शराब कारोबारियों ने कहा काले झंडे दिखाकर विरोध करेंगे, UP दौरे पर नीतीश


लखनऊ.नीतीश कुमार रविवार को लखनऊ आ रहे हैं। उनके इस दौरे का मकसद बिहार की तरह यूपी में भी शराब पर बैन लगवाना है। लेकिन नीतीश के इस प्रोग्राम का शराब कारोबारी विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि वे बिहार के सीएम को काले झंडे दिखाएंगे।
लखनऊ शराब एसोसिएशन का कहना है कि अगर यूपी में शराब बैन की जाती है तो इससे लाखों लोगों के सामने रोजी-रोटी का सवाल पैदा हो जाएगा। राजनीतिक फायदे के लिए शराब बैन कर रहे हैं नीतीश


 - एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी कन्‍हैया लाल मौर्या ने बताया कि वे लोग नीतीश को काले झंडे दिखाएंगे।
- मौर्या के अनुसार वे लोग इसलिए विरोध कर रहे हैं क्‍योंकि नीतीश राजनीतिक फायदे के लिए शराब को बैन कर रहे हैं।
- यूपी में शराब और भांग की करीब 27 हजार दुकानें हैं। लगभग 20 लाख लोग इस बिजनेस से जुड़े हैं।
- शराबबंदी करने से इन लोगों की रोजी-रोटी प्रभावित हो जाएगी। 
- मौर्या ने कहा कि शराब पर बैन होने से यूपी के सरकारी खजाने को नुकसान उठाना पड़ेगा।
- जबकि 2016-17 में शराब की सेल से 19 हजार 250 करोड़ का रेवन्‍यू टारगेट रखा गया है।
- उन्‍होंने कहा कि ऐसे कई दूसरे माध्‍यम हैं, जिसके जरिए शराब की खपत में कमी की जा सकती है।
- जैसे एड के जरिए अवेयरनेस क्रिएट करना या वॉर्निंग मैसेजेस देना।
- लेकिन शराब की सेल को बैन करना कोई सॉल्‍यूशन नहीं है।
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लखनऊ.नीतीश कुमार रविवार को लखनऊ आ रहे हैं। उनके इस दौरे का मकसद बिहार की तरह यूपी में भी शराब पर बैन लगवाना है। लेकिन नीतीश के इस प्रोग्राम का शराब कारोबारी विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि वे बिहार के सीएम को काले झंडे दिखाएंगे।
लखनऊ शराब एसोसिएशन का कहना है कि अगर यूपी में शराब बैन की जाती है तो इससे लाखों लोगों के सामने रोजी-रोटी का सवाल पैदा हो जाएगा। राजनीतिक फायदे के लिए शराब बैन कर रहे हैं नीतीश


 - एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी कन्‍हैया लाल मौर्या ने बताया कि वे लोग नीतीश को काले झंडे दिखाएंगे।
- मौर्या के अनुसार वे लोग इसलिए विरोध कर रहे हैं क्‍योंकि नीतीश राजनीतिक फायदे के लिए शराब को बैन कर रहे हैं।
- यूपी में शराब और भांग की करीब 27 हजार दुकानें हैं। लगभग 20 लाख लोग इस बिजनेस से जुड़े हैं।
- शराबबंदी करने से इन लोगों की रोजी-रोटी प्रभावित हो जाएगी। 
- मौर्या ने कहा कि शराब पर बैन होने से यूपी के सरकारी खजाने को नुकसान उठाना पड़ेगा।
- जबकि 2016-17 में शराब की सेल से 19 हजार 250 करोड़ का रेवन्‍यू टारगेट रखा गया है।
- उन्‍होंने कहा कि ऐसे कई दूसरे माध्‍यम हैं, जिसके जरिए शराब की खपत में कमी की जा सकती है।
- जैसे एड के जरिए अवेयरनेस क्रिएट करना या वॉर्निंग मैसेजेस देना।
- लेकिन शराब की सेल को बैन करना कोई सॉल्‍यूशन नहीं है।

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