डेढ़ मिलियन से अधिक कॉपियां कुरान करीम की बाटी सऊदी अरब ने


इस्लामी सैद्धांतिक परिषद के चेयरमैन मौलाना मोहम्मद खान शीरानी का कहना है कि इस्लाम में औरत पर हिंसा की अनुमति नहीं है।इस्लामी सैद्धांतिक परिषद के तीन दिवसीय सम्मेलन का दूसरा दौर चेयरमैन मौलाना मोहम्मद खान शीरानी की अध्यक्षता में हुआ।
बैठक के बाद बीबीसी के अनुसार मौलाना मोहम्मद शीरानी ने कहा कि तादीब के हवाले से विभिन्न चरण हैं। ‘पहला है कि पति पत्नी को समझाए। अगर न माने तो एक ही बिस्तर पर सोते हुए पत्नी से मुँह मोड़ ले। अगर फिर भी पत्नी न माने तो बिस्तर अलग कर ले। इस सवाल पर कि अगर पत्नी फिर भी न माने तो हिंसा की अनुमति है तो मौलाना शीरानी ने कहा कि अगर पत्नी फिर भी न माने तो तब भी हाथ उठाने की अनुमति नहीं है। 
एक और सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में कोई आदमी पत्नी पर हाथ नहीं उठाता। ‘यह सब पश्चिम प्रचार है। हमारे आदिवासी क्षेत्रों में तो अगर औरत बाहर आए तो युद्ध रोक दिया जाता है। इससे पहले प्रेस कांफ्रेंस करते हुए मौलाना शीरानी ने कहा कि अगर औरत मुर्तद हो जाये तो उसे जेल हो सकती है मगर अगर मर्द हो तो वह प्राणदण्ड के योग्य है। उन्होंने कहा कि इस्लामी सैद्धांतिक परिषद महिलाओं के अधिकारों को लेकर खैबर पख्तूनख्वा और पंजाब के नारीवादी के बिल और कानून खारिज किए हैं।
उनका कहना था कि खैबर पख्तूनख्वा सरकार ने इस विधेयक का मसौदा इस्लामी सैद्धांतिक परिषद से साझा किया है जबकि पंजाब सरकार ने कानून का मसौदा शेयर नहीं किया और हम ने खुद हासिल किया। उनका कहना था कि इस्लामी सैद्धांतिक परिषद ने खैबर पख्तूनख्वा के मसौदे और पंजाब के कानून को खारिज किया है। मौलाना शीरानी के अनुसार इस बिल की तैयारी में परिषद के सदस्य मुफ्ती इमदादूल्लाह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।


उनका कहना था कि यह बिल अभी पूरा नहीं हुआ और अगली बैठक में इस पर आगे विचार किया जाएगा। उनका कहना था कि औरत अगर पत्नी के रूप में है तो वह चाहे जितनी भी अमीर हो उसकी आर्थिक जिम्मेदारियों पति पर आती हैं। मौलाना शीरानी ने कहा कि महिला रक्षा मामलों में जिम्मेदार नहीं है लेकिन यह सही है कि रक्षा प्रशिक्षण को दी जाए ताकि वह अपनी इज़्ज़त और सम्मान की रक्षा कर सके। हालांकि पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार पाकिस्तान की इस्लामी सैद्धांतिक परिषद की बैठक में सुरक्षा नारीवादी के प्रस्तावित विधेयक का मसौदा तैयार कर लिया गया है। सुरक्षा नारीवादी के हवाले से 163 प्रावधानों का सुझाव तैयार की गई हैं। सुरक्षा नारीवादी बिल के मसौदे में पत्नी को ‘हल्की मारपीट’ की अनुमति, मिश्रित शिक्षा, महिला नर्सों से पुरुष मरीजों की तीमारदारी और ‘अश्लील’ विज्ञापन में महिलाओं के काम करने पर प्रतिबंध सुझावों के अलावा महिलाओं के संपत्ति के अधिकार, धर्म परिवर्तन और शादी से संबंधित कानूनों की भी सुझाव दिया गया है।
Share on Google Plus

About Unknown

0 comments:

