हिट एंड रन मामले में घायल हुए व्यक्ति ने खान को बरी करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी


अभिनेता सलमान खान से जुड़े वर्ष 2002 के हिट एंड रन मामले में घायल हुए एक व्यक्ति ने गुरुवार को बॉम्बे हाई कोर्ट के खान को बरी करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी.
विशेष अनुमति याचिका "एसएलपी" में हाई कोर्ट के फैसले को खारिज करने और खान एवं महाराष्ट्र सरकार को याचिकाकर्ता नियामत शेख एवं उनके परिवार को मुआवजा देने के निर्देश का अनुरोध किया गया.
खान को बरी करने को चुनौती देने वाली महाराष्ट्र सरकार की मुख्य याचिका को शीर्ष अदालत के सामने शुक्रवार को सुनवाई के लिए रखा गया है. घायल व्यक्ति द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया कि हाईकोर्ट ने पुलिस तथा निचली अदालत के सामने याचिकाकर्ता के बयान के संबंध में मजबूत बिन्दुओं को नजरअंदाज करते हुए खान को गलत तरीके से बरी किया.
निचली अदालत ने खान को पांच साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी. व्यक्ति का नाम नियामत शेख है. जो फिलहाल उत्तर प्रदेश के गोंडा में रह रहा है. सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर महाराष्ट्र सरकार की याचिका के साथ ही सुनवाई करेगी.
याचिका में कहा गया कि उच्च न्यायालय के फैसले में कई अन्य विसंगतियां एवं कमियां हैं और प्रतिवादी (खान) को IPC की धारा 304 सेक्शन दो के तहत गैरइरादतन हत्या के अपराध में सजा होनी चाहिए. महाराष्ट्र सरकार खान के बरी करने के फैसले को पहले ही चुनौती दे चुकी है और उसने निचली अदालत का फैसला बहाल करने का अनुरोध किया है.
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अभिनेता सलमान खान से जुड़े वर्ष 2002 के हिट एंड रन मामले में घायल हुए एक व्यक्ति ने गुरुवार को बॉम्बे हाई कोर्ट के खान को बरी करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी.
विशेष अनुमति याचिका "एसएलपी" में हाई कोर्ट के फैसले को खारिज करने और खान एवं महाराष्ट्र सरकार को याचिकाकर्ता नियामत शेख एवं उनके परिवार को मुआवजा देने के निर्देश का अनुरोध किया गया.
खान को बरी करने को चुनौती देने वाली महाराष्ट्र सरकार की मुख्य याचिका को शीर्ष अदालत के सामने शुक्रवार को सुनवाई के लिए रखा गया है. घायल व्यक्ति द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया कि हाईकोर्ट ने पुलिस तथा निचली अदालत के सामने याचिकाकर्ता के बयान के संबंध में मजबूत बिन्दुओं को नजरअंदाज करते हुए खान को गलत तरीके से बरी किया.
निचली अदालत ने खान को पांच साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी. व्यक्ति का नाम नियामत शेख है. जो फिलहाल उत्तर प्रदेश के गोंडा में रह रहा है. सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर महाराष्ट्र सरकार की याचिका के साथ ही सुनवाई करेगी.
याचिका में कहा गया कि उच्च न्यायालय के फैसले में कई अन्य विसंगतियां एवं कमियां हैं और प्रतिवादी (खान) को IPC की धारा 304 सेक्शन दो के तहत गैरइरादतन हत्या के अपराध में सजा होनी चाहिए. महाराष्ट्र सरकार खान के बरी करने के फैसले को पहले ही चुनौती दे चुकी है और उसने निचली अदालत का फैसला बहाल करने का अनुरोध किया है.

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