नई दिल्ली/लखनऊ : बुंदेलखंड को ट्रेन से पानी भेजेने पर नया विवाद खड़ा शुरू हो गया है. केंद्र की तरफ से जो ट्रेन से भेजा गया पानी अखिलेश सरकार ने ठुकरा दिया. इस विवाद के बीच ट्रेन को लेकर नया खुलासा हुआ करते हुए झांसी के डीएम अजय शुक्ला ने दावा किया है कि यार्ड में खड़ी ट्रेन के डिब्बों
में पानी ही नहीं है.
जिलाधिकारी के अनुसार ट्रेन में लगे सभी 10 वैगन को रेल अधिकारियों के सामने चेक किया गया. चेक करने पर सभी वेगन खाली पाए गए. डीएम के दावे पर भरोसा करें तो सवाल जरूर उठेगा कि क्या केंद्र ने खाली ट्रेन भेजी थी. मोदी सरकार ने सूखाग्रस्त बुंदेलखंड में ट्रेन से पानी भेजा था लेकिन यूपी सरकार ने ट्रेन से पानी का ऑफर ये कहते हुए ठुकरा दिया कि इसकी जरूरत नहीं है.
सरकार का दावा है कि इलाके के लोगों की प्यास बुझाने में वो सक्षम है. जबकि हकीकत ये है कि पानी की वजह से हजारों लोग इलाका छोड़कर पलायन कर चुके हैं लेकिन यहां कि सरकार कह रही है कि केंद्र का भेजा पानी नहीं चाहिए. क्योंकि इससे इलाके की छवि खराब होगी.
केंद्र ने बुंदेलखंड की प्यास बुझाने के लिए पानी के जो टैंकर भेजे हैं उसे लखनऊ से 250 किलोमीटर दूर महोबा भेजा जाना है. पानी के 10 टैंकर के साथ ट्रेन झांसी में खड़ी है. यूपी सरकार के पानी नहीं लेने के फैसले के बाद विपक्ष ने राज्य सरकार पर पानी मुहैया कराने का दबाव बढ़ा दिया है.
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