सरकार से मांगा 10 करोड़ का जुर्माना, जेल में बच्चे को जन्म देने वाली महिला ने


वीजा उल्लंघन में दोषी पाई गई उज्बेकिस्तान की एक महिला ने मध्य प्रदेश सरकार के खिलाफ जिला अदालत में आवेदन देकर 10 करोड़ रुपए का हर्जाना मांगा है। महिला के अनुसार,’यह जानते हुए कि मैं प्रेग्नेंट हूं, पुलिस मेरे साथ गलत तरीके से पेश आई।
मल्हार मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उज्बेकिस्तान की डी जुरायवा बार्नो ने आरोप लगाया-‘मिसरोद पुलिस की लापरवाही की वजह से मुझे अपनी बेटी को भोपाल में जन्म देना पड़ा। पुलिस यदि मेरी मदद करती और वक्त पर उज्बेकिस्तान एंबेसी से बात कर लेती, तो मुझे जेल में नहीं रहना पड़ता।
बार्नो ने अपने आवेदन में यह भी लिखा-‘उज्जैन कुंभ खत्म होने से पहले मैं अपनी बच्ची के नामकरण और मुंडन के लिए सिंहस्थ जाना चाहती हूं। बार्नो ने मप्र सरकार से हर्जाने के तौर पर अपनी बच्ची के लिए उज्बेकिस्तान की सिटीजनशिप दिलाने, गुजर-बसर करने और वापस अपने देश भेजे जाने के लिए 10 करोड़ रुपए की मांग की है।
जेल में बंद महिला जुरायवा बार्नो पिछले कई दिनों से अपने घर बात करना चाहती थी। वह चाहती थी कि वह अपने बच्चे को अपने देश में ही जन्म दे, लेकिन उज्बेकिस्तान सरकार से उसे वापस बुलाने के लिए कोई मदद अब तक नहीं मिली है। महिला ने 6 मार्च को बेटी को जन्म दिया था। ज्ञातव्य है कि उज्बेकिस्तान निवासी 35 साल की डी जुरायवा बार्नो पर्यटन वीजा पर अगस्त में नेपाल आई थीं।
वहां पर कुछ लोगों ने उसे बहला-फुसलाकर नशीला पदार्थ खिला दिया, जिससे वह बेहोश हो गईं। जब उसे होश आया तो उसने खुद को दिल्ली में पाया। इसके बाद वह एक परिचित के साथ भोपाल आ गई। उसके साथ 8 दिसंबर को एसएसपी ऑफिस पहुंची।
तब दोनों को अगले दिन आने के लिए कहा गया। 9 दिसंबर को दोनों को मिसरोद थाने भेज दिया गया। पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक उज्बेकिस्तान निवासी महिला जुरायवा टूरिज्म वीजा पर 13 से 28 अगस्त 2014 तक के लिए नेपाल गई थी। फॉरेनर एक्ट की धारा 14- क के उल्लंघन में उसे गिरफ्तार किया गया।
अस्पताल के अधीक्षक डॉ. करण पीपरे के मुताबिक परिजनों कर बेटी के जन्म की सूचना पहुंचा दी गई है। महिला के पति का नाम राल्वसन है। यह स्पष्ट नहीं है कि वह अपने पति के साथ रह रही थी या नहीं।
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वीजा उल्लंघन में दोषी पाई गई उज्बेकिस्तान की एक महिला ने मध्य प्रदेश सरकार के खिलाफ जिला अदालत में आवेदन देकर 10 करोड़ रुपए का हर्जाना मांगा है। महिला के अनुसार,’यह जानते हुए कि मैं प्रेग्नेंट हूं, पुलिस मेरे साथ गलत तरीके से पेश आई।
मल्हार मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उज्बेकिस्तान की डी जुरायवा बार्नो ने आरोप लगाया-‘मिसरोद पुलिस की लापरवाही की वजह से मुझे अपनी बेटी को भोपाल में जन्म देना पड़ा। पुलिस यदि मेरी मदद करती और वक्त पर उज्बेकिस्तान एंबेसी से बात कर लेती, तो मुझे जेल में नहीं रहना पड़ता।
बार्नो ने अपने आवेदन में यह भी लिखा-‘उज्जैन कुंभ खत्म होने से पहले मैं अपनी बच्ची के नामकरण और मुंडन के लिए सिंहस्थ जाना चाहती हूं। बार्नो ने मप्र सरकार से हर्जाने के तौर पर अपनी बच्ची के लिए उज्बेकिस्तान की सिटीजनशिप दिलाने, गुजर-बसर करने और वापस अपने देश भेजे जाने के लिए 10 करोड़ रुपए की मांग की है।
जेल में बंद महिला जुरायवा बार्नो पिछले कई दिनों से अपने घर बात करना चाहती थी। वह चाहती थी कि वह अपने बच्चे को अपने देश में ही जन्म दे, लेकिन उज्बेकिस्तान सरकार से उसे वापस बुलाने के लिए कोई मदद अब तक नहीं मिली है। महिला ने 6 मार्च को बेटी को जन्म दिया था। ज्ञातव्य है कि उज्बेकिस्तान निवासी 35 साल की डी जुरायवा बार्नो पर्यटन वीजा पर अगस्त में नेपाल आई थीं।
वहां पर कुछ लोगों ने उसे बहला-फुसलाकर नशीला पदार्थ खिला दिया, जिससे वह बेहोश हो गईं। जब उसे होश आया तो उसने खुद को दिल्ली में पाया। इसके बाद वह एक परिचित के साथ भोपाल आ गई। उसके साथ 8 दिसंबर को एसएसपी ऑफिस पहुंची।
तब दोनों को अगले दिन आने के लिए कहा गया। 9 दिसंबर को दोनों को मिसरोद थाने भेज दिया गया। पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक उज्बेकिस्तान निवासी महिला जुरायवा टूरिज्म वीजा पर 13 से 28 अगस्त 2014 तक के लिए नेपाल गई थी। फॉरेनर एक्ट की धारा 14- क के उल्लंघन में उसे गिरफ्तार किया गया।
अस्पताल के अधीक्षक डॉ. करण पीपरे के मुताबिक परिजनों कर बेटी के जन्म की सूचना पहुंचा दी गई है। महिला के पति का नाम राल्वसन है। यह स्पष्ट नहीं है कि वह अपने पति के साथ रह रही थी या नहीं।

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