रोजगार के लिए हरसंभव प्रयास जारी है मेरा : मोदी




प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दो साल के अनुभवों का शेयर किया. पीएम मोदी ने कहा कि मुझे आर्थिक समस्याएं विरासत में मिली थी. मैंने उसे सुलझाने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि हम पड़ोसियों के साथ बेहतर रिश्ते चाहते हैं. हमारी विदेश नीति को नयी दिशा मिली है. आज भारत विश्वमंच में कोने में खड़ा नहीं है, बल्कि मजबूती से आगे बढ़ रहा है.
नौकरियां उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयास जारी करुंगा 
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘जब मैं सरकार में आया, तो मैं विशेषज्ञों के साथ बैठा और उनसे बडे सुधार यानी बिग बैंग को परिभाषित करने को कहा, लेकिन कोई मुझे इसके बारे में नहीं बता पाया.' लेकिन इसके साथ ही मोदी ने जोडा अभी काफी कुछ करने की जरूरत है. प्रधानमंत्री ने हिंदी में कहा, ‘‘मेरे सामने अभी काफी बडा काम पड़ा है.' प्रधानमंत्री ने कहा कि सत्ता में आने के बाद उनकी सरकार ने और अर्थव्यवस्था को विदेशी निवेश के लिए खोला, भ्रष्टाचार पर अंकुश के लिए बदलाव किए, ग्रामीण बुनियादी ढांचे में कमी को पाटा और कारोबार करने की स्थिति को सुगम किया. 

मोदी ने देश में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के महत्व को भी रेखांकित किया. मोदी ने कहा, ‘‘किसी भी विकासशील देश में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. आप अचानक से सरकारी क्षेत्र को समाप्त नहीं कर सकते, न ही आपको ऐसा करना चाहिए.' 
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि रक्षा विनिर्माण क्षेत्र को न केवल आयात को कम करना चाहिए बल्कि रोजगार का भी सृजन करना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक रक्षा क्षेत्र का सवाल है, निश्चित रूप से भारत रक्षा विनिर्माण में आगे बढना चाहता है, क्योंकि इस मामले में आयात पर हमारी निर्भरता अधिक है.' मोदी ने कहा, ‘‘यदि हम आर्थिक दृष्टि से सोचें, अपने देश की युवा आबादी को रोजगार उपलब्ध कराने के बारे में सोचें, तो रक्षा विनिर्माण क्षेत्र मेरे देश के युवाओं को अधिकतम नौकरियां उपलब्ध करा सकता है. इसके लिए मैं काफी दिनों से कडी मेहनत कर रहा हूं. मैं अन्य देशों से भी बातचीत करुंगा.

पड़ोसियों से बेहतर संबंध रखना चाहता हुं
'विदेश नीति के बारे में मोदी ने कहा कि उनकी सरकार पडोसी देशों के साथ काफी नजदीकी संबंध स्थापित करना चाहती है, इसके लिए वह (मोदी) व्यक्तिगत पहल कर रहे हैं. मोदी ने कहा, ‘‘आप जानते हैं कि जब मेरी सरकार सत्ता में आई तो मैंने पहल करते हुए सभी देशों के प्रमुखों, सभी दक्षेस देशों को अपने शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया था. मैंने प्रधानमंत्री बनने से पहले ही अपनी यह मंशा स्पष्ट कर दी थी कि हम अपने सभी पडोसियों के साथ करीबी रिश्ते स्थापित करना चाहते हैं.
मोदी ने पडोसी देशों विशेषरूप से पाकिस्तान के साथ संबंधों पर एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘भारत के लिए मैं जो विकास चाहता हूं, वहीं मैं पडोसियों के लिए भी चाहता हूं. इसी वजह से मैं हाल में लाहौर गया था. पडोसियों के साथ संबंध सुधारना मेरी अपनी पहल है.' प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के मुद्दे पर भी बोला. उन्होंने ‘‘हां आतंकवाद पूरी दुनिया के लिए चिंता की बात है. हम आतंकवाद के मुद्दे पर समझौता नहीं कर सकते, न ही हमें करना चाहिए. दुनिया में जहां भी आतंकवाद है हम उसके खिलाफ खड़े हैं.' अपनी अमेरिका की अगले महीने की यात्रा तथा राष्ट्रपति बराक ओबामा से संबंधों पर मोदी ने कहा, ‘‘हमारे बीच ऐसी दोस्ती हो गई है जिससे हम एक-दूसरे से खुलकर बात कर सकते हैं.

