हाई कोर्ट ने कन्हैया को मिले दण्ड पर लगाई रोक, HC ने रखी शर्त -भविष्य में नहीं करेंगे कोई हड़ताल


दिल्ली हाई कोर्ट ने जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार, अर्निबान, उमर खालिद और कैंपस के दूसरे सभी स्टूडेंट्स के निलंबन और जुर्माने पर सशर्त रोक लाग दी है.
कोर्ट ने अपने फैसले में शुक्रवार को कहा कि आपको मिले दंड पर रोक लगाई जा रही है, लेकिन शर्त यह है कि भविष्य में कैंपस में आप कभी कोई हड़ताल या धरना प्रदर्शन नहीं करेंगे. कोर्ट ने कहा कि अगर आप हड़ताल खत्म कर रहे हैं और आगे भी कोई धरना नहीं देंगे तो कोर्ट यूनिवर्सिटी के उस आदेश पर तब तक रोक लगा रही है
जब तक कि कुलपति छात्रों की अपील का निपटारा नहीं कर लेते. जो
भी शिकायत होगी, छात्रों की अपील होगी, कुलपति उसका निपटारा करेंगे. अगर अपील के बाद हुए निर्णय से छात्र खुश नहीं होते हैं तो दो हफ्ते में दोबारा कोर्ट आ सकते हैं.'
हाई कोर्ट ने शर्तों के साथ सभी छात्रों और वकीलों से यह भी कहा कि आपको कोर्ट से राहत की उम्मीद तभी करनी चाहिए, जब आप कोर्ट का आदर करें और न्यायपालिका में विश्वास रखें. कन्हैया कुमार के वकीलों ने हाई कोर्ट से सुनवाई के दौरान कहा कि वो छात्रों के साथ स्ट्राइक खत्म करने को तैयार हैं,
बशर्ते जेएनयू इस बात का आस्वाशन दे कि छात्रों के खिलाफ कोई कारवाई नहीं की जाएगी. गौरतलब है कि कैंपस में देश विरोधी कार्यक्रम को लेकर जेएनयू प्रशासन ने कन्हैया कुमार पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है, जिसके खि‍लाफ वो कोर्ट पहुंचे. उमर खालिद और अर्निबान भी 3 दिन पहले हाई कोर्ट मे याचिका लगाई थी.
इसमें उन्होंने यूनिवर्सिटी से हुए निष्काषन को रद्द करने की मांग की थी. कोर्ट ने इस मामले मे दोनों को कोई राहत तो नहीं दी, लेकिन उमर के जुर्माने पर फिलहाल रोक लगा दी थी.
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दिल्ली हाई कोर्ट ने जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार, अर्निबान, उमर खालिद और कैंपस के दूसरे सभी स्टूडेंट्स के निलंबन और जुर्माने पर सशर्त रोक लाग दी है.
कोर्ट ने अपने फैसले में शुक्रवार को कहा कि आपको मिले दंड पर रोक लगाई जा रही है, लेकिन शर्त यह है कि भविष्य में कैंपस में आप कभी कोई हड़ताल या धरना प्रदर्शन नहीं करेंगे. कोर्ट ने कहा कि अगर आप हड़ताल खत्म कर रहे हैं और आगे भी कोई धरना नहीं देंगे तो कोर्ट यूनिवर्सिटी के उस आदेश पर तब तक रोक लगा रही है
जब तक कि कुलपति छात्रों की अपील का निपटारा नहीं कर लेते. जो
भी शिकायत होगी, छात्रों की अपील होगी, कुलपति उसका निपटारा करेंगे. अगर अपील के बाद हुए निर्णय से छात्र खुश नहीं होते हैं तो दो हफ्ते में दोबारा कोर्ट आ सकते हैं.'
हाई कोर्ट ने शर्तों के साथ सभी छात्रों और वकीलों से यह भी कहा कि आपको कोर्ट से राहत की उम्मीद तभी करनी चाहिए, जब आप कोर्ट का आदर करें और न्यायपालिका में विश्वास रखें. कन्हैया कुमार के वकीलों ने हाई कोर्ट से सुनवाई के दौरान कहा कि वो छात्रों के साथ स्ट्राइक खत्म करने को तैयार हैं,
बशर्ते जेएनयू इस बात का आस्वाशन दे कि छात्रों के खिलाफ कोई कारवाई नहीं की जाएगी. गौरतलब है कि कैंपस में देश विरोधी कार्यक्रम को लेकर जेएनयू प्रशासन ने कन्हैया कुमार पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है, जिसके खि‍लाफ वो कोर्ट पहुंचे. उमर खालिद और अर्निबान भी 3 दिन पहले हाई कोर्ट मे याचिका लगाई थी.
इसमें उन्होंने यूनिवर्सिटी से हुए निष्काषन को रद्द करने की मांग की थी. कोर्ट ने इस मामले मे दोनों को कोई राहत तो नहीं दी, लेकिन उमर के जुर्माने पर फिलहाल रोक लगा दी थी.

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