कांग्रेस नेता 1984 के दंगों के 32 साल बाद बाेले- मैं सिखों से माफी मांगना चाहता हूं


चंडीगढ़ : आखिरकार 32 साल बाद 1984 दंगों के मुख्य आरोपी जगदीश ने सीखो से माफी मांगने की इच्छा जाहिर करते हुए कहा कि वह अकाल तख्त साहिब पर पेश होकर लिखित रूप में माफी मांगने को तैयार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उनका 1984 में हुए सिख दंगों से कोई भी ताल्लुक नहीं है।
जगदीश टाइटलर ने गुरुवार को चंडीगढ़ में कहा कि दंगों की कई जांचें हो चुकी हैं और सीबीआई भी उन्हें क्लीनचिट दे चुकी है लेकिन राजनीतिक कारणों के चलते उन्हें बार-बार इसमें फंसाया जाता रहा है। आगे उन्होंने कहा जिस दिन इंदिरा गांधी की हत्या हुई थी, उस दिन वे अमेठी में थे जबकि 1 नवंबर को जब उनका संस्कार हुआ वह तब भी वहां मौजूद थे। दूरदर्शन से इसकी रिकॉर्डिंग लेकर इसे देखा भी जा सकता है। 
वही टाइटलर ने दावा किया है कि उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थे
दार ज्ञानी गुरबचन सिंह से मिलने के लिए समय मांगा है ताकि वे श्री अकाल तखत साहिब के सामने पेश हो सकें। फिलहाल कड़कड़डूमा कोर्ट इनके खिलाफ मामला चल रहा है।

एसजीपीसी के मेंबर रहे अमरिंदर सिंह ने कहा कि सिखों के कातिलों को माफ़ी कतई नहीं दी जा सकती है। टाइटलर के श्री अकाल तख्त साहिब पर पेश होने का सवाल ही पैदा नहीं होता क्योकि श्री अकाल तख्त साहिब पर केवल सिख ही पेश हो सकते हैं। किसी गैर सिख को पेश होने की इजाजत नहीं है और न ही उसके कोई मायने हैं। उन्हें सख्त सजा मिले।
आम आदमी पार्टी के नेता और कई सालों से दंगा पीड़ितों के केस लड़ रहे सीनियर एडवोकेट एचएस फूलका ने इसे पॉलिटिकल स्टंट बताया है। उन्होंने कहा कि अगले साल चुनाव हैं, इसलिए ऐसा बयान आया है।
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चंडीगढ़ : आखिरकार 32 साल बाद 1984 दंगों के मुख्य आरोपी जगदीश ने सीखो से माफी मांगने की इच्छा जाहिर करते हुए कहा कि वह अकाल तख्त साहिब पर पेश होकर लिखित रूप में माफी मांगने को तैयार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उनका 1984 में हुए सिख दंगों से कोई भी ताल्लुक नहीं है।
जगदीश टाइटलर ने गुरुवार को चंडीगढ़ में कहा कि दंगों की कई जांचें हो चुकी हैं और सीबीआई भी उन्हें क्लीनचिट दे चुकी है लेकिन राजनीतिक कारणों के चलते उन्हें बार-बार इसमें फंसाया जाता रहा है। आगे उन्होंने कहा जिस दिन इंदिरा गांधी की हत्या हुई थी, उस दिन वे अमेठी में थे जबकि 1 नवंबर को जब उनका संस्कार हुआ वह तब भी वहां मौजूद थे। दूरदर्शन से इसकी रिकॉर्डिंग लेकर इसे देखा भी जा सकता है। 
वही टाइटलर ने दावा किया है कि उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थे
दार ज्ञानी गुरबचन सिंह से मिलने के लिए समय मांगा है ताकि वे श्री अकाल तखत साहिब के सामने पेश हो सकें। फिलहाल कड़कड़डूमा कोर्ट इनके खिलाफ मामला चल रहा है।

एसजीपीसी के मेंबर रहे अमरिंदर सिंह ने कहा कि सिखों के कातिलों को माफ़ी कतई नहीं दी जा सकती है। टाइटलर के श्री अकाल तख्त साहिब पर पेश होने का सवाल ही पैदा नहीं होता क्योकि श्री अकाल तख्त साहिब पर केवल सिख ही पेश हो सकते हैं। किसी गैर सिख को पेश होने की इजाजत नहीं है और न ही उसके कोई मायने हैं। उन्हें सख्त सजा मिले।
आम आदमी पार्टी के नेता और कई सालों से दंगा पीड़ितों के केस लड़ रहे सीनियर एडवोकेट एचएस फूलका ने इसे पॉलिटिकल स्टंट बताया है। उन्होंने कहा कि अगले साल चुनाव हैं, इसलिए ऐसा बयान आया है।

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