगह तक रास्ता दिखाती है।
उसके पिता नेल्सन पेप एक नारियल फार्म में काम करते हैं। ये बच्ची रोज अपने पिता की छड़ी पकड़कर उन्हें वहां तक पहुंचाती है। नेल्सन को 60 नारियल पेड़ों पर चढ़कर नारियल लाने के 1076 रुपये मिलते हैं। भले ही जेनी सिर्फ पांच साल की है। पर उसकी सोच बड़े-बड़े लोगों को पीछे छोड़ देती है।
जेनी की सोच ही उसके पिता की असली ताकत है। जेनी का हर दिन अब अपने पिता को एक उम्मीद की राह दिखाने में मदद करती है। इस बच्ची के वीडियो को रुबी केपनेस ने शूट किया है और इसे अपने फेसबुक पेज पर अपलोड किया है। इस वीडियो को अब तक 2 मिलियन लोग देख चुके हैं। 


कहते है कि परिवार टूटने का दर्द महिलाओं से बेहतर कौन जान सकता है. पेट की भूख, नौकरी के सीमित विकल्प, बच्चों की परवरिश, शादी के सामाजिक बंधन के छूटने के बाद मर्दों की घूरती निगाहें…
जिंदगी की इन्हीं परेशानियों को ध्यान में रखते हुए एक सर्वे किया गया – मुस्लिम महिलाओं का – इनमें से 92.1 फीसदी एकतरफा तलाक को गलत मानती हैं. मुंबई में एक संस्था है – भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन. संस्था के अनुसार यह मुस्लिम महिलाओं के हक और अधिकार के लिए काम करती है.
इसी संस्था ने यह सर्वे कराया है. सर्वे में 4500 महिलाओं ने हिस्सा लिया और ये सभी विभिन्न आय समूहों तथा व्यवसाय (गृहिणी भी) से जुड़ी हैं.
सर्वे से एक बात यह निकलकर आई है कि तलाक के ही संबंध में. 88.3 फीसदी मुस्लिम महिलाएं ‘तलाक-तलाक-तलाक’ के बजाय सिर्फ ‘तलाक’ को बेहतर मानती हैं. चौंकिए मत. दोनों तलाक ही होते हैं, बस तरीका अलग-अलग होता है. ‘तलाक-ए-अहसान’ में तलाक सिर्फ एक बार बोला जाता है और इसमें अगर दोनों पक्ष राजी हुए तो तलाक के बाद फिर से पति-पत्नी एक साथ रह सकते हैं.
जी हाँ लेकिन ‘तलाक-तलाक-तलाक’ में यह संभव नहीं है और न ही इसमें महिलाओं के पक्ष को ठीक से रखा जाता है. तलाक के अलावा इन मुस्लिम महिलाओं ने एक और चीज पर अपनी बात बहुत मजबूती से रखीं और वो है – बहुविवाह. सर्वे में भाग लेने वाली 91.2 फीसदी महिलाएं अपने पति को बांटना नहीं चाहती हैं, मतलब वे बहुविवाह के खिलाफ हैं.
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) का कहना है कि मौखिक तलाक (तलाक-तलाक-तलाक) को बनाए रखने की जरूरत है. उन्होंने इसके लिए हिंदू समाज में होने वाली दहेज-हत्या का उदाहरण दिया. उनका कहना है कि असफल शादी में बने रहने के दबाव के कारण हत्याएं होती हैं.


