आज तक जो सामने नहीं आए असदुद्दीन ओवैसी के वो सच


दुनिया में सबसे रंगीन आदमी जानते हो कौन होता है? नेता. उसकी लाइफ में कितने शेड होते हैं ये उसे खुद नहीं पता होता. और ब्लैक एंड व्हाइट आदमी भी वही होता है. एकदम शतरंज की फील्ड जैसा. दुनिया में उसके आधे दुश्मन होते हैं 
आधे दोस्त. आधे समर्थक आधे विरोधी. उसकी स्पीच पर आधे तालियां बजाते हैं आधे गालियां देते हैं. आधे पूजा करते हैं आधे पुतला फूंकते हैं. क्यों? क्योंकि उससे बात सिर्फ पॉलिटिक्स की होती है. और ऐसे जवाब देते देते वो खुद इतना पॉलिटिकल हो जाता है. कि उससे चाय का पूछो तो हां या न में ज
वाब नहीं देता. कहता है “पार्टी जो फैसला करेगी मुझे मंजूर होगा.”
इतनी देर तक भूमिका बांधने और आपका टाइमनास करने के लिए माफी मांगता हूं सरकार. लेकिन हम जिस नेता के बारे में बात करने जा रहे हैं उसका रिकॉर्ड भी ऐसा ही है. असदुद्दीन ओवैसी. ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लमीन के सर्वे सर्वा हैं. 
हैदराबाद से तीन बार सांसद रह चुके हैं. साल 2014 में जनाब संसद रत्न अवॉर्ड से नवाजे जा चुके हैं. उन पर तंज कसने वाले उनको ‘जिन्ना’ कहते हैं. हालांकि जिन्ना के बारे में हमारी जानकारी कम है. तो हम उन बेर के कांटों में उलझने नहीं जाएंगे. ये तो हुआ उनका पॉलिटिकल बैकग्राउंड. जिसके बारे में हमको बात करने में कोई इंट्रेस्ट नहीं.
बड़ा बोरिंग सा फील होता है हमको पार्लियामेंट, लाल बत्ती, रैली, पंफ्लेट, पोस्टर, इलेक्शन के बारे में बात करके. हम तो उसी के बहाने ओवैसी के बारे में कुछ खास बातें बताते हैं. उनकी कुछ क्वालिटीज. अभी उनकी लेटेस्ट स्पीच सुन रहा था. महाराष्ट्र के सोलापुर में बोले हैं. सात तारीख को. और क्या गजब बोले हैं. खूब सीटियां बज रही थीं. 
उन्होंने बड़ी खुशी से बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले का इजहार किया. हमारा मन भी गदगद हो गया. बताया कि कोर्ट कहिस है चाहे जित्ता गोश्त खाओ. बड़े का खाओ चाहे छोटे का खाओ. इस आदमी के बारे में बुरा बोलने वालों को डूब मरना चाहिए. अपनी हर स्पीच में खाने खिलाने की बात करता है. गोया “अतिथि देवो भव” का सारा दारोमदार उनके ऊपर है. 
कहते हैं दिल का रास्ता पेट से होकर जाता है. अगर आपके पास पेट और दिल दोनों सलामत हैं. तो आज के बाद कभी उनके बारे में बुरा नहीं बोलोगे. दूसरे नेताओं से कटपीस निकाल कर अपनी स्पीच में मिलाते हैं. और उनको बड़े ही फन्नी तरीके से पेश करते हैं. कि हंसते हंसते पेट में सांप बन जाएं. 
इसी स्पीच में किसी नेता के बारे में बता रहे थे. कि मीडिया ने उस नेता से पूछा कैनाल में पानी खतम है. तो नेता जी बोले ‘मूत दें क्या? कहने को इनके बया
न विवादित होते हैं. लेकिन हमने उत्तल लेंस लेकर खोजा. एक भी विवादित चीज निकल कर नहीं आई इनके बयानों में. कुछ दिन पहले उन्होंने कहा था कि वो “भारत माता की जय” नहीं बोलेंगे.
लेकिन ये बोलते हुए भी उन्होंने भारत माता की जय बोली थी. लेकिन निगेटिव लोगों ने अपने तरीके से उसको परोस दिया. फिर न्यूज चैनलों के पैनल महीनों इसी से गूंजते रहे. तो इस देश में सबसे ज्यादा भारत माता की जय बोलवाने का क्रेडिट अगर किसी को मिलेगा तो इस खुदा के बंदे को.
आप कुछ भी कहो. बंदा अंदर से हीरा है. आप क्या सोचते हैं? कि वो सुबह उठते होंगे. मुंह में बुरुस खोंसे सोचते होंगे कि आज साध्वी प्राची के बारे में क्या बयान देना है? कितने बच्चे पैदा करने को बताना है? 
