रेलवे बोर्ड ने अपने हालिया निर्णय में इस बात का ऐलान किया है कि 5 से 12 वर्ष के बीच के बच्चों का पूरा टिकट लगाने का निर्णय किया है। इस निर्णय से रेलवे एक तरफ करोड़ो रुपए कमा रहा है तो दूसरी तरफ व्यस्क यात्रियों के लिए लाखों सीटों की उपलब्धता सुनिश्चित कर रहा है।
नियम को हटाने से पहले 5 से 12 वर्ष के बीच के बच्चों का रेलवे टिकट का आधा पैसा लेता था और सीट उपलब्ध होने पर पूरी सीट का आवंटन कर देता था। नए नियम के लागू होने के बाद रेलवे ने 20 करोड़ रुपए की आमदनी की है।
रेलवे का कहना है कि इस नियम के लागू करने के बाद दो करोड़ सीट उपलब्ध होंगी। साथ ही रेलवे इसके जरिए 525 करोड़ रुपए तक कमा सकती हैं। रेलवे के अनुसार वर्ष 2014-15 में कुल 2.11 करोड़ बच्चों ने हॉफ टिकट पर यात्रा की और पूरी सीट ली।
बच्चों का हाफ टिकट लेने पर बच्चों को माता-पिता की सीट पर ही बैठकर या सोकर यात्रा करनी होगी। पर पांच साल के छोटे बच्चों को मुफ्त में यात्रा करने को मिलेगी पर उन्हें भी कोई सीट नहीं मिलेगी।
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