
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के नतीजों के एलान में उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत विधानसभा के फ्लोर टेस्ट में विजेता घोषित किए गए हैं और अब केंद्र सरकार ने राज्य से राष्ट्रपति शासन हटाने का फैसला किया है.
कल विधानसभा में हुए शक्ति परीक्षण यानि विश्वास मत में पड़े 61 वोटों में से हरीश रावत के पक्ष में 33 वोट पड़े और इस तरह उन्होंने बीजेपी को शर्मनाक शिकस्त का सामना करने पर मजबूर किया. आज सुप्रीम कोर्ट में 61 विधायकों की वोटिंग के बंद लिफाफे को खोला गया और गिनती के बाद हरीश रावत की जीत का एलान हुआ.
हरीश रावत की जीत के साथ ही केंद्र ने उत्तराखंड से राष्ट्रपति शासन हटाने का फैसला किया. अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ ही राज्य से राष्ट्रपति शासन हट जाएगा. ये फ्लोर टेस्ट इसलिए हुआ था कि सत्ता से बेदखल किए गए सीएम हरीश रावत के पास बहुमत है या नहीं.
केंद्र सरकार ने 27 मार्च को इस बिना पर उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लागू
कर दिया था कि कांग्रेस के 9 विधायकों के बागी हो जाने के बाद हरीश रावत की सरकार अपना बहुमत खो चुकी है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आज के नतीजों के एलान में हरीश रावत की जीत और बीजेपी की हार कोई अप्रत्यशित घटना नहीं रही क्योंकि कल जैसे ही उत्तराखंड विधानसभा में बहुमत परीक्षण हुआ.
कांग्रेस के दावे और बीजेपी के कबूलनामे से साफ दिख रहा था कि सत्ता की इस लड़ाई में हरीश रावत की जीत तय है. कल जैसे ही वोटिंग खत्म हुई, कांग्रेस खेमे में खुशी की लहर दौड़ गई और समा जश्न का हो चला था.
उत्तराखंड में ‘हार’ के बाद केजरीवाल बोले, ‘मोदी के लिए करारा झटका। इसलिए फ्लोर टेस्ट में बीजेपी की हार इसलिए तय मानी जा रही थी, क्योंकि स्पीकर की ओर अयोग्य घोषित किए गए कांग्रेस के 9 बागी विधायकों की सदस्यता को सुप्रीम कोर्ट ने बहाल नहीं किया. कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कल इस फ्लोर टेस्ट को लोकतंत्र की जीत करार दिया था.
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