एक पूर्व आरएसएस कार्यकर्ता ने जब इस्लाम धर्म अपना लिया। उन्होंने बताया मेरा नाम मोहम्मद उमर राव है। मेरा जन्म एक ब्राह्मण परिवार मे हुअा, एक आरएसएस का पूर्व सदस्य हूँ , मेरी दो बहन हैं, पेशे से मे एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हूँ।
उमर ने आगे कहा मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं मुसलमान बनूँगा। मैं मुसलमानों से सख्त नफरत करता था। वीडियो में देखें उनका पूरा बयान।


जी हां, आप बिल्कुल सही समझे पुलिस कुत्तों को अब इस तरह ट्रेनिंग दे रही है जिससे कुत्ते सूंघकर बता देंगे कि चाइल्ड पोर्न फिल्म किस हार्ड ड्राइव में है। कुत्ते बम और ड्रग्स सूंघकर बता देते हैं ये तो आप जानते हैं पर क्या आपको पता है कि कुत्ते अब सूंघकर बताएंगे कि किस मोबाइल या लैपटाप में चाइल्ड पोर्न है।
कुत्ते को ट्रेनिंग इस तरह की गई है कि वह किसी भी इलेक्ट्रनिक मेमोरी डिवाइस में छिपे हुए सबूत को सूंघकर बता सके। डिपार्टमेंट के लेफ्टिनेंट लेन ने कहा,'हर कोई ये जानकर हैरान रह जाता है और उसे विश्वास नहीं होता कि कुत्ता इलेक्ट्रोनिक डिवाइस सूंघकर बता सकता है।
कुत्ते को अब 'पोर्न डॉग' भी कहा जा रहा क्योंकि 'यूआरएल' हार्ड डिवाइस सूंघकर पुलिस को बता देता है कि चाइल्ड पोर्न है या नहीं। जब कुत्ता छोटा था तो उसे एक शैल्टर से लाया गया था। यूआरआल को सर्टिफाइड करने से पहले इंडियाना में 6 महीने की ट्रेनिंग दी गई थी।
जी हाँ आने वाले समय यूआरएल 'एफबीआई' के साथ भी काम करेगा। वह अमेरिका के 9 इलेक्ट्रोनिक डिटेक्शन कुत्तों में से एक है।
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न ‌प‌िता को बेटे के आदर्श का पता है न बेटे को प‌िता के फैसले की कद्र है। बेचारे चाचा श‌िवपाल मुलायम स‌िंह को भगवान मानते है, भगवान और उनके भक्त की कोई कद्र नहीं। अफजाल ने कहा क‌ि हमारे भाई मुख्तार की छव‌‌ि खराब करने की कोश‌िश की गई। हमारे पूर्वजों ने स्वाधीनता की लड़ाई में बड़ी भूम‌िका ‌न‌िभाई है।
आगे अफजाल ने कहा, जब समाजवादी पार्टी के आठ से दस व‌िधायक क्रॉस वोट‌िंग पर आमादा हो गए तो इसकी च‌िंता में इनकी मजबूरी हुई क‌ि कौमी एकता दल का वोट हास‌िल क‌िया जाए। इसके ल‌िए पूर्व मंत्री अंब‌िका चौधरी से बात करवाई गई और यूपी के वर‌िष्ठ मंत्री बलराम यादव को मेरे घर भेजा गया। उन्होंने प्रस्ताव रखा और श‌िवपाल स‌िंह से बात करवाई।
नेताजी ने कहा था, ब‌िछड़ गए थे चलो फ‌िर से एक हो जाएं। राज्यसभा चुनाव में हमारा इस्तेमाल कर हमसे क‌िनारा कर ल‌िया गया। हमें धोखा द‌िया गया। ये बातें कौमी एकता दल के अध्यक्ष अफजाल अंसारी ने कहीं।
अफजाल ने अपने विचारों में बताया कि मैंने उनसे एक हफ्ते का समय मांगा था। इसके बाद श‌िवपाल यादव ने 21 तारीख को कौमी एकता दल और सपा के व‌िलय की घोषणा कर दी। इसके बाद खबर आई क‌ि मुख्यमंत्री अख‌िलेश यादव इस व‌िलय को गलत मानते हैं। बलराम यादव को सजा के तौर पार्टी से बर्खास्त कर द‌िया गया। फ‌िर 25 जून को मीट‌िंग के बाद अख‌िलेश की ज‌िद के आगे मुलायम स‌िंह को झुकना पड़ा।
बलराम यादव की सपा सरकार से छुट्टी पर शिवपाल ने कहा था कि आखिर उनका इस्तीफा क्यों लिया गया इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। उन्होंने इस मुद्दे पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। उनका बस इतना ही कहना था कि ये मुख्यमंत्री के विशेषाधिकार है कि वह सरकार में किसे रखते हैं और किसे नहीं।
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अचानक एक दिन लिफ़्ट में वो एक ऐसे बच्चे से टकराईं, जो कुछ दुखी और परेशान दिख रहा था. बच्चे और उसकी मां से लिफ़्ट में हुई मुलाक़ात का ब्यौरा दीपिका ने ट्विटर पर शेयर किया है.
कभी डिप्रेशन की शिकार रहीं दीपिका ने उस बच्चे से उसकी उदासी का कारण जानना चाहा, तो पास में खड़ी उस बच्चे की मां ने बताया कि परीक्षा में नंबर कम आए हैं.
अभिनेत्री दीपिका पादुकोण लिफ़्ट में एक ऐसे बच्चे से मिली, जो परीक्षा में कम नंबर आने से दुखी था.तीस वर्षीय अदाकारा हाल ही में हॉलीवुड फ़िल्म ‘xXx : द रिटर्न ऑफ जेंडर केज’ की शूटिंग पूरी करके लौटी हैं. इसके बाद उस बच्चे को नसीहत देते हुए उसकी मां ने कहा, ‘‘देखो ये बहुत अच्छी स्टूडेंट रहीं होंगी, तभी तो इतनी कामयाब हैं.
इसके बाद दीपिका ने उस बच्चे को दिलासा देते उसकी मां से पूछा कि कितने परसेंट मार्क्स आए हैं?
उसकी मां मे कहा, ‘‘बस 65 प्रतिशत. इसके बाद दीपिका ने कहा, ‘‘बस, इतना ही काफ़ी है. जीवन में एकेडमी, ग्रेड और रिज़ल्ट अलावा भी बहुत कुछ है.
दीपिका आगे कहती हैं कि मेरे यह कहने के बाद बच्चे के चेहरे पर मुस्कराहट आ गई और मां सोचने लगी. अपने आखिरी ट्वीट में सोशल मैसेज देते हुए कहती हैं, ‘‘अपने दिल की सुनों, जिसका जुनून हो वो करो और जियो, प्यार करो और खूब हंसो...

