17 लोगों ने अपनाया फिर से दीन-ए-इस्लाम

आगरा। उत्तर प्रदेश में एक बार फिर धर्मांतरण का मामला सामने आया है।मुस्लिम से हिंदू बने 17 लोगों ने शुक्रवार को दोबारा मुस्लिम धर्म अपना लिया। जानकारी के मुताबिक इन्होंने 15 दिसंबर 2014 को हिंदू धर्म अपनाया था। शुक्रवार को इन सभी को शहर मुफ्ती अहले सुन्‍नत मुदर्स्सिर खान कादरी और तंजीम उलेमा अहले सुन्‍नत के पदाधिकारी इस्‍लामुद्दीन कादरी ने एक शादी समारोह में कलमा पढ़वाया।मामला आगरा के अछनेरा ब्‍लॉक के महुअर लाठिया गांव का है।

दोबारा मुस्लिम बनने वालों में रहमत (70), उनका बेटा रवि उर्फ मोहम्मद आरिफ, पत्‍नी नफीसा, मुन्‍ना उर्फ अली मोहम्‍मद और पत्‍नी साजिया, राजू उर्फ शौकत और पत्‍नी सलमा, लियाकत और उनके बच्‍चे शामिल हैं। ये नट जाति के हैं।इस्लाम अपनाने के साथ ही उन्हें दोबारा निकाह भी करना पड़ा। धर्म परिवर्तन करने वाले रहमत ने बताया कि उनका समय खराब था जो हिन्‍दू बन गए थे।उस समय बेटों ने दबाव डाला था।रहमत के बेटे मुन्‍ना उर्फ अली मोहम्‍मद ने कहा कि हिन्‍दू नेता लव शुक्‍ला ने उन्हें जमीन दिलाने की बात कही थी।
वह गांव में सार्वजनिक जमीन पर झोपड़ी में रहते हैं। दिसंबर 2014 में यह जमीन दलितों को आवंटित कर दी गई थी।उस वक्‍त परिवार को यहां से बेदखल होने का खतरा महसूस होने लगा था।तब लव शुक्‍ला ने कहा था कि धर्म परिवर्तन कर लो और जमीन मिल जाएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

धर्म परिवर्तन के बाद से मुस्लिम नट बिरादरी ने उन्हें शादी और अन्‍य समारोहों में बुलाना बंद कर दिया था।
शुक्रवार को ये सभी रसुलपुर गांव में एक शादी समारोह में पहुंचे।वहां लोगों ने उनसे कहा कि इस्‍लाम धर्म कबूल करने पर ही शादी समारोह में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी।इसके बाद अचानक पूरे परिवार ने दोबारा मुस्लिम बनने का फैसला कर लिया। शहर मुफ्ती ने बताया कि इस्‍लाम धर्म को छोड़ते ही निकाह खारिज हो जाता है।इसलिए जब इन लोगों ने फिर से इस्‍लाम कबूल किया है तो इनका दोबारा निकाह पढ़ाया जा रहा है। 
निकाह कबूल करने के बाद अब वे शादीशुदा जिंदगी गुजार सकेंगे।अभी तक इनका साथ रहना हराम था।दोबारा मुस्लिम बनने वालों का कहना है कि शादी समारोह के दौरान ही शहर मुफ्ती को बुलाया गया।वहां उन्‍होंने रहमत और उसके बेटा रवि उर्फ मोहम्मद आरिफ को कलमा पढ़वाकर इस्‍लाम कबूल करवाया। इसके बाद सभी मिढाकुर स्थित मदरसा जिया-उल-उलूम में पहुंचे।यहां पर मुन्‍ना उर्फ अली मोहम्मद और शौकत भी पहुंचे।शहर मुफ्ती ने उन्‍हें कलमा पढ़ाया।इसके बाद मोहम्मद आरिफ और नफीसा का निकाह पढ़वाया गया।
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आगरा। उत्तर प्रदेश में एक बार फिर धर्मांतरण का मामला सामने आया है।मुस्लिम से हिंदू बने 17 लोगों ने शुक्रवार को दोबारा मुस्लिम धर्म अपना लिया। जानकारी के मुताबिक इन्होंने 15 दिसंबर 2014 को हिंदू धर्म अपनाया था। शुक्रवार को इन सभी को शहर मुफ्ती अहले सुन्‍नत मुदर्स्सिर खान कादरी और तंजीम उलेमा अहले सुन्‍नत के पदाधिकारी इस्‍लामुद्दीन कादरी ने एक शादी समारोह में कलमा पढ़वाया।मामला आगरा के अछनेरा ब्‍लॉक के महुअर लाठिया गांव का है।

दोबारा मुस्लिम बनने वालों में रहमत (70), उनका बेटा रवि उर्फ मोहम्मद आरिफ, पत्‍नी नफीसा, मुन्‍ना उर्फ अली मोहम्‍मद और पत्‍नी साजिया, राजू उर्फ शौकत और पत्‍नी सलमा, लियाकत और उनके बच्‍चे शामिल हैं। ये नट जाति के हैं।इस्लाम अपनाने के साथ ही उन्हें दोबारा निकाह भी करना पड़ा। धर्म परिवर्तन करने वाले रहमत ने बताया कि उनका समय खराब था जो हिन्‍दू बन गए थे।उस समय बेटों ने दबाव डाला था।रहमत के बेटे मुन्‍ना उर्फ अली मोहम्‍मद ने कहा कि हिन्‍दू नेता लव शुक्‍ला ने उन्हें जमीन दिलाने की बात कही थी।
वह गांव में सार्वजनिक जमीन पर झोपड़ी में रहते हैं। दिसंबर 2014 में यह जमीन दलितों को आवंटित कर दी गई थी।उस वक्‍त परिवार को यहां से बेदखल होने का खतरा महसूस होने लगा था।तब लव शुक्‍ला ने कहा था कि धर्म परिवर्तन कर लो और जमीन मिल जाएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

धर्म परिवर्तन के बाद से मुस्लिम नट बिरादरी ने उन्हें शादी और अन्‍य समारोहों में बुलाना बंद कर दिया था।
शुक्रवार को ये सभी रसुलपुर गांव में एक शादी समारोह में पहुंचे।वहां लोगों ने उनसे कहा कि इस्‍लाम धर्म कबूल करने पर ही शादी समारोह में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी।इसके बाद अचानक पूरे परिवार ने दोबारा मुस्लिम बनने का फैसला कर लिया। शहर मुफ्ती ने बताया कि इस्‍लाम धर्म को छोड़ते ही निकाह खारिज हो जाता है।इसलिए जब इन लोगों ने फिर से इस्‍लाम कबूल किया है तो इनका दोबारा निकाह पढ़ाया जा रहा है। 
निकाह कबूल करने के बाद अब वे शादीशुदा जिंदगी गुजार सकेंगे।अभी तक इनका साथ रहना हराम था।दोबारा मुस्लिम बनने वालों का कहना है कि शादी समारोह के दौरान ही शहर मुफ्ती को बुलाया गया।वहां उन्‍होंने रहमत और उसके बेटा रवि उर्फ मोहम्मद आरिफ को कलमा पढ़वाकर इस्‍लाम कबूल करवाया। इसके बाद सभी मिढाकुर स्थित मदरसा जिया-उल-उलूम में पहुंचे।यहां पर मुन्‍ना उर्फ अली मोहम्मद और शौकत भी पहुंचे।शहर मुफ्ती ने उन्‍हें कलमा पढ़ाया।इसके बाद मोहम्मद आरिफ और नफीसा का निकाह पढ़वाया गया।

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