/ / / डेढ़ मिलियन से अधिक कॉपियां कुरान करीम की बाटी सऊदी अरब ने


इस्लामी सैद्धांतिक परिषद के चेयरमैन मौलाना मोहम्मद खान शीरानी का कहना है कि इस्लाम में औरत पर हिंसा की अनुमति नहीं है।इस्लामी सैद्धांतिक परिषद के तीन दिवसीय सम्मेलन का दूसरा दौर चेयरमैन मौलाना मोहम्मद खान शीरानी की अध्यक्षता में हुआ।
बैठक के बाद बीबीसी के अनुसार मौलाना मोहम्मद शीरानी ने कहा कि तादीब के हवाले से विभिन्न चरण हैं। ‘पहला है कि पति पत्नी को समझाए। अगर न माने तो एक ही बिस्तर पर सोते हुए पत्नी से मुँह मोड़ ले। अगर फिर भी पत्नी न माने तो बिस्तर अलग कर ले। इस सवाल पर कि अगर पत्नी फिर भी न माने तो हिंसा की अनुमति है तो मौलाना शीरानी ने कहा कि अगर पत्नी फिर भी न माने तो तब भी हाथ उठाने की अनुमति नहीं है। 
एक और सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में कोई आदमी पत्नी पर हाथ नहीं उठाता। ‘यह सब पश्चिम प्रचार है। हमारे आदिवासी क्षेत्रों में तो अगर औरत बाहर आए तो युद्ध रोक दिया जाता है। इससे पहले प्रेस कांफ्रेंस करते हुए मौलाना शीरानी ने कहा कि अगर औरत मुर्तद हो जाये तो उसे जेल हो सकती है मगर अगर मर्द हो तो वह प्राणदण्ड के योग्य है। उन्होंने कहा कि इस्लामी सैद्धांतिक परिषद महिलाओं के अधिकारों को लेकर खैबर पख्तूनख्वा और पंजाब के नारीवादी के बिल और कानून खारिज किए हैं।
उनका कहना था कि खैबर पख्तूनख्वा सरकार ने इस विधेयक का मसौदा इस्लामी सैद्धांतिक परिषद से साझा किया है जबकि पंजाब सरकार ने कानून का मसौदा शेयर नहीं किया और हम ने खुद हासिल किया। उनका कहना था कि इस्लामी सैद्धांतिक परिषद ने खैबर पख्तूनख्वा के मसौदे और पंजाब के कानून को खारिज किया है। मौलाना शीरानी के अनुसार इस बिल की तैयारी में परिषद के सदस्य मुफ्ती इमदादूल्लाह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।


उनका कहना था कि यह बिल अभी पूरा नहीं हुआ और अगली बैठक में इस पर आगे विचार किया जाएगा। उनका कहना था कि औरत अगर पत्नी के रूप में है तो वह चाहे जितनी भी अमीर हो उसकी आर्थिक जिम्मेदारियों पति पर आती हैं। मौलाना शीरानी ने कहा कि महिला रक्षा मामलों में जिम्मेदार नहीं है लेकिन यह सही है कि रक्षा प्रशिक्षण को दी जाए ताकि वह अपनी इज़्ज़त और सम्मान की रक्षा कर सके। हालांकि पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार पाकिस्तान की इस्लामी सैद्धांतिक परिषद की बैठक में सुरक्षा नारीवादी के प्रस्तावित विधेयक का मसौदा तैयार कर लिया गया है। सुरक्षा नारीवादी के हवाले से 163 प्रावधानों का सुझाव तैयार की गई हैं। सुरक्षा नारीवादी बिल के मसौदे में पत्नी को ‘हल्की मारपीट’ की अनुमति, मिश्रित शिक्षा, महिला नर्सों से पुरुष मरीजों की तीमारदारी और ‘अश्लील’ विज्ञापन में महिलाओं के काम करने पर प्रतिबंध सुझावों के अलावा महिलाओं के संपत्ति के अधिकार, धर्म परिवर्तन और शादी से संबंधित कानूनों की भी सुझाव दिया गया है।

«
Next

Newer Post

»
Previous

Older Post

About Unknown

This is a short description in the author block about the author. You edit it by entering text in the "Biographical Info" field in the user admin panel.

No comments :