मोदी और ओबामा के बीच बैठक व्हाइट हाउस में आगामी सात जून को होनी है. मोदी ने अपने दो साल के कार्यकाल में अच्छा खासा समय वैश्विक नेताओं से संबंध मजबूत करने में बिताया है. प्रधानमंत्री का मानना है कि अब विश्वमंच पर अब भारत किसी कोने में नहीं खडा है. उन्हें उम्मीद है कि वैश्विक स्तर पर भारत और मजबूती से खडा दिखाई देगा. मोदी ने कहा, ‘‘आज पहले की तरह भारत किसी कोने में खडा दिखाई नहीं देता है.' उन्होंने चीन के साथ किसी विवाद को खारिज करते हुए दोनों राष्ट्रों के बीच व्यापार और राजनयिक आदान प्रदान में बढ़ोतरी का हवाला दिया.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दो साल के अनुभवों का शेयर किया. पीएम मोदी ने कहा कि मुझे आर्थिक समस्याएं विरासत में मिली थी. मैंने उसे सुलझाने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि हम पड़ोसियों के साथ बेहतर रिश्ते चाहते हैं. हमारी विदेश नीति को नयी दिशा मिली है. आज भारत विश्वमंच में कोने में खड़ा नहीं है, बल्कि मजबूती से आगे बढ़ रहा है.
नौकरियां उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयास जारी करुंगा 
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘जब मैं सरकार में आया, तो मैं विशेषज्ञों के साथ बैठा और उनसे बडे सुधार यानी बिग बैंग को परिभाषित करने को कहा, लेकिन कोई मुझे इसके बारे में नहीं बता पाया.' लेकिन इसके साथ ही मोदी ने जोडा अभी काफी कुछ करने की जरूरत है. प्रधानमंत्री ने हिंदी में कहा, ‘‘मेरे सामने अभी काफी बडा काम पड़ा है.' प्रधानमंत्री ने कहा कि सत्ता में आने के बाद उनकी सरकार ने और अर्थव्यवस्था को विदेशी निवेश के लिए खोला, भ्रष्टाचार पर अंकुश के लिए बदलाव किए, ग्रामीण बुनियादी ढांचे में कमी को पाटा और कारोबार करने की स्थिति को सुगम किया. 

मोदी ने देश में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के महत्व को भी रेखांकित किया. मोदी ने कहा, ‘‘किसी भी विकासशील देश में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. आप अचानक से सरकारी क्षेत्र को समाप्त नहीं कर सकते, न ही आपको ऐसा करना चाहिए.' 
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि रक्षा विनिर्माण क्षेत्र को न केवल आयात को कम करना चाहिए बल्कि रोजगार का भी सृजन करना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक रक्षा क्षेत्र का सवाल है, निश्चित रूप से भारत रक्षा विनिर्माण में आगे बढना चाहता है, क्योंकि इस मामले में आयात पर हमारी निर्भरता अधिक है.' मोदी ने कहा, ‘‘यदि हम आर्थिक दृष्टि से सोचें, अपने देश की युवा आबादी को रोजगार उपलब्ध कराने के बारे में सोचें, तो रक्षा विनिर्माण क्षेत्र मेरे देश के युवाओं को अधिकतम नौकरियां उपलब्ध करा सकता है. इसके लिए मैं काफी दिनों से कडी मेहनत कर रहा हूं. मैं अन्य देशों से भी बातचीत करुंगा.

पड़ोसियों से बेहतर संबंध रखना चाहता हुं
'विदेश नीति के बारे में मोदी ने कहा कि उनकी सरकार पडोसी देशों के साथ काफी नजदीकी संबंध स्थापित करना चाहती है, इसके लिए वह (मोदी) व्यक्तिगत पहल कर रहे हैं. मोदी ने कहा, ‘‘आप जानते हैं कि जब मेरी सरकार सत्ता में आई तो मैंने पहल करते हुए सभी देशों के प्रमुखों, सभी दक्षेस देशों को अपने शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया था. मैंने प्रधानमंत्री बनने से पहले ही अपनी यह मंशा स्पष्ट कर दी थी कि हम अपने सभी पडोसियों के साथ करीबी रिश्ते स्थापित करना चाहते हैं.
मोदी ने पडोसी देशों विशेषरूप से पाकिस्तान के साथ संबंधों पर एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘भारत के लिए मैं जो विकास चाहता हूं, वहीं मैं पडोसियों के लिए भी चाहता हूं. इसी वजह से मैं हाल में लाहौर गया था. पडोसियों के साथ संबंध सुधारना मेरी अपनी पहल है.' प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के मुद्दे पर भी बोला. उन्होंने ‘‘हां आतंकवाद पूरी दुनिया के लिए चिंता की बात है. हम आतंकवाद के मुद्दे पर समझौता नहीं कर सकते, न ही हमें करना चाहिए. दुनिया में जहां भी आतंकवाद है हम उसके खिलाफ खड़े हैं.' अपनी अमेरिका की अगले महीने की यात्रा तथा राष्ट्रपति बराक ओबामा से संबंधों पर मोदी ने कहा, ‘‘हमारे बीच ऐसी दोस्ती हो गई है जिससे हम एक-दूसरे से खुलकर बात कर सकते हैं.

मोदी और ओबामा के बीच बैठक व्हाइट हाउस में आगामी सात जून को होनी है. मोदी ने अपने दो साल के कार्यकाल में अच्छा खासा समय वैश्विक नेताओं से संबंध मजबूत करने में बिताया है. प्रधानमंत्री का मानना है कि अब विश्वमंच पर अब भारत किसी कोने में नहीं खडा है. उन्हें उम्मीद है कि वैश्विक स्तर पर भारत और मजबूती से खडा दिखाई देगा. मोदी ने कहा, ‘‘आज पहले की तरह भारत किसी कोने में खडा दिखाई नहीं देता है.' उन्होंने चीन के साथ किसी विवाद को खारिज करते हुए दोनों राष्ट्रों के बीच व्यापार और राजनयिक आदान प्रदान में बढ़ोतरी का हवाला दिया.

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