सुप्रीम कोर्ट ने दी दिल्ली-NCR में डीजल ऑल इंडिया परमिट वाली टैक्सियों को चलाने की इजाजत


सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ऑल इंडिया परमिट वाली डीजल टैक्सी के मालिकों को बड़ी राहत दी. कोर्ट ने आदेश दिया कि कि ऑल इंडिया परमिट वाली डीजल टैक्सियां परमिट खत्म होने तक दिल्ली-एनसीआर में बेरोकटोक चल सकेंगी. हालांकि सर्वोच्च अदालत ने इसके साथ यह भी साफ कर दिया कि दिल्ली-एनसीआर में किसी भी डीजल कार का टैक्सी के तौर पर नया रजिस्ट्रेशन नहीं होगा.
कोर्ट ने यह भी कहा कि टैक्सी सिर्फ पेट्रोल या सीनएनजी से ही चलेंगी. हाई कोर्ट ने दिया रेडियो टैक्सी ड्राइवरों का रिकॉर्ड जुटाने का आदेश, उधर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली मे रेडियो टैक्सी मे सफर करने वाले लोगों की सुरक्षा को लेकर दिल्ली सरकार को महत्वपूर्ण आदेश दिया.
हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को आदेश दिया कि रेडियो टैक्सी कंपनियों में काम कर रहे सभी ड्राइवरों का वेरिफिकेशन, क्रिमिनल रिकॉर्ड, लाइसेंस और इंश्योरेंस से जुड़ी सारी जानकार‍ियां 2 हफ्ते मे जुटाए और रिपोर्ट 4 हफ्ते मे सोपी जाये।
हाई कोर्ट ने कहा कि‍ दिल्ली सरकार इसके लिए नोडल ऑफिसर नियुक्त करे और सरकार और पुलिस इस काम को गंभीरता से पूरा करे. कोर्ट ने कहा कि ये आम लोगों की सुरक्षा से जुड़ा मामला है, जिसे हल्के मे नहीं लिया जा सकता.
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सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ऑल इंडिया परमिट वाली डीजल टैक्सी के मालिकों को बड़ी राहत दी. कोर्ट ने आदेश दिया कि कि ऑल इंडिया परमिट वाली डीजल टैक्सियां परमिट खत्म होने तक दिल्ली-एनसीआर में बेरोकटोक चल सकेंगी. हालांकि सर्वोच्च अदालत ने इसके साथ यह भी साफ कर दिया कि दिल्ली-एनसीआर में किसी भी डीजल कार का टैक्सी के तौर पर नया रजिस्ट्रेशन नहीं होगा.
कोर्ट ने यह भी कहा कि टैक्सी सिर्फ पेट्रोल या सीनएनजी से ही चलेंगी. हाई कोर्ट ने दिया रेडियो टैक्सी ड्राइवरों का रिकॉर्ड जुटाने का आदेश, उधर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली मे रेडियो टैक्सी मे सफर करने वाले लोगों की सुरक्षा को लेकर दिल्ली सरकार को महत्वपूर्ण आदेश दिया.
हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को आदेश दिया कि रेडियो टैक्सी कंपनियों में काम कर रहे सभी ड्राइवरों का वेरिफिकेशन, क्रिमिनल रिकॉर्ड, लाइसेंस और इंश्योरेंस से जुड़ी सारी जानकार‍ियां 2 हफ्ते मे जुटाए और रिपोर्ट 4 हफ्ते मे सोपी जाये।
हाई कोर्ट ने कहा कि‍ दिल्ली सरकार इसके लिए नोडल ऑफिसर नियुक्त करे और सरकार और पुलिस इस काम को गंभीरता से पूरा करे. कोर्ट ने कहा कि ये आम लोगों की सुरक्षा से जुड़ा मामला है, जिसे हल्के मे नहीं लिया जा सकता.

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