उत्तराखंड में मंगलवार को होने वाले फ्लोर टेस्ट से पहले हरीश रावत के लिए हाईकोर्ट से बड़ी राहत की खबर आई है. उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सोमवार को 9 बागी विधायकों की अर्जी खारिज कर दी है, जिसके बाद ये विधायक मंगलवार को विधानसभा में शक्ति परीक्षण में हिसा नहीं ले पाएंगे.
उत्तराखंड हाईकोर्ट की एकलपीठ ने यह फैसला सुनाया. बागी विधायकों ने विधानसभा स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल फैसले को हाईकोर्ट को चुनौती दी थी. स्पीकर ने इन विधायकाें को अयोग्य करार दिया था. दो दिन पहले न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की एकलपीठ याचिका पर दो घंटे से अधिक समय तक सुनवाई करते इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था. बागी विधायकों ने हाई कोर्ट का फैसला आने के तुरंत बाद सुप्रीम कोर्ट में इसे चुनौती दी.
चीफ जस्टिस ने मामले को जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच के पास भेज दिया है, जो पहले से इस मामले की सुनवाई कर रहे थे. विधायकों की अर्जी पर दोपहर 12:30 बजे से 2 बजे के बीच सुनवाई हो सकती है. नौ बागी विधायकों की सदस्यता के मामले पर उच्च न्यायालय का फैसले का सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर राज्य विधानसभा में 10 मई को होने वाले शक्ति परीक्षण पर सीधा असर होगा.
इन विधायकों के शक्ति परीक्षण में शामिल न होने के बाद अब उत्तराखंड में बहुमत के लिए हरीश रावत को 31 विधायकों का समर्थन चाहिए. बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि राज्य विधानसभा में बीजेपी फ्लोर टेस्ट में जीत दर्ज करेगी. कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि कोर्ट ने जो भी फैसला सुनाया वह मान्य है.
इन विधायकों के शक्ति परीक्षण में शामिल न होने के बाद अब उत्तराखंड में बहुमत के लिए हरीश रावत को 31 विधायकों का समर्थन चाहिए. बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि राज्य विधानसभा में बीजेपी फ्लोर टेस्ट में जीत दर्ज करेगी. कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि कोर्ट ने जो भी फैसला सुनाया वह मान्य है.
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