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खुशहाली की इस तस्वीर को भंग करते हैं एक लाइन से बसे वो घर जो अचानक से खेतों में नमूदार होते हैं. क़रीब जाएँ तो मुंबई की झोपड़-पट्टियों वाली कच्ची बस्तियां लगती हैं.कैराना के गांवों में ख़ुशहाली साफ़ नज़र आती है. पक्के घर, हरे-भरे खेत, आम से लदे पेड़ और पक्की सड़कें. यहां की ज़मीन उपजाऊ है, जिनकी तुलना पंजाब की ज़मीनों से की जा सकती है.
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गर्मी के कारण सबका बुरा हाल है. स्थानीय स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां हैं. शबाना का एक बेटा काफ़ी छोटा है. उसके दो बेटे एक सरकारी स्कूल जाया करते थे. लेकिन अब पास के 'इस्लामिया पब्लिक स्कूल' जाते हैं जहां वो 'क़ुरान, उर्दू, हिंदी और गणित पढ़ते हैं'.
बच्चों को सरकारी स्कूल से हटाने के बाद शबाना कहती हैं कि उनके पास दो विकल्प थे या तो बच्चों को घर पर रख कर उन्हें अनपढ़ रखा जाए या फिर इस्लामिया स्कूल भेजा जाए, जहां उनके बेटे इस्लामी शिक्षा के इलावा हिंदी और गणित भी सीख सकते हैं.
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पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई देहातों और क़स्बों में मुस्लिम समुदाय बहुमत में है. शायद इसीलिए हमने लगभग हर गांव में मदरसे देखे, उन गांवों में भी जहां से मुसलमान दंगों के बाद पलायन कर चुके हैं. शबाना के बच्चों के अलावा बस्ती के कई दूसरे बच्चे भी इस्लामिया पब्लिक स्कूल या स्थानीय मदरसों में पढ़ते हैं.
सुरेंदर सिंह बालियान कुटबा गांव के एक जाट किसान हैं. वो केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के पिता भी हैं. वो मदरसों से चिंतित हैं. कई हिंदुओं का दावा है कि इन मदरसों के कारण मुसलमानों में कट्टरपन आया है. सुरेंदर कहते हैं, "पिछले 15 सालों में मदरसे बढ़े हैं जिससे मुसलमानों में कट्टरता बढ़ी है. वो मुस्लिम पहचान पर अधिक बल देते हैं." 
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अर्जेंटीना के स्टार फुटबाॅलर लियोनेल मेसी ने अंतरराष्ट्रीय फुटबाॅल को अलविदा कह दिया है। चिली के हाथों कोपा अमेरिका कप में मिली हार के बाद दिग्गज फुटबाॅलर मेसी ने सन्यास ले लिया। मेसी अब अर्जेंटीना का प्रतिनिधित्व नहीं करेंगे।
हालांकि वह अपने क्लब बार्सेलोना के लिए खेलते रहेंगे। बता दें कि कोपा अमेरिका फाइनल में चिली ने अर्जेंटीना को पेनाल्टी शूट आउट में 4.2 से हरा दिया। मैसी ने अर्जेंटीना को मिली पहली पेनल्टी किक को मिस कर दिया था। दोनों टीमें निर्धारित समय और 30 मिनट के एक्स्ट्र समय में 0-0 से बराबर थीं।
आपको बता दें कि, पिछली बार अर्जेंटीना को फाइनल में हराकर चिली चैंपियन बना था।
मेसी ने मैच के बाद कहा, राष्ट्रीय टीम के लिए खेलना अब मेरे लिए ख़त्म हो चुका है। मैं जो कर सकता था मैंने किया। चैंपियन ना होना बड़ा अखरता है। अर्जेंटीना फुटबॉल संघ के साथ मेसी की कुछ समस्याएं भी जग जाहिर थीं। कुछ दिन पहले उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर लिखा था - AFA एक मुसीबत है...
लियोनेल मेसी का नाम बार्सिलोना फुटबाॅल की दुनिया के दिग्गजों में गिना जाता है। मेसी 5 बार के बैलन डि और विजेता हैं और उन्होंने अर्जेंटीना के लिए अपना पहला मैच 2005 में खेला था। चिला के खिलाफ कोपा फाइनल 2016 में उनका 113वां अंतरराष्ट्रीय मैच था। मेसी अर्जेंटीन के लिए सर्वाधिक गोल करने वाले खिलाड़ी हैं, उन्होंने 55 गोल किए हैं।


