मुंबई : देश के 13 राज्य इस समय सूखे से जूझ रहे हैं। वहीं साइंटिस्ट लोगों को सूखे राहत दिलाने की लगातार कोशिशें कर रहे हैं। साइंटिस्ट समुंदर के पाने से रोज 63 लाख लीटर पीने का पानी बना रहे हैं। साथ ही साइंटिस्ट्स ने वो तरीके भी ईजाद कर लिए हैं जिससे ग्राउंडवॉटर से आर्सेनिक और यूरेनियम को अलग किया जा सकता है।
इस काम में भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (BARC) के साइंटिस्ट्स लगे हुए हैं। फिलहाल इस फ्रेश वॉटर को कुडनकुलम न्यूक्लियर रिएक्टर में यूज किया जा रहा है। इसी तरह के अन्य प्लांट
पंजाब, वेस्ट बंगाल, राजस्थान में भी स्थापित किए गए हैं। बार्क के डायरेक्टर केएन व्यास के अनुसार हमारे साइंटिस्ट्स ने मामूली लागत में कई मेम्ब्रेंस (झिल्लियां) डेवलप की हैं। इनसे ग्राउंडवॉटर में मौजूद यूरेनियम या आर्सेनिक को दूर किया जा सकेगा। बता दें कि हाल ही में नरेंद्र मोदी ने भी कलप्पम के इस वॉटर प्यूरिफायर प्लांट में शिरकत की थी।
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