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दुनिया में सबसे रंगीन आदमी जानते हो कौन होता है? नेता. उसकी लाइफ में कितने शेड होते हैं ये उसे खुद नहीं पता होता. और ब्लैक एंड व्हाइट आदमी भी वही होता है. एकदम शतरंज की फील्ड जैसा. दुनिया में उसके आधे दुश्मन होते हैं 
आधे दोस्त. आधे समर्थक आधे विरोधी. उसकी स्पीच पर आधे तालियां बजाते हैं आधे गालियां देते हैं. आधे पूजा करते हैं आधे पुतला फूंकते हैं. क्यों? क्योंकि उससे बात सिर्फ पॉलिटिक्स की होती है. और ऐसे जवाब देते देते वो खुद इतना पॉलिटिकल हो जाता है. कि उससे चाय का पूछो तो हां या न में ज
वाब नहीं देता. कहता है “पार्टी जो फैसला करेगी मुझे मंजूर होगा.”
इतनी देर तक भूमिका बांधने और आपका टाइमनास करने के लिए माफी मांगता हूं सरकार. लेकिन हम जिस नेता के बारे में बात करने जा रहे हैं उसका रिकॉर्ड भी ऐसा ही है. असदुद्दीन ओवैसी. ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लमीन के सर्वे सर्वा हैं. 
हैदराबाद से तीन बार सांसद रह चुके हैं. साल 2014 में जनाब संसद रत्न अवॉर्ड से नवाजे जा चुके हैं. उन पर तंज कसने वाले उनको ‘जिन्ना’ कहते हैं. हालांकि जिन्ना के बारे में हमारी जानकारी कम है. तो हम उन बेर के कांटों में उलझने नहीं जाएंगे. ये तो हुआ उनका पॉलिटिकल बैकग्राउंड. जिसके बारे में हमको बात करने में कोई इंट्रेस्ट नहीं.
बड़ा बोरिंग सा फील होता है हमको पार्लियामेंट, लाल बत्ती, रैली, पंफ्लेट, पोस्टर, इलेक्शन के बारे में बात करके. हम तो उसी के बहाने ओवैसी के बारे में कुछ खास बातें बताते हैं. उनकी कुछ क्वालिटीज. अभी उनकी लेटेस्ट स्पीच सुन रहा था. महाराष्ट्र के सोलापुर में बोले हैं. सात तारीख को. और क्या गजब बोले हैं. खूब सीटियां बज रही थीं. 
उन्होंने बड़ी खुशी से बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले का इजहार किया. हमारा मन भी गदगद हो गया. बताया कि कोर्ट कहिस है चाहे जित्ता गोश्त खाओ. बड़े का खाओ चाहे छोटे का खाओ. इस आदमी के बारे में बुरा बोलने वालों को डूब मरना चाहिए. अपनी हर स्पीच में खाने खिलाने की बात करता है. गोया “अतिथि देवो भव” का सारा दारोमदार उनके ऊपर है. 
कहते हैं दिल का रास्ता पेट से होकर जाता है. अगर आपके पास पेट और दिल दोनों सलामत हैं. तो आज के बाद कभी उनके बारे में बुरा नहीं बोलोगे. दूसरे नेताओं से कटपीस निकाल कर अपनी स्पीच में मिलाते हैं. और उनको बड़े ही फन्नी तरीके से पेश करते हैं. कि हंसते हंसते पेट में सांप बन जाएं. 
इसी स्पीच में किसी नेता के बारे में बता रहे थे. कि मीडिया ने उस नेता से पूछा कैनाल में पानी खतम है. तो नेता जी बोले ‘मूत दें क्या? कहने को इनके बया
न विवादित होते हैं. लेकिन हमने उत्तल लेंस लेकर खोजा. एक भी विवादित चीज निकल कर नहीं आई इनके बयानों में. कुछ दिन पहले उन्होंने कहा था कि वो “भारत माता की जय” नहीं बोलेंगे.
लेकिन ये बोलते हुए भी उन्होंने भारत माता की जय बोली थी. लेकिन निगेटिव लोगों ने अपने तरीके से उसको परोस दिया. फिर न्यूज चैनलों के पैनल महीनों इसी से गूंजते रहे. तो इस देश में सबसे ज्यादा भारत माता की जय बोलवाने का क्रेडिट अगर किसी को मिलेगा तो इस खुदा के बंदे को.
आप कुछ भी कहो. बंदा अंदर से हीरा है. आप क्या सोचते हैं? कि वो सुबह उठते होंगे. मुंह में बुरुस खोंसे सोचते होंगे कि आज साध्वी प्राची के बारे में क्या बयान देना है? कितने बच्चे पैदा करने को बताना है? 

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