काठमांडू- भारत-नेपाल बाॅर्डर पर आठ हजार से खंभों को वैश्विक दिशा-निर्देशन उपग्रह प्रणाली का इस्तेमाल कर जीपीएस सिस्टम से लैस किया जाएगा। ऐसा पहली बार हो रहा है जब भारत को नेपाल से लगी 17 हजार किलोमीटर से लंबी सीमा को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में मदद मिलेगी।
नेपाल के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि, नेपाल-भारत सीमा के खंभों के लिए नेपाल-भारत बाॅर्डर पर वैश्विक दिशा-निर्देशन उपग्रह प्रणाली (एनआईबी जीएनएसएस) का इस्तेमाल किया जाएगा। मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि, शनिवार को (25 जून) सम्पन्न हुई नेपाल-भारत सीमा कार्यकारी समूह की तीसरी बैठक में इस मसले पर फैसला लिया गया था।
बता दें कि, नेपाल-भारत सीमा कार्यकारी समूह की बैठक तीन दिन तक चली थी, जिसमें नेपाली प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सर्वेक्षण विभाग के महानिदेशक कृष्ण राज बीसी ने किया था। वहीं, भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भारत के महा सर्वेक्षक स्वर्ण सुब्बा राव ने किया था।
इस बैठक में दोनों देशों ने फैसला किया है कि एसओसी की अगली बैठक इस साल सितंबर में और बीडब्ल्यूजी की बैठक अगस्त 2017 में भारत में होगी।


