
नई दिल्ली :- देशभर में कॉमन मेडिकल टेस्ट (NEET) पर बढ़ते विवाद के बीच केंद्र सरकार ने इसे अगले साल तक टालने का फैसला कर लिया है.
NEET पर अध्यादेश को कैबिनेट ने पास कर दिया है और स्वीकृति के लिए अब इसे राष्ट्रपति के पास भेज दिया है. सरकार NEET को एक साल के लिए आगे बढ़ाना चाहती है. सरकार का अध्यादेश सिर्फ राज्य सरकार द्वारा संचालित कॉलेजों पर लागू होगा,
प्राइवेट कॉलेजों पर नहीं. ऐसे में 24 जुलाई को सिर्फ निजी कॉलेजों के लिए परीक्षा होगी. इस मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अपील की है कि इस मामले में अध्यादेश न लाया जाए.
केजरीवाल ने पत्र में कहा है ‘कई सांसद और कई पार्टियों के नेता अपना प्राइवेट मेडिकल कॉलेज चला रहे हैं. ये सब नहीं चाहते कि ऐडमिशन में हो रही धांधली रुके.’ उन्होंने कहा ‘NEET पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सराहनीय है और देशभर के माता-पिताओं ने इसका स्वागत किया है.
लेकिन सुनने में आ रहा है कि केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को पलटने के लिए अध्यादेश ला रही है. अगर सरकार ऐसा करती है तो के देश के लोगों के साथ बहुत बड़ा धोखा होगा.’
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि 2016-17 से एमबीबीएस, बीडीएस के लिए NEET परीक्षा का आयोजन किया जाए. 1 मई को NEET परीक्षा का पहला चरण हुआ और 24 जुलाई को ‘नीट’ परीक्षा का दूसरा चरण होगा.
17 अगस्त को NEET परीक्षा के नतीजे आएंगे और 30 सितंबर तक दाखिले की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. राज्य सरकारों ने अलग प्रवेश परीक्षा की मांग के लिए अपील की थी जिसे खारिज कर दिया गया था. राज्यों की तरफ से इस प्रक्रिया में हो चुकी देरी का हवाला दिया जा रहा है.
सरकार खुद नहीं चाहती कि NEET पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को दरकिनार किया जाए लेकिन इस साल यह राज्य सरकारों के साथ-साथ अभ्यर्थियों के लिए भी परेशानी पैदा कर सकता है क्योंकि इसमें देरी हो चुकी है.
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