केरल में एक सीट मिली, यही हैं अच्छे दिन, चुनाव नतीजों के बाद शिवसेना का BJP पर वार


महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ सत्ता का सुख भोग रही शिवसेना आजकल किसी भी मौके पर केंद्र सरकार पर हमला बोलने से नहीं चूकती. गुरुवार को आए पांच राज्यों के नतीजों को लेकर बीजेपी भले ही अपनी पीठ थपथपाए, लेकिन उसके साथी दल शिवसेना ने उस पर निशाना साधा है.
शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में बीजेपी पर तीखा वार किया है. शिवसेना ने कहा कि क्षेत्रीय दलों का प्रभाव बढ़ रहा है, बीजेपी को इस सत्य को स्वीकारना होगा. केरल में उनका खाता खुला, यही उनके लिए अच्छे दिन हैं. शिवसेना ने कहा कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने ममता मुक्त पश्चिम बंगाल का नारा दिया था.
उन्होंने कहा था कि ममता के राज में भ्रष्टाचार, आतंकवाद, गुंडागर्दी बढ़ी है. शाह ने इतना तक कहा था कि पश्चिम बंगाल आंतकवाद और बम का कारखाना बन चुका है. लेकिन बंगाली जनता ने जीत का रसगुल्ला ममता दीदी को ही खिलाया.
सामना में कहा गया कि असम की जीत बीजेपी के लिए संजीवनी लेकर आई है. बिहार में मिली हार से अंदर तक घुसा हुआ कांटा इस जीत ने निकाला है. स्थानीय दलों का प्रभाव राष्ट्रीय दलों के लोकप्रिय नेता कदापि कम नहीं कर सकते, यह एक बार फिर सिद्ध हो चुका है.
पश्चिम बंगाल में बीजेपी ने खाता खोला इस पर ही उसे संतृष्टि माननी होती तो उसके लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और पूरी बीजेपी सरकार को अपनी प्रतिष्ठा लगाने की जरूरत नहीं थी.
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महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ सत्ता का सुख भोग रही शिवसेना आजकल किसी भी मौके पर केंद्र सरकार पर हमला बोलने से नहीं चूकती. गुरुवार को आए पांच राज्यों के नतीजों को लेकर बीजेपी भले ही अपनी पीठ थपथपाए, लेकिन उसके साथी दल शिवसेना ने उस पर निशाना साधा है.
शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में बीजेपी पर तीखा वार किया है. शिवसेना ने कहा कि क्षेत्रीय दलों का प्रभाव बढ़ रहा है, बीजेपी को इस सत्य को स्वीकारना होगा. केरल में उनका खाता खुला, यही उनके लिए अच्छे दिन हैं. शिवसेना ने कहा कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने ममता मुक्त पश्चिम बंगाल का नारा दिया था.
उन्होंने कहा था कि ममता के राज में भ्रष्टाचार, आतंकवाद, गुंडागर्दी बढ़ी है. शाह ने इतना तक कहा था कि पश्चिम बंगाल आंतकवाद और बम का कारखाना बन चुका है. लेकिन बंगाली जनता ने जीत का रसगुल्ला ममता दीदी को ही खिलाया.
सामना में कहा गया कि असम की जीत बीजेपी के लिए संजीवनी लेकर आई है. बिहार में मिली हार से अंदर तक घुसा हुआ कांटा इस जीत ने निकाला है. स्थानीय दलों का प्रभाव राष्ट्रीय दलों के लोकप्रिय नेता कदापि कम नहीं कर सकते, यह एक बार फिर सिद्ध हो चुका है.
पश्चिम बंगाल में बीजेपी ने खाता खोला इस पर ही उसे संतृष्टि माननी होती तो उसके लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और पूरी बीजेपी सरकार को अपनी प्रतिष्ठा लगाने की जरूरत नहीं थी.

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