साथ ही 665 करोड़ रुपये की लागत की 105 योजनाओं का बटन दबाकर लोकार्पण किया। कार्यक्रम में 161 लोगों को ई-रिक्शा और 251 लोगों को आवास निशुल्क उपलब्ध कराए गए। कैबिनेट मंत्री आजम खां ने विवि में नगर निगम, जल निगम एवं सीएनडी विभाग की मेरठ मंडल व आगरा क्षेत्र के 15 जिलों की 1035 करोड़ रुपये लागत की 105 योजनाओं का शिलान्यास किया।
नगर निगम के अधिकारियों के निर्देश पर पूरी सड़क की सफाई की गई। फुटपाथ को खाली कराया गया। एक टेंट हाउस से आनन-फानन में झुग्गियों के सामने पर्दा लगाने का काम कराया गया।
सीडीओ के मुताबिक एक ई-रिक्शा की कुल कीमत 1.60 लाख रुपये है, जिसमें रजिस्ट्रेशन, बीमा, परमिट, लाइसेंस व रिक्शे की छह सर्विस शामिल हैं। आवास की लागत तीन लाख रुपये है। उन्होंने बताया कि मेरठ पेयजल योजना का कार्य 2011 में शुरू हुआ था। अब मेरठ वासियों को शुद्ध पेयजल आपूर्ति की जाएगी।
करीब 500 से 700 मीटर तक फैली झुग्गियों को टेंट से ढंक दिया गया। झुग्गियों में रहने वाले लोगों को चेतावनी दी कि जब तक कहा न जाए, तब तक टेंट के पीछे ही रहना।


ये जगह उत्तरी अफ्रीकी देश इथियोपिया में है. तो चलिए, आज आपको दुनिया की सबसे गर्म जगह का क़िस्सा सुनाते हैं. इस जगह का नाम है, 'डानाकिल डिप्रेशन'. इसका एक हिस्सा पड़ोसी देश इरीट्रिया से भी मिलता है. 

दुनिया की सबसे गर्म, सबसे सूखी, और धरती पर सबसे नीची जगह है. ये इथियोपिया के अफार इलाक़े में पड़ती है. यहां का मौसम बेहद ज़ालिम है. फिर भी आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे कि बेहद ख़राब माहौल होने के बावजूद यहां बहुत से लोग रहते हैं. 

क्योंकि यहां साल भर औसत तापमान 34.4 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहता है. धरती पर जो और गर्म जगहें हैं, 'डानाकिल डिप्रेशन' को दुनिया की सबसे गर्म जगह इसलिए कहा जाता है वहां औसतन इतना तापमान नहीं रहता. कभी-कभी बहुत ज़्यादा गर्मी पड़ती है.

लेकिन  'डानाकिल डिप्रेशन' में औसत तापमान ही 35 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रहता है. इसके सिवा यहां बारिश भी बेहद कम होती है. साल भर में केवल 100 से 200 मिलीमीटर बारिश यहां होती है. कोढ़ में खाज जैसा एक पहलू और भी है कि 'डानाकिल डिप्रेशन' समुद्र तल क़रीब सवा सौ मीटर नीचे है.