बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यूपी में विधानसभा चुनाव की आहट के बीच गुरुवार को वाराणसी में रैली कर 'मिशन यूपी' की शुरुआत की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में संबोधन के दौरान उन्होंने मंच से शराबबंदी का मुद्दा उठाया.
मोदी और बीजेपी को निशाने पर लेते हुए उन्होंने सवाल किया कि प्रधानमंत्री बीजेपी शासित राज्यों में शराब पर पाबंदी क्यों नहीं लगाते. यही नहीं, उन्होंने बीजेपी पर जनता को ठगने और वादाखिलाफी का आरोप भी लगाया. नीतीश कुमार ने कहा, 'बिहार में शराबबंदी सफल रही है. अब समय आ गया है कि दूसरे राज्य भी शराबबंदी को अमल में लाएं. शराब पर पाबंदी महिलाओं की मांग थी.
झारखंड से भी महिलाओं के समूह ने मुझे बुलाया था. 15 मई को मैं शराबबंदी के समर्थन में लखनऊ आ रहा हूं. हम अब यूपी में भी अपने विस्तार की योजना बना रहे हैं. मैं प्रधानमंत्री ने पूछता हूं कि वो बीजेपी शासित राज्यों में शराबबंदी क्यों नहीं लागू करते हैं.
नीतीश कुमार ने आगे बोलते हुए कहा शराबबंदी से महिलाएं, बच्चे सब खुश हैं. बीजेपी शराब पर पांबदी को लेकर अपनी राय स्पष्ट क्यों नहीं करती. शराबबंदी की मांग पूरे देश में फैल रही है. यह एक सामाजिक अभियान बन चुका है.
बिहारी अस्मिता को फिर मुद्दा बनाते हुए नीतीश ने कहा कि बाहर जाने पर लोग बिहारियों का मजाक बनाते हैं. वाराणसी के पिंडरा में रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'बिहार के लोगों ने महागठबंधन को शक्तिशाली बहुमत देकर बीजेपी को पाठ पढ़ाने का काम किया है. हमने जेडीयू-आरजेडी और कांग्रेस को मिलाकर महागठबंधन का निर्माण किया. लेकिन तब बीजेपी हमारा मजाक बनाती थी.
सूत्रों के अनुसार कैमूर और रोहतास से लोगों की भीड़ जुटाने के लिए 200 बसों को लगाया गया है. पिंडरा से विधानसभा सीट कांग्रेस के पास है. कांग्रेस बिहार में जेडीयू की सहयोगी है. रोहतास और कैमूर में जेडीयू के वरिष्ठ नेता भी प्रचार में जुटे हैं.
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